
Reserve Bank of India यानी RBI ने देश की प्रमुख बैंकों जैसे SBI, HDFC, ICICI, PNB और अन्य को एक बड़ा निर्देश जारी किया है, जिसके तहत इन सभी बैंकों को अपनी नेट बैंकिंग वेबसाइट्स का URL बदलना होगा। अब इन बैंकों को अपनी वेबसाइट्स को मौजूदा डोमेन से ‘. bank.in’ पर ट्रांसफर करना अनिवार्य कर दिया गया है। यह फैसला डिजिटल पेमेंट में धोखाधड़ी की घटनाओं को रोकने और साइबर सुरक्षा को मज़बूती देने के लिए लिया गया है।
क्यों जरूरी है ‘. bank.in’ डोमेन?
RBI के अनुसार, ‘.bank.in’ डोमेन खासतौर पर केवल बैंकों के लिए आरक्षित किया गया है। इसका मुख्य उद्देश्य फर्जी वेबसाइट्स और फिशिंग अटैक्स को रोकना है। मौजूदा समय में नेट बैंकिंग यूज़र्स की संख्या में जबरदस्त वृद्धि हुई है, लेकिन इसी के साथ ऑनलाइन फ्रॉड के मामले भी तेजी से बढ़े हैं। नए डोमेन की मदद से यूज़र्स आसानी से पहचान सकेंगे कि वे बैंक की असली वेबसाइट पर हैं या किसी नकली प्लेटफॉर्म पर।
7 फरवरी 2025 को हुआ था फैसला, 31 अक्टूबर तक पूरी करनी है प्रक्रिया
RBI ने 7 फरवरी 2025 को इस दिशा में कदम उठाते हुए सभी बैंकों को निर्देश दिया था कि वे अपनी वेबसाइट्स को ‘.bank.in’ डोमेन पर शिफ्ट करें। यह प्रक्रिया अप्रैल 2025 से शुरू हो चुकी है, और इसे 31 अक्टूबर 2025 तक पूरा करना अनिवार्य होगा। इस डेडलाइन तक सभी बैंक अपनी ऑनलाइन सेवाओं को नए डोमेन पर ले जाएंगे।
IDRBT को सौंपी गई जिम्मेदारी, NIXI करेगा रजिस्ट्रेशन
इस कार्य के सफल क्रियान्वयन के लिए RBI ने इंस्टिट्यूट फॉर डेवलपमेंट एंड रिसर्च इन बैंकिंग टेक्नोलॉजी (IDRBT) को जिम्मेदारी सौंपी है। IDRBT को इस नए डोमेन का रजिस्ट्रार बनाया गया है, जिसकी पुष्टि नेशनल इंटरनेट एक्सचेंज ऑफ इंडिया (NIXI) ने की है। यह पूरा कार्य इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) की देखरेख में किया जा रहा है।
IDRBT बैंकों को ‘.bank.in’ डोमेन पर माइग्रेशन की पूरी प्रक्रिया समझाएगा और तकनीकी सहायता प्रदान करेगा। इससे सुनिश्चित किया जाएगा कि ट्रांजिशन सुचारू रूप से हो और ग्राहकों की सेवाओं में किसी प्रकार का व्यवधान न आए।
डिजिटल पेमेंट सिस्टम को मिलेगी मजबूती
इस परिवर्तन का सबसे बड़ा लाभ ग्राहकों को होगा, क्योंकि इससे डिजिटल बैंकिंग अधिक सुरक्षित (Secure) बन जाएगी। ‘.bank.in’ डोमेन केवल अधिकृत और वैध बैंकों को ही मिलेगा, जिससे किसी भी प्रकार की फर्जी वेबसाइट या फिशिंग साइट का निर्माण लगभग असंभव हो जाएगा। यह कदम डिजिटल इंडिया मिशन के अंतर्गत साइबर सेफ्टी को मजबूत करने की दिशा में बड़ा और निर्णायक माना जा रहा है।
क्या होगा आगे?
आरबीआई की योजना सिर्फ यहीं तक सीमित नहीं है। भविष्य में फाइनेंशियल सेक्टर के लिए एक नया डोमेन ‘.fin.in’ भी लॉन्च किया जाएगा। इसका उद्देश्य है कि वित्तीय सेवाएं एक संरचित, सुरक्षित और प्रमाणिक डिजिटल ढांचे के तहत संचालित की जाएं। इससे न सिर्फ ग्राहकों का भरोसा बढ़ेगा बल्कि बैंकों की विश्वसनीयता और सेवा गुणवत्ता में भी इज़ाफा होगा।
आम लोगों को होगा सीधा फायदा
यूज़र्स के लिए यह बदलाव बहुत राहत भरा है। उन्हें अब यह सुनिश्चित करने की सुविधा मिलेगी कि वे किसी फिशिंग वेबसाइट पर नहीं, बल्कि वास्तविक बैंकिंग साइट पर हैं। इससे ऑनलाइन धोखाधड़ी की संभावना में भारी कमी आएगी और ग्राहक अधिक आत्मविश्वास के साथ डिजिटल ट्रांजेक्शन कर सकेंगे। नेट बैंकिंग और UPI ट्रांजेक्शन को लेकर जो डर और असमंजस बना रहता है, वह भी इस नए सिस्टम के बाद काफी हद तक समाप्त हो जाएगा।
RBI का दीर्घकालिक विजन
RBI का यह कदम न सिर्फ वर्तमान डिजिटल फ्रॉड को नियंत्रित करने के लिए है, बल्कि इसका लक्ष्य आने वाले समय में भारत के डिजिटल बैंकिंग इकोसिस्टम को विश्व स्तरीय सुरक्षा और भरोसे के स्तर तक ले जाना है। इस कदम से भारत वैश्विक मानकों की ओर एक ठोस कदम बढ़ा रहा है, जिसमें साइबर सुरक्षा, डाटा प्रोटेक्शन और ग्राहक हितों की रक्षा को प्राथमिकता दी गई है।