
आयुष्मान भारत योजना (Ayushman Bharat Yojana) देश के गरीब और जरूरतमंद परिवारों के लिए एक महत्वपूर्ण स्वास्थ्य योजना है, जिसके तहत पात्र लाभार्थियों को पांच लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज मिलता है। यह योजना केंद्र सरकार द्वारा चलाई जा रही है, जिसका उद्देश्य देशभर के आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराना है। उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में भी इस योजना का व्यापक लाभ लिया जा रहा है, लेकिन कई बार मरीजों को इलाज में परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
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इलाज में देरी की मुख्य वजह और सरकार का कदम
राज्य में कई मरीजों को योजना का लाभ तो मिलता है, लेकिन अस्पतालों में इलाज मिलने में कई बार देरी हो जाती है। इसका मुख्य कारण सरकार द्वारा अस्पतालों को समय पर भुगतान न मिलना बताया जाता है। इस समस्या को दूर करने के लिए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने निर्देश जारी किए हैं कि सभी अस्पतालों को एक महीने के भीतर भुगतान करना अनिवार्य होगा। इस कदम से मरीजों को तेजी से इलाज मिलने की संभावना बढ़ेगी।
किन्हें मिलता है योजना का लाभ?
उत्तर प्रदेश में लाखों लोग इस योजना का लाभ उठा रहे हैं, लेकिन इसके लिए कुछ पात्रता मानदंड तय किए गए हैं। यह योजना मुख्य रूप से उन लोगों के लिए है जो आर्थिक रूप से कमजोर हैं। योजना का लाभ उन्हीं परिवारों को दिया जाता है जो सरकार द्वारा तय किए गए आर्थिक और सामाजिक मानदंडों को पूरा करते हैं।
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कौन से लोग योजना का लाभ नहीं उठा सकते?
हालांकि, यह योजना गरीबों के लिए बनाई गई है, लेकिन कई लोग जो आर्थिक रूप से थोड़े बेहतर स्थिति में हैं, वे इस योजना से बाहर हो जाते हैं।
- जिनकी मासिक आय 10,000 रुपये से अधिक है, वे इस योजना का लाभ नहीं ले सकते।
- यदि किसी के पास दोपहिया (Two-Wheeler) या चारपहिया (Car) वाहन है, तो वे इस योजना के दायरे में नहीं आते।
- सरकारी कर्मचारी या पेंशन प्राप्त करने वाले लोग भी इस योजना से बाहर हैं।
- यदि किसी के पास पांच एकड़ से अधिक कृषि भूमि है, तो वह भी योजना का लाभ नहीं उठा सकता।
ग्रामीण और शहरी लाभार्थियों के लिए अलग नियम
आयुष्मान भारत योजना ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों के लिए लागू है, लेकिन इसके पात्रता मानदंड अलग-अलग हैं।
- ग्रामीण क्षेत्रों में इस योजना के तहत उन परिवारों को शामिल किया गया है जो बेघर हैं, जिनके पास ठोस छत नहीं है या जो अनुसूचित जाति (SC), अनुसूचित जनजाति (ST) से आते हैं।
- शहरी क्षेत्रों में इस योजना के तहत वे लोग आते हैं जो संगठित क्षेत्र (Organized Sector) में काम नहीं करते हैं, जैसे दिहाड़ी मजदूर, घरेलू कामगार, रिक्शा चालक आदि।
- 70 साल से अधिक उम्र के बुजुर्ग भी इस योजना के तहत लाभ पाने के पात्र हैं।
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सरकार द्वारा लगातार सुधार की कोशिश
उत्तर प्रदेश सरकार और केंद्र सरकार इस योजना को अधिक प्रभावी बनाने के लिए लगातार प्रयास कर रही है। अब अस्पतालों को एक महीने के भीतर भुगतान करने के निर्देश से मरीजों को समय पर इलाज मिलने की संभावना बढ़ेगी। साथ ही, सरकार यह भी सुनिश्चित कर रही है कि अधिक से अधिक पात्र परिवारों को इस योजना से जोड़ा जाए।