उत्तराखंड में भू-कानून (Land Law) लागू करते वक्त प्रशासन ने आधार कार्ड में दर्ज पते को पहचान का आधार मान लिया, जिससे खुद राज्य के ही सैकड़ों लोग “बाहरी” घोषित हो गए। उनकी पुश्तैनी जमीनों पर सरकारी कब्जे के आदेश जारी हो चुके हैं। जानिए कैसे एक एड्रेस अपडेट बना लोगों के लिए सबसे बड़ा संकट