मुख्यमंत्री सौर स्वरोजगार योजना में हो सकता है बदलाव, अब सिस्टम में जोड़ सकते हैं बैटरी

मुख्यमंत्री सौर स्वरोजगार योजना में हो सकता है बदलाव, अब सिस्टम में जोड़ सकते हैं बैटरी
मुख्यमंत्री सौर स्वरोजगार योजना
मुख्यमंत्री सौर स्वरोजगार योजना

भारत में सौर ऊर्जा के माध्यम से बिजली बनाने के लिए उपयुक्त परिस्थितियां मौजूद हैं, यहाँ केंद्र और राज्य सरकार द्वारा अपने-अपने स्तर से नागरिकों को सोलर एनर्जी के प्रयोग के लिए प्रेरित किया जा रहा है, जिसके लिए अनेक प्रकार की योजनाओं को चलाया जा रहा है। मुख्यमंत्री सौर स्वरोजगार योजना (CM Solar Self Employment Scheme) उत्तराखंड सरकार द्वारा शुरू की गई योजना है। इस योजना के माध्यम से नागरिकों को सौर ऊर्जा का लाभ प्राप्त कर आर्थिक रूप से मजबूत बनाया जाएगा।

मुख्यमंत्री सौर स्वरोजगार योजना

उत्तराखंड सरकार द्वारा 20 सितंबर 2020 में सौर स्वरोजगार योजना को शुरू किया गया था। इस योजना में वर्ष 2023 में MSSY में कुछ बदलाव किये गए थे, एक बार फिर सरकार इस योजना में बड़े बदलाव करने का विचार कर रही है। इस बार मुख्य बदलाव के रूप में यह है कि अब सोलर सिस्टम में बैटरी को भी जोड़ सकते हैं। ऐसे में योजना में अधिक से अधिक नागरिक लाभ प्राप्त कर सकते हैं। क्योंकि पहले योजना में कुछ कमियाँ होने के कारण आवेदकों को सही से लाभ प्राप्त नहीं हो रहे थे।

मुख्यमंत्री सौर स्वरोजगार योजना का उद्देश्य

आज के समय में ग्लोबल वार्मिंग एवं जलवायु परिवर्तन जैसी समस्याओं के रूप में सोलर एनर्जी एक बेस्ट ऑप्शन है, इस नवीकरणीय ऊर्जा के द्वारा ही पर्यावरण को सुरक्षित रखा जा सकता है, क्योंकि सौर ऊर्जा के प्रयोग से ही जीवाश्म ईंधन के प्रयोग को कम किया जा सकता है। सरकार की इस योजना के माध्यम से पर्यावरण को संरक्षित करने के साथ ही नागरिकों को भी आर्थिक रूप से मजबूत करने का प्रयोग किया जा रहा है।

सरकार द्वारा पर्यावरण संरक्षण करने के लिए पंचामृत कार्य योजना के माध्यम से वर्ष 2030 तक 500GW तक नवीकरणीय ऊर्जा के उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है। सौर स्वरोजगार योजना में अब बैटरी को सोलर सिस्टम से जोड़ कर पावर स्टोरेज किया जा सकता है। बैटरी में स्टोर की गई ऊर्जा का प्रयोग नागरिक रात के समय में कर सकते हैं।

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योजना पर ऊर्जा सचिव का बयान

उत्तराखंड में ऊर्जा सचिव मीनाक्षी सुंदरम ने योजना को लेकर कहा कि शुरुआत में इस योजना के अंतर्गत 20 से 25kW तक के सिस्टम को ही इंस्टाल करने का नियम था। ऐसे में 25kW सिस्टम को लगाने वाला नागरिक बैंक लोन जमा करने के बाद मात्र 7 हजार रुपये की ही बचत करता था, जिस कारण कम नागरिक इस योजना में जुड़ रहे थे, लेकिन अब योजना में किये जाने वाले नए बदलाव के बाद ज्यादा से ज्यादा नागरिक योजना में आवेदन करेंगे और लाभ प्राप्त करेंगे।

अब आने लगे हैं ज्यादा आवेदन

नए परिवर्तन होने के बाद से योजना में अब तक 1629 आवेदन आ चुके हैं, जिनमें से 971 को स्वीकृति दी जा चुकी है, जो कि कुल 173.9MW के प्रोजेक्ट को स्थापित करेंगे। सबसे ज्यादा आवेदन राज्य के टिहरी जिले में किये गए हैं। जहां से 467 आवेदन आए हैं, और 326 आवेदनों को स्वीकृत दी जा चुकी है।

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By Rohit Kumar

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