Salary खत्म होने से पहले चाहिए पैसा? जानिए सैलरी ओवरड्राफ्ट कैसे करता है मदद

Salary खत्म होने से पहले चाहिए पैसा? जानिए सैलरी ओवरड्राफ्ट कैसे करता है मदद
Salary खत्म होने से पहले चाहिए पैसा? जानिए सैलरी ओवरड्राफ्ट कैसे करता है मदद
Salary खत्म होने से पहले चाहिए पैसा? जानिए सैलरी ओवरड्राफ्ट कैसे करता है मदद

जब मुश्किल वक्त आता है, तो सबसे पहले पैसों की जरूरत महसूस होती है। इस जरूरत को पूरा करने के लिए लोग अक्सर क्रेडिट कार्ड, पर्सनल लोन या फिर किसी परिचित से उधार लेने का विकल्प अपनाते हैं। लेकिन नौकरीपेशा लोगों के लिए एक और विकल्प है, जो आर्थिक संकट में बहुत काम आ सकता है और वह है सैलरी ओवरड्राफ्ट-Salary Overdraft। यह सुविधा कम ब्याज दर पर उपलब्ध होती है और इसके कई फायदे हैं।

यह भी देखें: EPF खाते में जोड़ सकते हैं दूसरा बैंक अकाउंट? जानिए क्या कहता है नियम और पूरा अपडेटेड प्रोसेस

आर्थिक संकट की स्थिति में जब सभी विकल्प बंद हो जाते हैं, तब सैलरी ओवरड्राफ्ट एक भरोसेमंद सहारा बनकर उभरता है। यह सुविधा न केवल आपको तत्काल राहत देती है, बल्कि अन्य कर्ज विकल्पों की तुलना में अधिक सस्ती भी होती है। इसलिए यदि आपका सैलरी अकाउंट है और आप अपनी क्रेडिट हिस्ट्री को बेहतर रखते हैं, तो यह सुविधा आपके लिए बहुत उपयोगी हो सकती है।

क्या होता है सैलरी ओवरड्राफ्ट?

सैलरी ओवरड्राफ्ट दरअसल एक प्रकार का शॉर्ट टर्म लोन होता है, जो बैंक अपने कस्टमर को उनके सैलरी अकाउंट (Salary Account) पर उपलब्ध कराता है। इसका मतलब है कि यदि आपके अकाउंट में बैलेंस नहीं है, तब भी आप उससे तय सीमा तक रकम निकाल सकते हैं। यह सीमा आपकी मासिक सैलरी के आधार पर तय की जाती है, जो आमतौर पर आपकी सैलरी की दो से तीन गुना तक हो सकती है।

यह सुविधा विशेष रूप से उन लोगों के लिए फायदेमंद है जो नियमित वेतन प्राप्त करते हैं, जैसे कि सरकारी या प्राइवेट नौकरी करने वाले प्रोफेशनल्स। इसका इस्तेमाल आप मेडिकल इमरजेंसी, बच्चों की फीस, अचानक खर्च या यात्रा के लिए कर सकते हैं।

यह भी देखें: Pixel 8a पर ₹15,000 की भारी छूट! सिर्फ यहां मिल रहा ऑफर – जानिए कीमत और खूबियां

बैंक के नियम अलग-अलग

हर बैंक सैलरी ओवरड्राफ्ट के लिए अपने नियम और शर्तें तय करता है। कुछ बैंक सैलरी का 80 से 90 प्रतिशत तक ओवरड्राफ्ट लिमिट देते हैं, जबकि कुछ बैंक आपकी सैलरी की 2 से 3 गुना राशि तक की अनुमति देते हैं। इस फैसले में आपके पिछले बैंकिंग रिकॉर्ड, क्रेडिट हिस्ट्री और अकाउंट की एक्टिविटी को भी ध्यान में रखा जाता है।

इसके तहत दी गई राशि पर ब्याज लगता है जो डेली बेसिस पर कैलकुलेट होता है। इसका मतलब यह है कि आपको जितने दिन तक पैसा इस्तेमाल करना है, केवल उतने ही दिनों का ब्याज देना होता है।

सैलरी ओवरड्राफ्ट के फायदे

सैलरी ओवरड्राफ्ट की सबसे खास बात यह है कि यह क्रेडिट कार्ड या पर्सनल लोन की तुलना में किफायती होता है। इसमें प्रोसेसिंग फीस नहीं लगती और न ही आपको पूरी स्वीकृत राशि पर ब्याज देना होता है।

पर्सनल लोन में जैसे ही लोन राशि आपके खाते में आती है, उस पर ब्याज लगना शुरू हो जाता है, भले ही आपने उसे इस्तेमाल न किया हो। लेकिन सैलरी ओवरड्राफ्ट में आप जितनी राशि निकालते हैं, सिर्फ उसी पर ब्याज देना होता है।

Also Read

अमेरिका ने सैकड़ों छात्रों का वीज़ा रद्द किया! सेल्फ-डिपोर्ट का अल्टीमेटम, कई भारतीय छात्र भी निशाने पर

इसके अलावा अगर आप तय समय से पहले ओवरड्राफ्ट की राशि चुका देते हैं, तो प्रीपेमेंट चार्ज (Prepayment Charge) भी नहीं लगता, जो पर्सनल लोन में आमतौर पर लिया जाता है।

यह भी देखें: कंपनी PF जमा कर रही है या नहीं? जानिए घर बैठे PF अकाउंट में चेक करने का सबसे आसान तरीका

कब और कैसे करें इसका इस्तेमाल?

सैलरी ओवरड्राफ्ट का उपयोग किसी भी आपात स्थिति में किया जा सकता है। इसका आवेदन आप अपने बैंक में कर सकते हैं, जहां आपका सैलरी अकाउंट है। आवेदन प्रक्रिया अपेक्षाकृत सरल होती है और अधिकांश बैंक पहले से ही अपने कस्टमर्स को यह सुविधा प्रोविजनल रूप में ऑफर करते हैं। आपको बस यह जांचना है कि आपका अकाउंट इस सुविधा के लिए पात्र है या नहीं।

कुछ बैंकों की मोबाइल बैंकिंग ऐप या नेट बैंकिंग पर यह विकल्प उपलब्ध होता है, जहां से आप तत्काल ओवरड्राफ्ट राशि निकाल सकते हैं।

किसे मिल सकती है यह सुविधा?

यह सुविधा केवल सैलरी अकाउंट होल्डर को मिलती है। इसके लिए आवश्यक है कि आपका अकाउंट नियमित रूप से एक्टिव हो और उसमें हर महीने सैलरी क्रेडिट होती हो। इसके अलावा आपकी क्रेडिट हिस्ट्री भी सही होनी चाहिए। जिनका सिबिल स्कोर अच्छा होता है, उन्हें बैंक ज्यादा लिमिट ऑफर करता है।

ब्याज दरें और भुगतान

सैलरी ओवरड्राफ्ट पर ब्याज दर क्रेडिट कार्ड या पर्सनल लोन की तुलना में काफी कम होती है। यह आमतौर पर 10% से 14% के बीच हो सकती है, जबकि क्रेडिट कार्ड पर यह 24% से 36% तक जाती है।

यह भी देखें: 60 से पहले रिटायर होना है सपना? जानिए Early Retirement के लिए जरूरी फाइनेंशियल प्लानिंग टिप्स

आपको यह राशि एक तय समय सीमा के अंदर चुकानी होती है। कुछ बैंक 1 महीने से लेकर 12 महीने तक की रिपेमेंट अवधि देते हैं। इसमें लचीलापन अधिक होता है और आप अपनी सुविधा के अनुसार भुगतान कर सकते हैं।

सैलरी ओवरड्राफ्ट क्यों है बेहतर विकल्प?

कई कारणों से सैलरी ओवरड्राफ्ट एक बेहतर और स्मार्ट फाइनेंशियल टूल साबित हो सकता है:

  • ब्याज केवल उपयोग की गई राशि पर लगता है।
  • कोई प्रोसेसिंग फीस नहीं होती।
  • प्रीपेमेंट चार्ज से राहत।
  • तत्काल जरूरत में त्वरित सहायता।


Also Read

बुरी खबर! मकान मालिकों के लिए नया फरमान, अब अपना ही घर किराए पर देना होगा मुश्किल, नियमों में हुआ बदलाव

By Rohit Kumar

नमस्ते, Eath NEWJ में आपका स्वागत है! मैं रोहित कुमार हूं, Earthnewj.com चलाने वाला व्यक्ति। कई समाचार पोर्टलों में काम करने के बाद अपने 8 सालों के अनुभव से मैं अर्थ न्यूज को चला रहा हूँ, इस पोर्टल पर मेरी कोशिश हैं की अपने पाठकों को काम की खबर दे पाऊँ।

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Exit mobile version