
भारत से अमेरिका को iPhone और अन्य इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस जैसे लैपटॉप, टैबलेट और स्मार्टफोन का निर्यात अब चीन की तुलना में 20 प्रतिशत सस्ता होगा। यह राहत अमेरिकी सरकार द्वारा टैरिफ पॉलिसी (Tariff Policy) में किए गए हालिया संशोधन के कारण मिली है। पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा इस फैसले को समर्थन दिए जाने से यह बदलाव और अहम हो गया है।
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अमेरिका की टैरिफ नीति में हुए बदलाव से भारत को इलेक्ट्रॉनिक्स एक्सपोर्ट में बड़ी राहत मिली है। भारत से iPhone, स्मार्टफोन और लैपटॉप जैसे उत्पाद अब चीन से 20% सस्ते अमेरिका भेजे जा सकेंगे। यह कदम भारत के तकनीकी और मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर के लिए मील का पत्थर साबित हो सकता है।
अमेरिका ने टैरिफ पॉलिसी में किया बदलाव
हाल ही में अमेरिका ने अपने टैरिफ सिस्टम में महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं, जिससे भारत को स्मार्टफोन, लैपटॉप, टैबलेट और अन्य डिजिटल उपकरणों के निर्यात में बड़ी बढ़त मिल सकती है। इन संशोधनों के अनुसार, भारत से अमेरिका को भेजे जाने वाले उत्पादों पर आयात शुल्क (Import Duty) चीन के उत्पादों की तुलना में लगभग 20 प्रतिशत कम रहेगा।
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इस नीति का सीधा असर iPhone और अन्य प्रीमियम इलेक्ट्रॉनिक्स की कीमतों पर पड़ेगा, जिन्हें अब अमेरिका में भारत से सस्ते दामों पर पहुंचाया जा सकेगा। इससे भारत में बने Apple प्रोडक्ट्स की डिमांड वैश्विक बाजारों में और बढ़ सकती है।
भारत बना इलेक्ट्रॉनिक एक्सपोर्ट का नया केंद्र
मोबाइल मैन्युफैक्चरिंग के मामले में भारत ने बीते कुछ वर्षों में जबरदस्त प्रगति की है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की “मेक इन इंडिया” पहल और PLI स्कीम (Production Linked Incentive) के जरिए भारत में Apple, Samsung, Xiaomi, OnePlus, Vivo जैसी कंपनियों ने बड़े स्तर पर मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स स्थापित की हैं।
साल 2024-25 में भारत से मोबाइल फोन एक्सपोर्ट ₹2 लाख करोड़ के आंकड़े को पार कर चुका है, जो एक रिकॉर्ड उपलब्धि है। iPhone 16 सीरीज़ जैसे डिवाइस अब भारत में असेंबल होकर सीधे अमेरिका जैसे बड़े बाजारों में जा रहे हैं।
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iPhone और MacBook जैसे डिवाइस होंगे अब और सस्ते
अमेरिकी नीति में बदलाव से न केवल भारत को आर्थिक फायदा होगा, बल्कि अमेरिकी उपभोक्ताओं को भी सस्ते और क्वालिटी प्रोडक्ट्स मिलने का लाभ मिलेगा। iPhone 16e जैसे मॉडल अब चीन की बजाय भारत से सस्ते रेट पर अमेरिका एक्सपोर्ट होंगे।
साथ ही, Apple MacBook Air M1, Lenovo LOQ, HP Envy X360, और Asus Zenbook जैसे लैपटॉप्स भी अब भारत से अमेरिका भेजे जा सकेंगे और इनकी लागत प्रतिस्पर्धी रहेगी। इससे भारत की तकनीकी और मैन्युफैक्चरिंग क्षमताओं को अंतरराष्ट्रीय पहचान मिलेगी।
चीन पर निर्भरता होगी कम
इस कदम से अमेरिका की चीन पर तकनीकी निर्भरता घटेगी और सप्लाई चेन में विविधता आएगी। भारत एक स्थिर लोकतंत्र और भरोसेमंद भागीदार के रूप में उभर रहा है, जो पश्चिमी देशों को नए विकल्प प्रदान कर रहा है।
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भारत को मिल सकता है ग्लोबल लीडरशिप में स्थान
भारत की रणनीतिक स्थिति, सस्ती और स्किल्ड वर्कफोर्स, अनुकूल सरकारी नीतियाँ और मजबूत लॉजिस्टिक्स नेटवर्क ने देश को इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग का ग्लोबल हब बनाने की दिशा में अग्रसर किया है।
सिर्फ स्मार्टफोन ही नहीं, बल्कि भारत अब Renewable Energy उपकरण, सेमीकंडक्टर्स और ऑटोमोटिव कंपोनेंट्स के उत्पादन में भी तेज़ी से आगे बढ़ रहा है।
उपभोक्ताओं को मिलेगा बड़ा लाभ
भारत से अमेरिका को सस्ती कीमतों पर iPhone और लैपटॉप पहुंचने से अमेरिका में इन प्रोडक्ट्स की कीमतों में गिरावट आ सकती है। उपभोक्ताओं को Apple और अन्य ब्रांड्स के डिवाइस सस्ते में मिलेंगे, जिससे उनकी डिमांड और बढ़ेगी।
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साथ ही, भारत में बनी डिवाइसेज़ की ब्रांड इमेज और विश्वास भी वैश्विक स्तर पर मजबूत होगा।