
डोईवाला। सरकार द्वारा स्मार्ट बिजली मीटर (Smart Bijli Meter) लगाने का कार्य तेजी से किया जा रहा है, लेकिन इसके शुरू होते ही उपभोक्ताओं की शिकायतों की संख्या बढ़ती जा रही है। स्थानीय लोगों का कहना है कि पहले के मुकाबले अब उनका बिजली बिल कई गुना बढ़ गया है, जिससे वे परेशान हैं। कई उपभोक्ताओं ने विद्युत कार्यालय में पहुंचकर अधिकारियों से शिकायत दर्ज कराई है। एसडीओ गिरिराज सैनी ने लोगों को जांच के बाद उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया है।
स्मार्ट बिजली मीटर को लेकर उपभोक्ताओं में असंतोष बढ़ता जा रहा है, क्योंकि इसकी वजह से बिजली बिल में अप्रत्याशित बढ़ोतरी देखी जा रही है। विद्युत विभाग ने जांच का आश्वासन दिया है, लेकिन लोगों की मांग है कि इस पूरी प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी और निष्पक्ष बनाया जाए।
बिजली बिल में अप्रत्याशित बढ़ोतरी से हड़कंप
स्मार्ट मीटर लगने के बाद कई उपभोक्ताओं को सामान्य से कई गुना अधिक बिल आ रहा है। चांदमारी निवासी कर्मजीत सिंह ने बताया कि पहले उनका बिजली बिल करीब ₹2500 प्रति माह आता था, लेकिन इस बार उनका बिल ₹1.5 लाख आ गया। इसी तरह, भगवान सिंह ने बताया कि उनका मासिक बिजली बिल ₹800 हुआ करता था, लेकिन अब यह ₹5000 तक पहुंच गया है।
एक अन्य महिला उपभोक्ता ने शिकायत की कि पहले उनका बिजली बिल ₹500 प्रति माह था, लेकिन अब यह ₹5000 आया है। इस तरह की शिकायतें लगातार विद्युत विभाग तक पहुंच रही हैं, जिससे लोगों में असंतोष बढ़ता जा रहा है।
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एसडीओ ने दिए जांच के आदेश
उपभोक्ताओं की बढ़ती शिकायतों के बीच एसडीओ गिरिराज सैनी ने कहा कि विभाग द्वारा इस मामले की गंभीरता से जांच की जा रही है। यदि स्मार्ट मीटर में कोई तकनीकी त्रुटि पाई जाती है, तो उसे शीघ्र ही ठीक किया जाएगा। उन्होंने उपभोक्ताओं से अपील की कि वे घबराएं नहीं और अपनी शिकायतें विद्युत कार्यालय में दर्ज कराएं।
चुनिंदा घरों में ही लगाए जा रहे स्मार्ट मीटर, लोगों में रोष
स्थानीय लोगों ने यह भी आरोप लगाया कि स्मार्ट मीटर पूरे मोहल्ले में एक समान रूप से नहीं लगाए जा रहे हैं। कुछ विशेष घरों में ही ये मीटर लगाए गए हैं, जिससे पारदर्शिता पर सवाल उठ रहे हैं। लोगों का मानना है कि यदि स्मार्ट मीटर लगाना जरूरी है, तो यह एक तय प्रक्रिया के तहत सभी घरों में समान रूप से होना चाहिए।
बिजली विभाग पर उठे सवाल, पारदर्शिता को लेकर संशय
स्मार्ट मीटर को लेकर लोगों में पहले से ही शंका थी, लेकिन अब जब इनके चलते बिजली बिल कई गुना बढ़ रहा है, तो उपभोक्ताओं का गुस्सा और बढ़ गया है। लोगों का कहना है कि बिजली विभाग को इस मुद्दे पर स्पष्टता लानी चाहिए और मीटरिंग प्रक्रिया को पारदर्शी बनाना चाहिए।
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क्या कहते हैं विशेषज्ञ?
बिजली विभाग के अधिकारियों का कहना है कि स्मार्ट मीटर पारंपरिक मीटर से ज्यादा सटीक रीडिंग देने में सक्षम हैं, जिससे उपभोक्ताओं को सही बिल मिलता है। हालांकि, कई मामलों में तकनीकी खामियां भी हो सकती हैं, जिन्हें दूर करने की आवश्यकता है।
लोगों की मांग: स्मार्ट मीटर की सही जांच हो
स्थानीय निवासियों ने प्रशासन से मांग की है कि वे स्मार्ट मीटर की पुनः जांच करवाएं और यह सुनिश्चित करें कि कोई अनावश्यक चार्ज न जोड़ा जाए। साथ ही, यह भी देखने की जरूरत है कि क्या ये मीटर सही तरीके से कार्य कर रहे हैं या नहीं।