
आंध्र प्रदेश (Andhra Pradesh) में तेलुगु देशम पार्टी (TDP) के सांसद कालीसेट्टी अप्पाला नायडू (Kalisetti Appala Naidu) के एक बयान ने राजनीतिक हलचल मचा दी है। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस (International Women’s Day) के मौके पर एक कार्यक्रम के दौरान उन्होंने घोषणा की कि अगर कोई महिला तीसरा बच्चा पैदा करती है, तो उसे इनाम दिया जाएगा। उनके बयान के अनुसार, अगर बच्चा लड़की हुई तो 50,000 रुपये नकद मिलेंगे और यदि लड़का हुआ तो एक गाय दी जाएगी।
यह भी देखें: RSMSSB परीक्षा 2025 का नया शेड्यूल जारी! जानें आपकी परीक्षा कब होगी?
सांसद कालीसेट्टी अप्पाला नायडू की घोषणा ने आंध्र प्रदेश में एक नई बहस छेड़ दी है। जहां कुछ लोग इसे जनसंख्या वृद्धि को प्रोत्साहित करने के लिए सकारात्मक कदम मान रहे हैं, वहीं कई लोग इसे लैंगिक भेदभाव और महिलाओं पर अनावश्यक दबाव डालने वाला कदम बता रहे हैं। सरकार की नीयत भले ही अच्छी हो, लेकिन इस योजना की निष्पक्षता और इसके दूरगामी प्रभावों को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं।
जनसंख्या वृद्धि को लेकर सरकार की चिंता
आंध्र प्रदेश में घटती युवा आबादी को लेकर मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू (Chandrababu Naidu) पहले ही चिंता जता चुके हैं। उन्होंने हाल ही में कहा था कि राज्य में युवा जनसंख्या को बनाए रखने के लिए अधिक बच्चों के जन्म को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। इसी संदर्भ में, सांसद कालीसेट्टी अप्पाला नायडू की घोषणा को सरकार की नीति के अनुरूप देखा जा रहा है।
सांसद अप्पाला नायडू का कहना है कि उन्होंने यह कदम मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) के आह्वान पर उठाया है। उनका मानना है कि इस पहल से राज्य में जनसंख्या वृद्धि (Population Growth) को गति मिलेगी और भविष्य में युवाओं की संख्या संतुलित रहेगी।
यह भी देखें: FMGE 2025: फॉरेन मेडिकल ग्रेजुएट एग्जाम जुलाई में? जानें आवेदन की आखिरी तारीख और जरूरी डिटेल्स!
प्रसूति अवकाश पर मुख्यमंत्री की घोषणा
इससे पहले, मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने सभी महिला कर्मचारियों के लिए प्रसूति अवकाश (Maternity Leave) की घोषणा की थी। उन्होंने कहा था कि चाहे महिला के कितने भी बच्चे क्यों न हों, उन्हें प्रसूति अवकाश की सुविधा मिलेगी। सरकार का यह फैसला महिलाओं को अधिक बच्चों के जन्म के लिए प्रोत्साहित करने के रूप में देखा जा रहा है।
राज्य में मचा राजनीतिक बवाल
सांसद कालीसेट्टी अप्पाला नायडू की इस घोषणा के बाद पूरे राज्य में हलचल मच गई है। इस बयान को लेकर कई राजनीतिक दलों और संगठनों ने आपत्ति जताई है। जहां कुछ लोग इसे जनसंख्या बढ़ाने के लिए एक कारगर कदम मान रहे हैं, वहीं कई लोगों का कहना है कि इस घोषणा से महिलाओं पर अधिक बच्चे पैदा करने का दबाव बढ़ेगा।
यह भी देखें: NEET UG 2025: करेक्शन विंडो ओपन! 11 मार्च तक इन डिटेल्स में कर सकते हैं बदलाव
लैंगिक भेदभाव का आरोप
इस योजना में लड़के और लड़की के जन्म पर अलग-अलग इनाम देने की बात कही गई है, जिससे लैंगिक भेदभाव (Gender Discrimination) का मुद्दा भी उठने लगा है। कई सामाजिक संगठनों ने सवाल उठाया है कि लड़के के जन्म पर गाय और लड़की के जन्म पर नकद राशि क्यों दी जा रही है। यह नीति लिंग आधारित असमानता को बढ़ावा देने वाली मानी जा रही है।
विपक्ष ने जताई आपत्ति
विपक्षी दलों ने भी इस मुद्दे पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। कांग्रेस और वाईएसआर कांग्रेस पार्टी (YSR Congress Party) के नेताओं का कहना है कि इस तरह की योजनाएं महिलाओं की स्वतंत्रता पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकती हैं।
यह भी देखें: पंजाब पुलिस में निकली बंपर भर्ती! कांस्टेबल बनने का सुनहरा मौका, जल्द करें आवेदन
महिलाओं पर बढ़ सकता है दबाव
सामाजिक कार्यकर्ताओं का कहना है कि इस तरह की घोषणाएं महिलाओं को अधिक बच्चे पैदा करने के लिए मजबूर कर सकती हैं, जिससे उनकी शारीरिक और मानसिक सेहत पर असर पड़ सकता है। भारत में पहले से ही महिलाओं पर संतान उत्पत्ति को लेकर सामाजिक और पारिवारिक दबाव रहता है, ऐसे में इस तरह की योजना इस दबाव को और बढ़ा सकती है।