
बेसिक सेविंग बैंक डिपॉजिट अकाउंट (Basic Saving Bank Deposit Account) एक ऐसा बैंक खाता है जिसे भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की गाइडलाइन के तहत विशेष रूप से समाज के कमजोर वर्गों के लिए डिजाइन किया गया है। इस अकाउंट की सबसे खास बात यह है कि इसमें मिनिमम बैलेंस रखने की अनिवार्यता नहीं होती और कोई पेनल्टी चार्ज नहीं लगता। इस अकाउंट को खोलने के लिए व्यक्ति के पास वैध केवाईसी-KYC डॉक्युमेंट्स होने चाहिए। यदि डॉक्युमेंट्स पूरे हैं तो खाता खुलवाना बेहद आसान और त्वरित प्रक्रिया होती है।
इस तरह के खातों की शुरुआत का उद्देश्य यह है कि देश के हर नागरिक को बैंकिंग सेवाओं-Financial Inclusion से जोड़ा जा सके, खासकर उन लोगों को जो अब तक बैंकिंग प्रणाली से दूर रहे हैं।
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जीरो बैलेंस अकाउंट: सुविधाएं और लाभ
बेसिक सेविंग बैंक अकाउंट को सामान्यत: जीरो बैलेंस अकाउंट-Zero Balance Account भी कहा जाता है। इसमें खाताधारक को यह स्वतंत्रता होती है कि वह अपने खाते में चाहे जितनी भी राशि रखें, क्योंकि अधिकतम बैलेंस की कोई सीमा निर्धारित नहीं होती। इसके अलावा खाताधारक को डेबिट कार्ड, एटीएम सुविधा और नेट बैंकिंग जैसी मूल बैंकिंग सेवाएं भी मुफ्त में मिलती हैं।
इस खाते के जरिए बैंकों ने विशेष रूप से गरीब और कम आय वाले लोगों को लक्षित किया है ताकि वे बिना किसी चार्ज या फीस के आसानी से पैसे बचा सकें और बैंकिंग सिस्टम से जुड़ सकें।
बेसिक सेविंग बैंक डिपॉजिट लघु खाता: सीमित सुविधाओं के साथ एक विकल्प
यदि किसी व्यक्ति के पास वैध केवाईसी दस्तावेज नहीं हैं, तो वह बेसिक सेविंग बैंक डिपॉजिट लघु खाता (Small Account) खोल सकता है। इस प्रकार का खाता 18 वर्ष से अधिक उम्र के किसी भी भारतीय नागरिक द्वारा खोला जा सकता है, लेकिन इसकी कुछ सीमाएं होती हैं।
इस खाते में खाताधारक अधिकतम ₹50,000 तक ही राशि जमा कर सकता है और इसमें भी मिनिमम बैलेंस की बाध्यता नहीं होती। हालांकि, केवाईसी डॉक्युमेंट्स के अभाव के कारण इस तरह के खाते पर कई प्रकार के लेन-देन संबंधी प्रतिबंध लगाए जाते हैं।
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केवाईसी अपडेट के बाद सामान्य सेविंग अकाउंट में तब्दील
अगर कोई खाताधारक बाद में अपने केवाईसी दस्तावेज बैंक में जमा कर देता है, तो उसका लघु खाता एक सामान्य सेविंग अकाउंट (Regular Savings Account) में बदल दिया जाता है। इसके बाद खाताधारक को सामान्य बैंकिंग सेवाएं जैसे चेक बुक, ट्रांसफर सुविधा और अधिक राशि रखने की अनुमति मिलती है।
वित्तीय समावेशन की दिशा में बड़ा कदम
बेसिक सेविंग अकाउंट और लघु खाते जैसे विकल्प सरकार और बैंकिंग सेक्टर की उस नीति का हिस्सा हैं, जिसका उद्देश्य है वित्तीय समावेशन-Financial Inclusion को बढ़ावा देना। प्रधानमंत्री जनधन योजना (PMJDY) जैसी योजनाएं भी इसी दिशा में उठाए गए कदम हैं, जहां करोड़ों लोगों के बैंक खाते खोले गए और उन्हें डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) के तहत सरकारी लाभ सीधे उनके खातों में मिलते हैं।
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कौन खोल सकता है बेसिक सेविंग बैंक डिपॉजिट अकाउंट?
- कोई भी भारतीय नागरिक जिसके पास वैध केवाईसी दस्तावेज हैं।
- उम्र की कोई न्यूनतम या अधिकतम सीमा नहीं है।
- यह खाता संयुक्त नाम (Joint Account) में भी खोला जा सकता है।
- जिनके पास अभी आधार या पैन नहीं है, वे भी लघु खाता खोल सकते हैं।
भविष्य के लिए एक सुरक्षित शुरुआत
इस तरह के खातों की सबसे बड़ी खूबी यह है कि यह न सिर्फ पैसों की सुरक्षा सुनिश्चित करता है, बल्कि लोगों को धीरे-धीरे बैंकिंग सेवाओं और डिजिटल भुगतान की ओर प्रोत्साहित भी करता है। आज के समय में जहां डिजिटल इंडिया की परिकल्पना को साकार किया जा रहा है, वहां इस तरह के खातों की भूमिका बेहद अहम हो जाती है।