
हाल ही में, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने IndusInd Bank में वित्तीय अनियमितताओं के चलते महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। बैंक के डेरिवेटिव्स पोर्टफोलियो में पाए गए इन विसंगतियों ने बैंक की वित्तीय स्थिरता और प्रबंधन पर सवाल खड़े कर दिए हैं। इस लेख में, हम इस मामले की विस्तृत जानकारी प्रदान करेंगे और जानेंगे कि बैंक को अब कौन से आवश्यक कदम उठाने होंगे।
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IndusInd Bank में हालिया वित्तीय विसंगतियों ने बैंकिंग क्षेत्र में पारदर्शिता और सुदृढ़ आंतरिक नियंत्रण की आवश्यकता को उजागर किया है। RBI की त्वरित प्रतिक्रिया और बैंक की सुधारात्मक कार्यवाही से उम्मीद है कि बैंक अपनी वित्तीय स्थिरता को बनाए रखेगा और ग्राहकों का विश्वास बहाल करेगा।
वित्तीय विसंगतियों का खुलासा
मार्च 2025 की शुरुआत में, IndusInd Bank ने अपनी आंतरिक समीक्षा के दौरान डेरिवेटिव्स पोर्टफोलियो से संबंधित प्रक्रियाओं में कुछ विसंगतियों का पता लगाया। इन विसंगतियों का अनुमानित प्रभाव बैंक की शुद्ध संपत्ति पर 2.35% था, जो लगभग ₹1,600 करोड़ के बाद-कर और ₹2,100 करोड़ के पूर्व-कर के बराबर है।
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RBI की प्रतिक्रिया
इन विसंगतियों के प्रकाश में आने के बाद, RBI ने बैंक के बोर्ड और प्रबंधन को निर्देश दिया कि वे आवश्यक सुधारात्मक कार्यवाही वर्तमान तिमाही (Q4FY25) में पूरी करें। साथ ही, बैंक को सभी हितधारकों को आवश्यक खुलासे करने के लिए कहा गया है।
बैंक की वित्तीय स्थिति
RBI ने आश्वासन दिया है कि IndusInd Bank की वित्तीय स्थिति संतोषजनक है। दिसंबर 2024 की तिमाही के लिए बैंक के ऑडिटर-समिक्षित वित्तीय परिणामों के अनुसार, बैंक ने 16.46% की पूंजी पर्याप्तता अनुपात (Capital Adequacy Ratio) और 70.20% की प्रावधान कवरेज अनुपात (Provision Coverage Ratio) बनाए रखी है। इसके अलावा, 9 मार्च 2025 तक बैंक की तरलता कवरेज अनुपात (Liquidity Coverage Ratio) 113% थी, जो नियामक आवश्यकता 100% से अधिक है।
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CEO का कार्यकाल विस्तार
इन घटनाओं के बीच, यह भी उल्लेखनीय है कि RBI ने बैंक के मौजूदा प्रबंध निदेशक और CEO, सुमंत कथपालिया, के कार्यकाल को तीन वर्षों के बजाय केवल एक वर्ष के लिए बढ़ाया है। यह निर्णय बैंक के नेतृत्व और प्रबंधन पर नियामक चिंताओं को इंगित करता है।
बैंक के शेयर मूल्य पर प्रभाव
वित्तीय विसंगतियों और CEO के कार्यकाल में कटौती की खबरों के बाद, IndusInd Bank के शेयर मूल्य में महत्वपूर्ण गिरावट देखी गई। हालांकि, RBI द्वारा बैंक की वित्तीय स्थिरता पर आश्वासन देने के बाद, शेयर मूल्य में कुछ सुधार हुआ है।
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आगे की राह
बैंक ने एक बाहरी ऑडिट टीम को नियुक्त किया है जो वर्तमान सिस्टम की व्यापक समीक्षा करेगी और वास्तविक प्रभाव का मूल्यांकन करेगी। RBI ने बैंक के बोर्ड और प्रबंधन को निर्देश दिया है कि वे इस तिमाही के भीतर सभी सुधारात्मक कार्यवाही पूरी करें और सभी हितधारकों को आवश्यक खुलासे करें।