
गढ़वा जिला अंतर्गत बरडीहा प्रखंड में Ration Card e-KYC को लेकर प्रशासन ने कड़ा रुख अपनाया है। प्रखंड विकास पदाधिकारी सह अंचलाधिकारी राकेश सहाय ने स्पष्ट शब्दों में कहा है कि यदि तय समय सीमा के भीतर शत प्रतिशत ई-केवाईसी पूरा नहीं होता है, तो न केवल राशन डीलरों बल्कि संबंधित मुखिया पर भी कार्रवाई की जाएगी। अभी तक लगभग 11 हजार लाभुकों का e-KYC लंबित है और अंतिम तिथि 30 अप्रैल 2025 निर्धारित की गई है।
12 घंटे के भीतर पंचायत स्तरीय बैठक का आदेश
बरडीहा प्रखंड के बीडीओ ने सभी पंचायतों के मुखिया को सख्त निर्देश दिया है कि वे 12 घंटे के भीतर अपने पंचायत के राशन डीलरों के साथ बैठक करें और लाभुकों का ई-केवाईसी सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि समय पर ई-केवाईसी नहीं कराने वाले डीलरों पर जैसे अब तक लापरवाही और आपराधिक लापरवाही का केस बनता आया है, ठीक वैसे ही संबंधित पंचायत प्रतिनिधियों को भी इसके लिए बराबर जिम्मेदार माना जाएगा।
11 हजार लाभुक अब तक वंचित, डीलरों पर लापरवाही का आरोप
राकेश सहाय ने बताया कि प्रखंड क्षेत्र में अब तक करीब 11,000 राशन कार्ड धारकों का e-KYC नहीं हुआ है। उन्होंने इसे डीलरों की लापरवाही करार दिया और चेताया कि यह एक तरह की आपराधिक लापरवाही मानी जाएगी। उन्होंने सभी संबंधित अधिकारियों और पंचायत प्रतिनिधियों को चेतावनी दी कि अब केवल निर्देश देने का समय नहीं है, बल्कि सख्ती से कार्रवाई की जाएगी।
30 अप्रैल 2025 है अंतिम तिथि
ई-केवाईसी को लेकर राज्य सरकार ने अंतिम तिथि 30 अप्रैल 2025 निर्धारित की है। इसके बाद जिन लाभुकों का e-KYC नहीं हुआ होगा, उनका Ration Card अमान्य हो सकता है और उन्हें सरकारी खाद्यान्न योजनाओं का लाभ नहीं मिलेगा। इस बाबत पहले भी लिखित निर्देश और समाचार माध्यमों के जरिए जानकारी दी जा चुकी है, इसके बावजूद इतनी बड़ी संख्या में ई-केवाईसी का लंबित रहना गंभीर विषय बन चुका है।
बीडीओ की सख्त चेतावनी: कार्रवाई तय है
बीडीओ ने कहा कि यह अंतिम चेतावनी मानी जाए। अगर 30 अप्रैल तक सभी लाभुकों का ई-केवाईसी पूरा नहीं होता है, तो प्रशासन की ओर से जवाबदेही तय करते हुए संबंधित मुखिया, पंचायत सचिव और डीलरों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि ऐसे मामलों को केवल लापरवाही नहीं, बल्कि जनहित से खिलवाड़ मानते हुए दंडात्मक प्रक्रिया अपनाई जाएगी।
पंचायत प्रतिनिधियों की भूमिका बनी अहम
प्रशासनिक निर्देशों के बाद पंचायत प्रतिनिधियों की भूमिका अब केवल नाममात्र की नहीं रह गई है। ई-केवाईसी जैसे तकनीकी और प्रशासनिक कार्यों में सक्रिय भागीदारी और नेतृत्व की उनसे अपेक्षा की जा रही है। मुखियाओं को अपनी पंचायत में यह सुनिश्चित करना होगा कि कोई भी लाभुक वंचित न रह जाए।
लाभुकों के लिए यह है जरूरी चेतावनी
जिन लाभुकों ने अभी तक अपना e-KYC नहीं कराया है, उन्हें जल्द से जल्द अपने नजदीकी डीलर या CSC (Common Service Center) में जाकर यह प्रक्रिया पूरी करनी चाहिए। अन्यथा, आगामी महीनों में उनके Ration Card से मिलने वाले लाभ बंद हो सकते हैं। सरकार की ओर से इस प्रक्रिया को सरल बनाया गया है, ताकि कोई भी नागरिक इससे वंचित न रहे।
टेक्नोलॉजी आधारित पहचान जरूरी, पारदर्शिता में सुधार की दिशा
ई-केवाईसी (e-KYC) एक डिजिटल प्रक्रिया है जो लाभुक की पहचान को आधार से जोड़ने के लिए की जाती है। इसका उद्देश्य सरकारी योजनाओं में पारदर्शिता लाना और फर्जी लाभार्थियों को सिस्टम से बाहर करना है। इससे न केवल सरकारी संसाधनों की बचत होती है, बल्कि वास्तविक लाभुकों तक योजनाओं का लाभ भी समय पर पहुंचता है।