
बुंदेलखंड के बांदा जिले के किसानों के लिए यह खबर राहत भरी है। अब खेतों की सिंचाई के लिए बिजली या डीजल पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा, क्योंकि लघु सिंचाई विभाग ने किसानों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए एक नई योजना की शुरुआत की है। इस योजना का नाम ट्रॉली माउंटेड सोलर पंप योजना है, जो रिन्यूएबल एनर्जी (Renewable Energy) पर आधारित है। इस योजना का उद्देश्य सिंचाई को न केवल सरल बनाना है बल्कि किसानों की लागत को भी घटाना है। सरकार इस योजना में भारी सब्सिडी देकर किसानों को कम कीमत में आधुनिक तकनीक से युक्त सोलर पंप उपलब्ध करवा रही है।
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किसानों को मिलेंगे सिर्फ 21 ट्रॉली माउंटेड सोलर पंप
बांदा जिले में यह योजना सीमित मात्रा में लागू की जा रही है। फिलहाल केवल 21 ट्रॉली माउंटेड सोलर पंप किसानों को दिए जाएंगे। यह योजना पहले आओ, पहले पाओ के आधार पर लागू की जाएगी। यानी जो किसान सबसे पहले आवेदन करेंगे, उन्हें इसका लाभ मिलेगा। इच्छुक किसान लघु सिंचाई विभाग की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।
योजना की कुल लागत और सब्सिडी की जानकारी
इस योजना के तहत ट्रॉली माउंटेड सोलर पंप की कुल लागत ₹1,71,716 है। इसमें सरकार की ओर से 60 प्रतिशत यानी ₹1,03,029 की सब्सिडी दी जा रही है। इसके अलावा इस पंप को ढोने के लिए उपयोग में आने वाली ट्रॉली की कीमत ₹78,000 निर्धारित की गई है, जिस पर सरकार 90 प्रतिशत यानी ₹70,200 की सब्सिडी दे रही है। यानी किसान को कुल ₹2,49,716 की लागत में से ₹1,73,229 की सब्सिडी का लाभ मिलेगा।
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किसानों को कितना करना होगा भुगतान
सरकार की ओर से दी जाने वाली सब्सिडी के बाद किसानों को सिर्फ ₹79,186 का भुगतान करना होगा। यह एकमुश्त राशि है, जिसका भुगतान करने के बाद किसान लंबे समय तक मुफ्त सिंचाई का लाभ उठा सकते हैं। इससे किसानों को बिजली और डीजल के खर्च से पूरी तरह मुक्ति मिल जाएगी और फसल उत्पादन में भी सुधार आएगा।
ट्रॉली माउंटेड सोलर पंप क्या है?
ट्रॉली माउंटेड सोलर पंप एक अत्याधुनिक कृषि उपकरण है जो सौर ऊर्जा (Solar Energy) से संचालित होता है। इसे विशेष रूप से ट्रॉली पर माउंट किया गया होता है, जिससे इसे एक खेत से दूसरे खेत में आसानी से ले जाया जा सकता है। यह पंप बिना बिजली और डीजल के चलता है, जिससे किसानों को महंगे ईंधन पर खर्च नहीं करना पड़ता और साथ ही यह पर्यावरण के लिए भी सुरक्षित होता है।
इसका सबसे बड़ा फायदा यह है कि इसे किसी भी खेत के कोने तक आसानी से ले जाया जा सकता है, जिससे दूर-दराज के खेतों की सिंचाई भी आसान हो जाती है। यह तकनीक पूरी तरह से रिन्यूएबल एनर्जी (Renewable Energy) आधारित है, जिससे कार्बन उत्सर्जन (Carbon Emission) भी नहीं होता।
योजना का कृषि क्षेत्र पर संभावित प्रभाव
इस योजना से किसानों को आर्थिक रूप से काफी राहत मिलेगी। बिजली की कटौती और डीजल के बढ़ते दामों के कारण किसानों को जो कठिनाई होती थी, वह अब काफी हद तक कम होगी। इससे सिंचाई की लागत घटेगी और खेती लाभकारी बन सकेगी। खासकर बुंदेलखंड जैसे जल संकट से प्रभावित क्षेत्रों में यह योजना वरदान साबित हो सकती है।
ट्रॉली माउंटेड सोलर पंप योजना को लेकर उत्साह
स्थानीय किसानों में इस योजना को लेकर खासा उत्साह देखा जा रहा है। कई किसान पहले ही आवेदन प्रक्रिया में जुट गए हैं। सरकार की मंशा है कि धीरे-धीरे इस योजना का दायरा बढ़ाया जाए ताकि ज्यादा से ज्यादा किसान इसका लाभ उठा सकें।
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तकनीक और नवाचार के सहारे आत्मनिर्भरता की ओर कदम
यह योजना प्रधानमंत्री के आत्मनिर्भर भारत (Atmanirbhar Bharat) अभियान की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे ना केवल किसानों को नई तकनीक से जोड़ा जा रहा है बल्कि स्वच्छ ऊर्जा (Clean Energy) के उपयोग को भी बढ़ावा मिल रहा है। इस प्रकार, यह योजना कृषि, पर्यावरण और अर्थव्यवस्था—तीनों के लिहाज से लाभकारी है।