
नई दिल्ली: नेशनल पेमेंट कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) जल्द ही यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) में बड़े बदलाव करने की योजना बना रहा है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, NPCI UPI के “कलेक्ट पेमेंट” फीचर को पर्सन-टू-पर्सन (P2P) ट्रांजेक्शन से हटाने जा रहा है। हालांकि, यह सुविधा व्यापारिक लेनदेन (मर्चेंट ट्रांजेक्शन) के लिए जारी रहेगी। NPCI का यह कदम UPI पेमेंट से जुड़े धोखाधड़ी के बढ़ते मामलों को देखते हुए उठाया गया है। इस बदलाव के बाद यूपीआई भुगतान की प्रक्रिया अधिक सुरक्षित और भरोसेमंद हो सकती है।
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UPI में होने वाले ऑनलाइन फ्रॉड को रोकने के लिए NPCI एक बड़ा कदम उठाने जा रहा है। “कलेक्ट पेमेंट” फीचर को व्यक्तिगत लेनदेन से हटाने का फैसला डिजिटल भुगतान को सुरक्षित बनाने की दिशा में एक अहम पहल है। NPCI का यह बदलाव UPI यूजर्स को अनचाही पेमेंट रिक्वेस्ट से बचाने और QR कोड तथा पुश पेमेंट जैसे अधिक सुरक्षित तरीकों को अपनाने के लिए प्रेरित करेगा।
क्या है UPI का “कलेक्ट पेमेंट” फीचर?
UPI का “कलेक्ट पेमेंट” या “पूल पेमेंट” फीचर व्यापारी (Merchant) को ग्राहक से भुगतान मांगने की सुविधा देता है। इसका उपयोग खासतौर पर ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म और ऑनलाइन बिजनेस के लिए किया जाता है। जब ग्राहक ऑनलाइन शॉपिंग के दौरान UPI पेमेंट ऑप्शन चुनते हैं, तो वे अपने UPI ऐप पर रीडायरेक्ट हो जाते हैं, जहां उन्हें पेमेंट रिक्वेस्ट अप्रूव करनी होती है। इस प्रक्रिया में ग्राहक को केवल पिन डालना होता है, और पेमेंट पूरा हो जाता है।
व्यक्तिगत लेनदेन (P2P ट्रांजेक्शन) में इसका बहुत ज्यादा उपयोग नहीं होता, लेकिन व्यापारी और बिजनेस के लिए यह एक महत्वपूर्ण फीचर है। NPCI अब इस सुविधा को व्यक्तिगत लेनदेन से हटाने और केवल व्यापारी भुगतानों तक सीमित रखने की योजना बना रहा है।
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NPCI क्यों कर रहा है यह बदलाव?
NPCI ने UPI में “कलेक्ट पेमेंट” फीचर से होने वाली धोखाधड़ी को रोकने के लिए इसे धीरे-धीरे खत्म करने का फैसला किया है।
UPI फ्रॉड के बढ़ते मामले
UPI का दुरुपयोग कई प्रकार के साइबर फ्रॉड में किया जा रहा है। खासतौर पर “कलेक्ट पेमेंट” फीचर के जरिए धोखाधड़ी के मामले बढ़े हैं। साइबर अपराधी लोगों के मोबाइल पर फर्जी पेमेंट रिक्वेस्ट भेजते हैं। कई बार अनजाने में यूजर इस रिक्वेस्ट को अप्रूव कर देता है और तुरंत उसके बैंक खाते से पैसे कट जाते हैं।
NPCI का लक्ष्य – सुरक्षित UPI ट्रांजेक्शन
NPCI इस फीचर को हटाकर UPI पेमेंट को और सुरक्षित बनाना चाहता है। NPCI का मानना है कि QR कोड आधारित पेमेंट और पुश ट्रांजेक्शन मॉडल ज्यादा सुरक्षित हैं। इस बदलाव के बाद यूजर्स केवल अपने UPI ऐप के जरिए QR कोड स्कैन करके या सीधे UPI ID डालकर भुगतान कर सकेंगे।
QR कोड आधारित पेमेंट को मिलेगा बढ़ावा
NPCI अब QR कोड पेमेंट और पुश ट्रांजेक्शन (Push Transaction) को प्रमोट करने पर ध्यान दे रहा है। QR कोड भुगतान की एक सुरक्षित तकनीक मानी जाती है।
QR कोड पेमेंट कैसे सुरक्षित है?
- QR कोड पेमेंट में ग्राहक खुद से भुगतान करता है, जिससे अनजान लोगों से आने वाली फर्जी पेमेंट रिक्वेस्ट से बचा जा सकता है।
- व्यापारी के QR कोड को स्कैन करने पर ही भुगतान होता है, जिससे धोखाधड़ी की संभावना कम हो जाती है।
- ग्राहक को अपने यूपीआई पिन का उपयोग केवल तभी करना पड़ता है जब वह जानबूझकर भुगतान कर रहा हो।
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पुश ट्रांजेक्शन को मिलेगा बढ़ावा
NPCI अब पुश ट्रांजेक्शन को भी प्राथमिकता देने जा रहा है। पुश ट्रांजेक्शन में उपयोगकर्ता खुद ही भुगतान करने के लिए UPI ऐप खोलता है और मैन्युअली UPI ID, मोबाइल नंबर, या QR कोड के जरिए भुगतान करता है।
इस बदलाव के बाद, किसी भी अनजान व्यक्ति या नंबर से आने वाली फर्जी पेमेंट रिक्वेस्ट का झंझट खत्म हो जाएगा। इससे UPI के जरिए होने वाले साइबर फ्रॉड में भारी कमी आने की संभावना है।
क्या होगा इस बदलाव का असर?
- आम लोगों को धोखाधड़ी से बचाने के लिए UPI पेमेंट अधिक सुरक्षित बनेगा।
- QR कोड और पुश ट्रांजेक्शन को बढ़ावा मिलेगा, जिससे डिजिटल भुगतान में पारदर्शिता बढ़ेगी।
- व्यापारी पहले की तरह “कलेक्ट पेमेंट” फीचर का इस्तेमाल कर सकेंगे, लेकिन व्यक्तिगत लेनदेन में इसका उपयोग नहीं हो सकेगा।