
उत्तर प्रदेश सरकार ने अपने राज्य में रहने वाली महिलाओं को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने और हर घर की महिलाओं को भी संपत्ति के अधिकार का कानून बराबर हक़ मिल सके इस उद्देश्य से यूपी सरकार ने एक बड़ा ऐतिहासिक निर्णय लिया है। इसके अलावा सीएम योगी आदित्यनाथ के उपलक्ष में 22 जुलाई को हुई कैबिनेट बैठक में यह फैसला लिया गया कि अब महिलाओं के नाम एक करोड़ तक की प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री पर स्टांप ड्यूटी (Stamp Duty) में एक प्रतिशत की छूट दी जाएगी। इससे पहले यह छूट सिर्फ 10 लाख रूपये तक की संपत्ति पर लागू थी, जिससे महिलाओं को लगभग 10 हजार रूपये की राहत मिलती थी, लेकिन यह लिमिट बढ़ाकर एक करोड़ रूपये क्र दी गई है, साथ ही इससे महिलाओं को ज्यादा से ज्यादा 1 लाख रूपये की बचत होगी।
19 साल बाद बदली नीति, अब मिलेगा दस गुना लाभ
इससे पहले वर्ष 2006 में तत्कालीन सपा सरकार ने 10 लाख रुपये तक की संपत्ति पर महिलाओं को स्टांप ड्यूटी में एक प्रतिशत की छूट देने की व्यवस्था लागू की थी। परंतु बीते 19 वर्षों में संपत्ति की कीमतों में तीव्र वृद्धि के बावजूद इस सीमा को संशोधित नहीं किया गया था। योगी सरकार ने इस पुराने नियम को समय के अनुरूप अद्यतन करते हुए अब महिलाओं के लिए यह छूट एक करोड़ रुपये तक की संपत्ति पर लागू कर दी है। यह निर्णय महिलाओं को न केवल आर्थिक रूप से स्वतंत्र (Financially Independent) बनाएगा बल्कि उन्हें सामाजिक सम्मान भी दिलाएगा।
अधिसूचना जारी, बुधवार से लागू होगी नई व्यवस्था
इस ऐतिहासिक निर्णय के तहत प्रमुख सचिव स्टांप एवं पंजीयन अमित गुप्ता की ओर से मंगलवार को संबंधित अधिसूचना जारी कर दी गई है। अधिसूचना के अनुसार, बुधवार यानी 30 जुलाई 2025 से यह व्यवस्था लागू हो गई है। अब यदि कोई महिला एक करोड़ रुपये तक की संपत्ति खरीदती है तो उसे स्टांप ड्यूटी में सीधे एक लाख रुपये तक की छूट मिलेगी। इससे महिलाओं को संपत्ति खरीदने के लिए अधिक प्रोत्साहन मिलेगा और उनकी भागीदारी में अभूतपूर्व वृद्धि होगी।
महिलाओं को सशक्त बनाने की दिशा में बड़ा कदम
राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रवीन्द्र जायसवाल ने कहा कि यह निर्णय महिला सशक्तिकरण (Women Empowerment) के क्षेत्र में मील का पत्थर साबित होगा। उनके अनुसार, एक प्रतिशत की छूट से महिलाओं के नाम पर संपत्ति की रजिस्ट्री बढ़ेगी और इससे उनकी आर्थिक सुरक्षा, आत्मनिर्भरता और समाज में भागीदारी को मजबूती मिलेगी। यह निर्णय सरकार के उस विजन का हिस्सा है, जिसके तहत राज्य में महिलाओं को सभी क्षेत्रों में बराबरी का अधिकार दिलाने की दिशा में ठोस कदम उठाए जा रहे हैं।
संपत्ति बाजार में आएगा बड़ा बदलाव
इस नई नीति के लागू होने से न केवल महिलाओं को प्रत्यक्ष लाभ मिलेगा, बल्कि इसका असर रियल एस्टेट सेक्टर पर भी पड़ेगा। चूंकि महिलाओं को अब बड़ी संपत्तियों की खरीद पर भी छूट मिलेगी, इससे संपत्ति बाजार में मांग बढ़ेगी। विशेषज्ञों का मानना है कि यह फैसला उत्तर प्रदेश के रियल एस्टेट इन्वेस्टमेंट को भी बढ़ावा देगा और साथ ही परिवारों में महिलाओं के नाम संपत्ति दर्ज कराने की प्रवृत्ति को प्रोत्साहित करेगा।
सरकार की अन्य योजनाओं से भी होगा लाभ
यह नई नीति राज्य सरकार की महिला सशक्तिकरण योजनाओं जैसे मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना, महिला उद्यमिता प्रोत्साहन योजना, और उज्ज्वला योजना के साथ भी तालमेल रखती है। जब महिलाएं संपत्ति की मालिक बनती हैं, तो वे समाज और परिवार में अधिक निर्णयात्मक भूमिका निभाती हैं, और यही उद्देश्य सरकार की विभिन्न योजनाओं के पीछे भी रहा है।
आर्थिक स्वतंत्रता और सामाजिक बदलाव का संकेत
वर्तमान समय में जब महिलाओं को रिन्यूएबल एनर्जी (Renewable Energy), स्टार्टअप, आईपीओ-IPO, डिजिटल इंडिया जैसी योजनाओं में भागीदारी दी जा रही है, ऐसे में यह निर्णय उन्हें आर्थिक मुख्यधारा में और मजबूती से जोड़ने वाला साबित होगा। इससे महिला वर्ग को दीर्घकालिक वित्तीय सुरक्षा मिलेगी, जो उनके भविष्य के लिए बेहद आवश्यक है। साथ ही यह बदलाव आने वाले वर्षों में सामाजिक ढांचे में भी सकारात्मक बदलाव ला सकता है।
यह महिलाओं के लिए प्रॉपर्टी डिस्काउंट ही नहीं बल्कि एक बड़ा लक्ष्य है
योगी सरकार का यह फैसला सिर्फ स्टांप ड्यूटी की छूट तक सीमित नहीं है, बल्कि यह महिलाओं की आर्थिक भागीदारी, स्वामित्व के अधिकार, और स्वाभिमान को सुनिश्चित करने की दिशा में एक दूरदर्शी कदम है। इससे न केवल महिलाएं आत्मनिर्भर बनेंगी, बल्कि परिवार और समाज में उनकी भूमिका को भी नई पहचान मिलेगी।