Property Rules: सिर्फ रजिस्ट्री से नहीं मिलती प्रॉपर्टी की मालिकाना हक! जानिए कौन सा डॉक्यूमेंट है असली गेमचेंजर

Property Rules: सिर्फ रजिस्ट्री से नहीं मिलती प्रॉपर्टी की मालिकाना हक! जानिए कौन सा डॉक्यूमेंट है असली गेमचेंजर
Property Rules: सिर्फ रजिस्ट्री से नहीं मिलती प्रॉपर्टी की मालिकाना हक! जानिए कौन सा डॉक्यूमेंट है असली गेमचेंजर
Property Rules: सिर्फ रजिस्ट्री से नहीं मिलती प्रॉपर्टी की मालिकाना हक! जानिए कौन सा डॉक्यूमेंट है असली गेमचेंजर

संपत्ति (Property) खरीदते समय अधिकतर लोग रजिस्ट्री (Registry) को ही मुख्य दस्तावेज मानते हैं और इसे पूरा करवा लेने के बाद निश्चिंत हो जाते हैं कि वे संपत्ति के कानूनी मालिक बन चुके हैं। हालांकि, यह धारणा पूरी तरह सही नहीं है। केवल रजिस्ट्री (Registry) से संपत्ति का मालिकाना हक सुनिश्चित नहीं होता है। मालिकाना हक प्राप्त करने के लिए म्यूटेशन (Mutation) कराना आवश्यक होता है।

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रजिस्ट्री (Registry) संपत्ति की खरीद में एक महत्वपूर्ण कदम है, लेकिन म्यूटेशन (Mutation) कराए बिना संपत्ति का पूर्ण स्वामित्व प्राप्त नहीं होता है। भविष्य में कानूनी विवादों और समस्याओं से बचने के लिए संपत्ति खरीदने के तुरंत बाद म्यूटेशन करवाना आवश्यक है।

रजिस्ट्री (Registry) से नहीं मिलता पूर्ण मालिकाना हक

रजिस्ट्री (Registry) संपत्ति का एक महत्वपूर्ण दस्तावेज है, लेकिन यह प्रमाणित नहीं करता कि संपत्ति का मालिकाना हक उसी व्यक्ति के पास है जिसने रजिस्ट्री करवाई है। यह सिर्फ संपत्ति के क्रय-विक्रय का प्रमाण है। अगर रजिस्ट्री (Registry) के बाद म्यूटेशन (Mutation) नहीं करवाया गया है, तो भविष्य में संपत्ति के स्वामित्व को लेकर विवाद उत्पन्न हो सकता है।

म्यूटेशन (Mutation) का महत्व

म्यूटेशन (Mutation) का अर्थ है संपत्ति के रिकॉर्ड में वर्तमान मालिक के नाम का दर्ज होना। म्यूटेशन के बिना संपत्ति के अधिकारिक दस्तावेजों में संपत्ति का स्वामी पुराना मालिक ही दर्ज रहता है। इसके कारण नए मालिक को कानूनी अधिकार नहीं मिलते, भले ही उसके पास रजिस्ट्री (Registry) हो।

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यदि म्यूटेशन (Mutation) नहीं हुआ है तो भविष्य में कानूनी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं, जैसे कि प्रॉपर्टी टैक्स (Property Tax) का भुगतान करने में समस्या या संपत्ति के अधिकार को साबित करने में कठिनाई।

म्यूटेशन (Mutation) कैसे करवाएं?

भारत में संपत्ति मुख्य रूप से तीन प्रकार की होती है:

  • खेती की जमीन
  • आवासीय जमीन
  • औद्योगिक जमीन

इनमें से प्रत्येक प्रकार की संपत्ति का म्यूटेशन अलग-अलग प्रक्रियाओं के माध्यम से किया जाता है।

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खेती की जमीन का म्यूटेशन

खेती की जमीन का म्यूटेशन संबंधित पटवारी हल्के के पटवारी द्वारा किया जाता है। इसके लिए जमीन के क्रय-विक्रय से संबंधित दस्तावेजों के साथ संबंधित कार्यालय में आवेदन करना आवश्यक होता है।

आवासीय जमीन का म्यूटेशन

आवासीय जमीन का रिकॉर्ड नगर निगम, नगर पालिका, नगर परिषद, या गांव के मामले में ग्राम पंचायत के पास रखा जाता है। संपत्ति खरीदने के बाद आवश्यक दस्तावेजों के साथ इन कार्यालयों में जाकर म्यूटेशन कराना चाहिए।

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औद्योगिक जमीन का म्यूटेशन

औद्योगिक जमीन का रिकॉर्ड औद्योगिक विकास केंद्र (Industrial Development Center) में रखा जाता है। संपत्ति खरीदने के बाद संबंधित केंद्र में जाकर म्यूटेशन प्रक्रिया पूरी करनी चाहिए।

म्यूटेशन (Mutation) के लिए आवश्यक दस्तावेज

म्यूटेशन करवाते समय निम्नलिखित दस्तावेजों की आवश्यकता होती है:

  • सेल डीड (Sale Deed)
  • रजिस्ट्री दस्तावेज (Registry Documents)
  • खरीदार और विक्रेता के पहचान प्रमाण (ID Proof)
  • प्रॉपर्टी टैक्स की रसीद (Property Tax Receipt)
  • संपत्ति से संबंधित अन्य आवश्यक दस्तावेज

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म्यूटेशन न कराने के संभावित खतरे

अगर म्यूटेशन (Mutation) नहीं करवाया गया है, तो इसके निम्नलिखित दुष्परिणाम हो सकते हैं:

  • संपत्ति पर मालिकाना हक साबित करने में समस्या
  • प्रॉपर्टी टैक्स (Property Tax) संबंधी विवाद
  • संपत्ति को पुनः बेचने या स्थानांतरित करने में कानूनी अड़चनें
  • भविष्य में संपत्ति पर दावा करने वाले अन्य व्यक्तियों द्वारा उत्पन्न विवाद
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By Rohit Kumar

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