
क्रिकेट जगत में शोक की लहर दौड़ गई जब सबसे उम्रदराज जीवित टेस्ट क्रिकेटर रॉन ड्रेपर का 98 वर्ष की आयु में निधन हो गया। साउथ अफ्रीका के इस अनुभवी क्रिकेटर ने शुक्रवार, 28 फरवरी 2025 को अंतिम सांस ली। उनके निधन की पुष्टि उनके दामाद नील थॉमसन ने की।
रॉन ड्रेपर का जन्म 24 दिसंबर 1926 को हुआ था और उन्होंने 1950 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ दक्षिण अफ्रीका के लिए टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण किया था। अपने छोटे टेस्ट करियर में उन्होंने केवल दो मैच खेले, लेकिन प्रथम श्रेणी क्रिकेट में उनकी उपलब्धियां शानदार रहीं।
नील हार्वे बने सबसे उम्रदराज जीवित टेस्ट क्रिकेटर
रॉन ड्रेपर के निधन के बाद, ऑस्ट्रेलिया के पूर्व क्रिकेटर नील हार्वे अब सबसे उम्रदराज जीवित टेस्ट क्रिकेटर बन गए हैं। हार्वे वर्तमान में 96 वर्ष के हैं और उन्होंने भी अपने दौर में ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट को गौरवान्वित किया था।
इससे पहले, दक्षिण अफ्रीका के ही नॉर्मन गॉर्डन और जॉन वॉटकिंस सबसे उम्रदराज टेस्ट क्रिकेटर रहे थे। नॉर्मन गॉर्डन का 2016 में 103 वर्ष की उम्र में निधन हुआ था, जबकि जॉन वॉटकिंस ने 98 वर्ष तक जीवित रहकर 2021 में अंतिम सांस ली थी।
रॉन ड्रेपर का क्रिकेट करियर
रॉन ड्रेपर ने अपने 19वें जन्मदिन पर प्रथम श्रेणी क्रिकेट में पदार्पण किया था और अपने पहले ही मैच में शतक जड़ दिया था। इसके बाद, उन्होंने 1949-50 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ एक घरेलू मैच में 86 रन बनाए, जिसके बाद उन्हें दक्षिण अफ्रीकी टेस्ट टीम में शामिल किया गया। हालांकि, वे अपने टेस्ट करियर में केवल 25 रन ही बना सके।
लेकिन प्रथम श्रेणी क्रिकेट में उनका प्रदर्शन शानदार रहा। उन्होंने 1959-60 तक प्रथम श्रेणी क्रिकेट खेला और 41.64 की औसत से रन बनाए। उनका सबसे खास प्रदर्शन 1952-53 के सीजन में आया, जब उन्होंने एक ही मैच में दो शतक जमाए और यह उपलब्धि हासिल करने वाले पहले दक्षिण अफ्रीकी खिलाड़ी बने।
रॉन ड्रेपर का निधन और क्रिकेट जगत की प्रतिक्रिया
रॉन ड्रेपर का निधन मंगलवार, 25 फरवरी 2025 को उनके घर पर गकबेर्हा में हुआ था, लेकिन उनके परिवार ने शुक्रवार, 28 फरवरी को इस खबर की पुष्टि की। उनके निधन के बाद क्रिकेट जगत में शोक की लहर दौड़ गई। दक्षिण अफ्रीकी क्रिकेट बोर्ड और कई पूर्व क्रिकेटरों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी।
क्रिकेट के लिए उनकी विरासत
रॉन ड्रेपर का क्रिकेट करियर भले ही बहुत लंबा न रहा हो, लेकिन उन्होंने अपने खेल और खेल भावना से कई क्रिकेट प्रेमियों को प्रभावित किया। प्रथम श्रेणी क्रिकेट में उनकी उपलब्धियां उन्हें हमेशा यादगार बनाए रखेंगी।