
31 मार्च नजदीक आ रहा है और अगर आप इनकम टैक्स की ओल्ड रीजीम (Old Regime) के तहत टैक्स-सेविंग्स (Tax Savings) करना चाहते हैं, तो आपके पास अब केवल 12 दिन बचे हैं। इनकम टैक्स एक्ट, 1961 के सेक्शन 80सी (Section 80C) के तहत कुछ खास निवेश ऑप्शंस में निवेश कर आप टैक्स डिडक्शन (Tax Deduction) का लाभ उठा सकते हैं। 31 मार्च के बाद किए गए निवेश पर आप इस वित्त वर्ष के रिटर्न में डिडक्शन का दावा नहीं कर पाएंगे।
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टैक्स-सेविंग्स के लिए उपलब्ध प्रमुख विकल्प
पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF)
पब्लिक प्रोविडेंट फंड (Public Provident Fund) एक लोकप्रिय लॉन्ग-टर्म निवेश विकल्प है जो टैक्स-फ्री (Tax-Free) रिटर्न प्रदान करता है। इसमें निवेश पर सेक्शन 80सी के तहत डिडक्शन मिलता है। साथ ही, इस पर अर्जित ब्याज भी टैक्स-फ्री होता है।
इम्प्लॉई प्रोविडेंट फंड (EPF)
- अगर आप सैलरीड क्लास में आते हैं, तो आपके पीएफ (Provident Fund) अकाउंट में किए गए योगदान पर भी टैक्स डिडक्शन का लाभ मिलता है। आपका और आपके नियोक्ता द्वारा किया गया योगदान 80सी के तहत डिडक्ट किया जा सकता है।
इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम (ELSS)
- इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम (Equity Linked Saving Scheme) म्यूचुअल फंड्स (Mutual Funds) का एक प्रकार है, जिसमें तीन साल का लॉक-इन पीरियड होता है। ELSS में निवेश करने पर 80सी के तहत टैक्स डिडक्शन मिलता है और इसका रिटर्न अन्य पारंपरिक निवेश विकल्पों की तुलना में अधिक हो सकता है।
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नेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट (NSC)
- नेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट (National Savings Certificate) एक सुरक्षित निवेश विकल्प है, जो 5 साल की अवधि के लिए आता है। इस पर अर्जित ब्याज टैक्सेबल होता है, लेकिन इसे अगले साल के निवेश के रूप में दिखाकर 80सी का लाभ उठाया जा सकता है।
सुकन्या समृद्धि योजना (SSY)
- अगर आपकी बेटी है और उसकी उम्र 10 साल से कम है, तो सुकन्या समृद्धि योजना (Sukanya Samriddhi Yojana) आपके लिए एक बेहतरीन निवेश विकल्प हो सकता है। इसमें निवेश पर टैक्स डिडक्शन के साथ-साथ ब्याज पर भी कोई टैक्स नहीं लगता।
टैक्स-सेविंग फिक्स्ड डिपॉजिट (Tax-Saving FD)
- बैंक और पोस्ट ऑफिस द्वारा प्रदान किए जाने वाले टैक्स-सेविंग फिक्स्ड डिपॉजिट (Fixed Deposit) में निवेश कर आप 80सी के तहत डिडक्शन प्राप्त कर सकते हैं। इसकी लॉक-इन अवधि 5 साल होती है। हालांकि, इस पर अर्जित ब्याज टैक्सेबल होता है।
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वॉलेंटरी प्रोविडेंट फंड (VPF)
- अगर आप अपने इम्प्लॉई प्रोविडेंट फंड (EPF) में अतिरिक्त योगदान करना चाहते हैं, तो वॉलेंटरी प्रोविडेंट फंड (Voluntary Provident Fund) एक अच्छा विकल्प है। इसमें मिलने वाला ब्याज टैक्स-फ्री होता है और यह 80सी के तहत डिडक्शन योग्य है।
राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (NPS)
- नेशनल पेंशन सिस्टम (National Pension System) के तहत सेक्शन 80सी और 80CCD (1B) के तहत निवेश किया जा सकता है। यह एक लॉन्ग-टर्म रिटायरमेंट प्लानिंग विकल्प है, जिसमें सरकार की गारंटी भी शामिल होती है।
31 मार्च के बाद क्या होगा?
अगर आप 31 मार्च तक इन विकल्पों में निवेश नहीं करते हैं, तो आप मौजूदा वित्त वर्ष (FY 2024-25) के लिए टैक्स-सेविंग डिडक्शन का लाभ नहीं उठा पाएंगे। इससे आपकी टैक्स लायबिलिटी बढ़ सकती है और आपको ज्यादा टैक्स देना पड़ सकता है।