
कांवड़ यात्रा 2025 के मद्देनजर यूपी के मेरठ और मुजफ्फरनगर जिलों में 16 जुलाई से सभी स्कूल आठ दिन तक बंद रहेंगे। जिला प्रशासन ने कांवड़ मार्ग पर बढ़ती भीड़ और सुरक्षा के मद्देनजर यह बड़ा फैसला लिया है। मेरठ और मुजफ्फरनगर दोनों जिलों में 16 से 23 जुलाई तक सरकारी, प्राइवेट, परिषदीय, माध्यमिक, डिग्री, तकनीकी बोर्ड और यूपी, सीबीएसई, आईसीएसई बोर्ड से मान्यता प्राप्त सभी शिक्षण संस्थानों में छुट्टियां रहेंगी। प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि आदेश के विपरीत कोई भी स्कूल खुला पाया गया तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
किस कारण 24 जुलाई को खुलेंगे स्कूल
मेरठ के डीएम डॉ. वीके सिंह ने बताया कि 23 जुलाई को कांवड़ यात्रा के बाद महत्वपूर्ण पर्व शिवरात्रि मनाया जाएगा। इसलिए 24 जुलाई से स्कूल फिर से खुलेंगे। इसी तरह, मुजफ्फरनगर के डीएम ने भी सरकारी और निजी स्कूलों को बंद रखने का आदेश जारी किया है। डीआईओएस राजेश कुमार ने बताया कि यह आदेश कांवड़ यात्रा की वजह से सुरक्षा और यातायात व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए दिया गया है।
बढ़ती भीड़ और तोड़फोड़ की घटनाओं ने बढ़ाई चिंता
कांवड़ यात्रा के दौरान हरिद्वार, मुजफ्फरनगर, गाजियाबाद और मेरठ में शिवभक्तों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। साथ ही कई जगह कांवड़ियों द्वारा गाड़ियों में तोड़फोड़ की घटनाएं भी सामने आई हैं, जिसके चलते प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था को और सख्त कर दिया है।
दिल्ली-मेरठ हाईवे पर वन-वे ट्रैफिक से भारी जाम
यातायात व्यवस्था को लेकर भी प्रशासन ने विशेष प्रबंध किए हैं। कांवड़ यात्रा के चलते दिल्ली-मेरठ मार्ग को वन-वे कर दिया गया है। सोमवार दोपहर से लागू यह वन-वे ट्रैफिक व्यवस्था के कारण दिल्ली-मेरठ मार्ग पर भारी जाम लग गया। मुरादनगर के आसपास वाहन चालकों को 10 मिनट का सफर पूरा करने में 2 से 3 घंटे का वक्त लग रहा है। जाम में फंसे वाहन चालक, एम्बुलेंस, स्कूल बसें और वीआईपी वाहन भी प्रभावित हुए हैं। इस वन-वे व्यवस्था के कारण मनोटा से मोरटा तक करीब 10 किलोमीटर लंबा जाम लग गया है।
स्थानीय लोगों में नाराजगी, पुलिस पर सवाल
शास्त्री नगर मेरठ के निवासी उमेश शर्मा ने पुलिस प्रशासन की वन-वे व्यवस्था पर सवाल उठाए। उनका कहना है कि कांवड़ियों की संख्या अभी इतनी अधिक नहीं है कि इस तरह की सख्ती आवश्यक हो, जिससे लोगों को भारी परेशानी हो रही है। हालांकि, पुलिस यातायात नियंत्रण में लगी है ताकि जाम कम किया जा सके।
प्रशासन की योजना में सुरक्षा और आसानी है सबसे जरूरी
कांवड़ यात्रा के दौरान सुरक्षा, भीड़ नियंत्रण और यातायात सुगमता को लेकर प्रशासन की यह तैयारी यात्रियों और स्थानीय लोगों दोनों के लिए आवश्यक मानी जा रही है। यूपी में कांवड़ यात्रा एक बड़ा धार्मिक आयोजन है, जिसमें लाखों की संख्या में शिवभक्तों का जमावड़ा होता है। इस दौरान रोड ट्रैफिक और स्कूल शिक्षा प्रभावित होती है, इसलिए इस तरह के कदम उठाए जा रहे हैं।
स्कूल बंद करने का फैसला एक बड़ी योजना का हिस्सा
इस बार भीड़ और सुरक्षा को देखते हुए प्रशासन ने हर संभव इंतजाम किए हैं ताकि कांवड़ियों और आम जनता को ज्यादा परेशानी न हो। स्कूल बंद रखने का फैसला भी इसी रणनीति का हिस्सा है ताकि छात्र और शिक्षक सुरक्षा में रहें और कांवड़ यात्रा की वजह से शिक्षण कार्य बाधित न हो।