
देश में Rural Development और भूमि सुधारों की दिशा में बड़ा कदम उठाते हुए सरकार ने भूमि अभिलेखों को पारदर्शी, सटीक और डिजिटल बनाने की प्रक्रिया को तेज कर दिया है। अब भूमि के अधिकारों के अभिलेख (Record of Rights) में भूस्वामी का आधार संख्या, मोबाइल नंबर और पूरा पता दर्ज किया जाएगा। यह निर्णय शुक्रवार को कृषि भवन में आयोजित उच्चस्तरीय बैठक में लिया गया, जिसकी अध्यक्षता कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने की।
आधुनिक तकनीकों के उपयोग पर हुआ मंथन
बैठक में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस-AI और इंटरनेट ऑफ थिंग्स-IoT जैसी Modern Technology का उपयोग करके कृषि और ग्रामीण विकास कार्यक्रमों को अधिक प्रभावी और गति देने पर गहन विचार हुआ। कृषि मंत्री ने स्पष्ट किया कि इन तकनीकों के ज़रिये जलग्रहण विकास कार्यक्रम, मृदा व नमी संरक्षण, और निर्णय सहायता प्रणाली-DSS को सशक्त बनाया जाएगा, जिससे ग्राम समुदायों और व्यक्तिगत किसानों को वैज्ञानिक सलाह मिल सकेगी।
डिजिटल इंडिया भूमि रिकॉर्ड आधुनिकीकरण में प्रगति
बैठक के दौरान Digital India Land Records Modernization Programme-DILRMP के अंतर्गत किए गए कार्यों की समीक्षा भी की गई। बताया गया कि अधिकारों के अभिलेखों का 99% कंप्यूटराइजेशन पूरा हो चुका है, जबकि भूमि मानचित्रों का 97% डिजिटलीकरण हो चुका है। इसके अतिरिक्त, देशभर के उप रजिस्ट्रार कार्यालयों का 95% कम्प्यूटरीकरण हो चुका है। यह कदम न केवल प्रशासनिक प्रक्रिया को सरल बनाते हैं, बल्कि भ्रष्टाचार की संभावना को भी न्यूनतम करते हैं।
शहरी भूमि सर्वेक्षण के लिए नक्शा कार्यक्रम का विस्तार
शहरी भूमि के सर्वेक्षण के लिए चल रहे नक्शा कार्यक्रम की प्रगति पर भी प्रकाश डाला गया। देश के 29 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 152 शहरी स्थानीय निकायों में यह कार्यक्रम लागू किया गया है। इनमें से 61 निकायों में एरियल सर्वे का कार्य पूर्ण हो चुका है। शेष क्षेत्रों में जून 2025 तक यह कार्य पूरा करने के निर्देश दिए गए हैं।
राजस्व न्यायालयों की प्रक्रिया में सरलीकरण का प्रयास
कृषि मंत्री ने राजस्व न्यायालयों की प्रक्रिया को सरल बनाने पर विशेष जोर दिया। उन्होंने राज्यों के साथ समन्वय स्थापित करने के निर्देश दिए ताकि भूमि से जुड़े विवादों का निपटारा शीघ्र, पारदर्शी और जन-सुलभ तरीके से किया जा सके। इसके साथ ही उन्होंने भूमि अभिलेखों में आधार, मोबाइल और पता जैसे व्यक्तिगत विवरण जोड़ने की प्रक्रिया को शीघ्र पूरा करने के आदेश भी दिए।
मिशन अमृत सरोवर की ऐतिहासिक सफलता
बैठक में मिशन अमृत सरोवर की भी समीक्षा की गई, जिसमें उल्लेखनीय प्रगति दर्ज की गई है। पहले निर्धारित लक्ष्य 50 हजार सरोवर निर्माण का था, लेकिन उसे पार करते हुए अब तक 68 हजार से अधिक अमृत सरोवरों का निर्माण पूरा हो चुका है। इस कार्यक्रम का उद्देश्य केवल जलाशयों का निर्माण नहीं, बल्कि जल संरक्षण और सतत विकास सुनिश्चित करना है।
इस अभियान में 80 हजार पंचायत प्रतिनिधि और 65 हजार से अधिक उपयोगकर्ता समूह सक्रिय रूप से शामिल हैं, जो इन जलाशयों के माध्यम से कृषि, मत्स्य पालन, पर्यटन और मनोरंजनात्मक गतिविधियों का संचालन कर रहे हैं। यह कार्यक्रम सरकार और आमजन की भागीदारी का श्रेष्ठ उदाहरण बन चुका है।
स्प्रिंगशेड विकास: पहाड़ी इलाकों को मिलेगा लाभ
बैठक में स्प्रिंगशेड विकास कार्यक्रम पर भी विचार हुआ, जो विशेष रूप से पहाड़ी क्षेत्रों के लिए फायदेमंद है। इसके अंतर्गत कम जल उपलब्धता वाले महीनों में भी स्थानीय आबादी को पीने का पानी उपलब्ध कराया जा सकेगा। साथ ही यह बड़े नदी प्रणालियों के प्रवाह को भी बढ़ावा देगा, जिससे मैदानी क्षेत्रों में रहने वाली आबादी को भी लाभ मिलेगा।
पारदर्शी भूमि अभिलेख: जनसाधारण को मिलेगा सीधा लाभ
भूमि अभिलेखों में आधार संख्या, मोबाइल नंबर और पता जैसे व्यक्तिगत विवरणों को शामिल करने का मुख्य उद्देश्य यह है कि भूमि रिकॉर्ड की पारदर्शिता बढ़े और किसी भी विवाद की स्थिति में रिकॉर्ड का सटीक उपयोग किया जा सके। यह कदम न केवल प्रशासनिक प्रक्रिया को डिजिटल बनाएगा बल्कि जनता को समय पर और सही जानकारी भी प्रदान करेगा।