
इस समय पूरे देश में ‘India’s Got Latent’ शो विवादों के केंद्र में बना हुआ है। शो में की गई कुछ टिप्पणियों के चलते लोग इसका विरोध कर रहे हैं और इसे बैन करने की मांग कर रहे हैं। खासतौर पर समय रैना और रणवीर अल्लाहबादिया को लेकर लोगों में गुस्सा देखने को मिल रहा है। स्थिति इतनी गंभीर हो गई कि कई स्थानों पर सड़कों पर प्रदर्शन भी किए गए। इसी बीच सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने ओटीटी प्लेटफॉर्म्स को लेकर एक एडवाइजरी जारी की है, जिसमें कंटेंट के आयु-आधारित वर्गीकरण को सख्त करने और सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) नियम 2021 का कड़ाई से अनुपालन करने का निर्देश दिया गया है।
जारी हुई एडवाइजरी
सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने सूचना प्रौद्योगिकी (मध्यवर्ती दिशानिर्देश और डिजिटल मीडिया, आचार संहिता) नियम, 2021 के तहत निर्धारित भारतीय कानूनों और आचार संहिता के पालन को लेकर ओटीटी प्लेटफॉर्म्स को एडवाइजरी जारी की है। इसमें स्पष्ट रूप से कहा गया है कि ओटीटी प्लेटफॉर्म अपने कंटेंट को प्रकाशित करने से पहले भारतीय कानूनों और आईटी नियम, 2021 के तहत निर्धारित आचार संहिता का सख्ती से पालन करें। खासतौर पर यह सुनिश्चित करें कि प्लेटफॉर्म पर प्रकाशित सामग्री आयु-आधारित वर्गीकरण के दायरे में आती हो और किसी भी प्रकार से अनुचित या अवैध न हो।
मंत्रालय ने ओटीटी प्लेटफॉर्म्स के स्व-नियामक निकायों से अनुरोध किया है कि वे ऐसे कंटेंट पर नजर रखें जो आचार संहिता का उल्लंघन कर सकते हैं और इसके खिलाफ उचित कार्रवाई करें। एडवाइजरी में यह भी उल्लेख किया गया है कि सूचना प्रौद्योगिकी नियम, 2021 के भाग-II के तहत तीन स्तरीय संस्थागत तंत्र की व्यवस्था की गई है, जो शिकायतों के निवारण के लिए कार्य करेगा। इसमें यह भी कहा गया है कि ओटीटी प्लेटफॉर्म्स पर प्रसारित होने वाले कंटेंट में किसी भी प्रकार की अवैध या कानून द्वारा निषिद्ध सामग्री को प्रकाशित नहीं किया जाना चाहिए। इसके अलावा, कंटेंट क्रिएटर्स को अपने विवेक का प्रयोग करने और उपयुक्त सावधानी बरतने की सलाह दी गई है।
रणवीर अल्लाहबादिया की टिप्पणी
इस विवाद की शुरुआत तब हुई जब ‘India’s Got Latent’ शो के एक एपिसोड में रणवीर अल्लाहबादिया की एक टिप्पणी को अश्लील करार दिया गया। यह टिप्पणी सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गई, जिसके बाद सरकार को इस पर संज्ञान लेना पड़ा। शो के इस एपिसोड को यूट्यूब से हटाने के लिए कहा गया था और बाद में इसे प्लेटफॉर्म से हटा भी दिया गया। इसके बावजूद, इस मामले ने सोशल मीडिया पर आग की तरह फैलते हुए बड़ी बहस को जन्म दे दिया।
ओटीटी कंटेंट पर बढ़ती सेंसरशिप की संभावना
ओटीटी प्लेटफॉर्म्स पर सेंसरशिप को लेकर पहले भी बहस होती रही है, लेकिन ‘India’s Got Latent’ विवाद के बाद यह मुद्दा और अधिक गंभीर हो गया है। कई संगठन और समाज के एक वर्ग का मानना है कि ओटीटी पर दिखाए जाने वाले कंटेंट की निगरानी होनी चाहिए और इसे सख्त नियमों के तहत लाया जाना चाहिए। वहीं, कुछ लोगों का कहना है कि इस तरह की सेंसरशिप से क्रिएटिव फ्रीडम पर असर पड़ेगा। सरकार के इस कदम से यह सवाल उठने लगा है कि क्या आने वाले समय में ओटीटी प्लेटफॉर्म्स पर और अधिक कड़े नियम लागू किए जाएंगे?