
केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शनिवार, 08 मार्च 2025 को कई अहम मुद्दों पर अपनी राय रखी। उन्होंने कहा कि भारत हमेशा अपने पड़ोसी देशों के साथ मजबूत संबंध बनाए रखने की कोशिश करता है। उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के कथन को दोहराते हुए कहा, “हम अपने दोस्त बदल सकते हैं, लेकिन पड़ोसी नहीं।”
उन्होंने जोर देकर कहा कि बांग्लादेश भारत का महत्वपूर्ण पड़ोसी है और दोनों देशों के रिश्तों को और मजबूत करना आवश्यक है। यह बयान ऐसे समय आया है जब भारत अपने पड़ोसी देशों के साथ कूटनीतिक संबंधों को मजबूत करने के प्रयास कर रहा है।
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राजनाथ सिंह के इन बयानों से यह स्पष्ट होता है कि सरकार रक्षा, कूटनीति, राजनीति और प्रशासन से जुड़े कई अहम मुद्दों पर सक्रिय रूप से काम कर रही है। अब देखने वाली बात यह होगी कि सरकार इन सभी मुद्दों पर आगे क्या ठोस कदम उठाती है।
सेना में महिलाओं की भागीदारी पर बड़ा फैसला
भारतीय सेना में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने को लेकर सरकार ने बड़ा निर्णय लिया है। रक्षा मंत्री ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रबल इच्छा थी कि भारतीय सेना में महिलाओं को और अधिक अवसर मिलें। उन्होंने कहा, “अगर प्राचीन भारत की महिलाओं ने युद्धों में बहादुरी दिखाई थी, तो आज की महिलाएं क्यों नहीं?”
उन्होंने यह भी कहा कि खेल, शिक्षा और अन्य क्षेत्रों में महिलाओं की बढ़ती भागीदारी को देखते हुए सेना में भी उन्हें समान अवसर मिलना चाहिए। यह फैसला महिलाओं को सशस्त्र बलों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए प्रेरित करेगा।
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PoK पर बड़ा बयान: ‘खुद भारत में शामिल होंगे लोग’
पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) पर रक्षा मंत्री ने बड़ा बयान दिया। उन्होंने स्पष्ट किया कि पाकिस्तान से PoK वापस लेने के लिए भारत को कुछ करने की जरूरत नहीं पड़ेगी। राजनाथ सिंह ने कहा, “मुझे विश्वास है कि PoK के लोग खुद ही भारत में विलय की मांग करेंगे। भारत की तेज़ी से बढ़ती अर्थव्यवस्था और वैश्विक प्रतिष्ठा को देखकर वहां के लोगों को एहसास हो रहा है कि उनका असली विकास भारत का हिस्सा बनने में ही है।”
वक्फ बोर्ड पर सरकार का रुख
वक्फ बोर्ड के मामलों पर सरकार का रुख स्पष्ट करते हुए रक्षा मंत्री ने कहा कि सरकार जाति, धर्म या आस्था के आधार पर भेदभाव नहीं करती। उन्होंने बताया कि वक्फ बोर्ड की कई संपत्तियों का उपयोग मुस्लिम समुदाय के लाभ के लिए नहीं किया जा रहा है।
उन्होंने यह भी कहा कि सरकार ने इस मुद्दे को हल करने के लिए भारतीय संसद में एक संशोधन विधेयक पेश किया है, जो जल्द ही पारित हो सकता है।
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परिसीमन पर राजनाथ सिंह का समर्थन
राजनाथ सिंह ने परिसीमन (Delimitation) को लेकर भी अपना पक्ष रखा। उन्होंने कहा, “परिसीमन की अनुमति दी जानी चाहिए। अगर एमके स्टालिन को कोई आपत्ति है, तो वह उसे उठाने के लिए स्वतंत्र हैं।” उन्होंने स्पष्ट किया कि लोकसभा और विधानसभा सीटों की संख्या सभी राज्यों में स्वाभाविक रूप से बढ़ेगी, चाहे वह उत्तर भारत हो या दक्षिण भारत।
‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ पर राजनाथ सिंह का समर्थन
रक्षा मंत्री ने ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ (One Nation, One Election) के समर्थन में बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा कि यह कदम बहुत पहले उठाया जाना चाहिए था। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस पहल के लिए साधुवाद दिया।
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उन्होंने बताया कि इस नीति से सरकार के लाखों करोड़ों रुपये की भारी बचत होगी और चुनावी प्रक्रिया अधिक सुचारू और पारदर्शी बनेगी। उन्होंने कहा कि इससे प्रशासनिक जटिलताओं में कमी आएगी और नीति-निर्माण में स्थिरता बनी रहेगी।
विपक्षी नेताओं पर तंज: ‘परमात्मा उन्हें सद्बुद्धि दे’
महाकुंभ में शामिल न होने वाले विपक्षी नेताओं पर कटाक्ष करते हुए रक्षा मंत्री ने कहा, “परमात्मा उन्हें भी सद्बुद्धि दे।” उन्होंने आगे कहा कि भारत की प्राचीन परंपराओं और संस्कृति के प्रति सभी की आस्था होनी चाहिए।
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दिल्ली सरकार की ‘महिला समृद्धि योजना’ पर प्रतिक्रिया
दिल्ली सरकार की ‘महिला समृद्धि योजना’ पर राजनाथ सिंह ने सकारात्मक प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि चुनावी वादों को पूरा करने के लिए दिल्ली सरकार को धन्यवाद देना चाहिए। उन्होंने राजनीतिक दलों को अपने वादों पर कायम रहने की सलाह दी और कहा, “विश्वसनीयता की कमी से जनता का भरोसा टूटता है।“