
आज के समय में ज्यादातर लोग कई बैंक खातों (Bank Accounts) को एक साथ मेंटेन कर रहे हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि Single Bank Account रखना न सिर्फ सुविधाजनक है, बल्कि इससे मौद्रिक यानी Monetary नुकसान से भी बचा जा सकता है। खासकर अगर आप एक सैलरीड व्यक्ति हैं, तो आपके लिए एक ही सेविंग अकाउंट (Savings Account) बनाए रखना ज्यादा समझदारी भरा फैसला हो सकता है।
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एक ही सेविंग अकाउंट से टैक्स फाइलिंग होती है आसान
जब आप इनकम टैक्स रिटर्न (Income Tax Return) फाइल करते हैं, तो एक ही बैंक अकाउंट में आपके ज्यादातर बैंकिंग ट्रांजैक्शन दिख जाते हैं। इससे रिटर्न फाइल करना आसान हो जाता है और किसी भी तरह की आय छुपाने की गलती से बचा जा सकता है। वहीं अगर आपके पास कई सेविंग अकाउंट हैं, तो सभी खातों के ब्याज को जोड़कर रिपोर्ट करना पड़ेगा, जिससे गलती की संभावना बढ़ जाती है।
आरबीआई की गाइडलाइन: एक ही अकाउंट बनाए रखना समझदारी
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के अनुसार, एक सिंगल सेविंग अकाउंट बनाए रखना ज्यादा बेहतर होता है क्योंकि इससे डेबिट कार्ड की वार्षिक मेंटेनेंस फीस (AMC), एसएमएस अलर्ट शुल्क और न्यूनतम बैलेंस मेंटेन करने जैसे बैंक चार्ज से बचा जा सकता है। ज्यादा अकाउंट होने पर हर खाते में इन शुल्कों का भुगतान करना पड़ता है।
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निष्क्रिय खातों में बढ़ जाती है जालसाजी की आशंका
एक व्यक्ति जब कंपनी बदलता है, तो पिछली कंपनी का सैलरी अकाउंट अक्सर निष्क्रिय (Inactive Account) हो जाता है। ऐसे निष्क्रिय बैंक खाते साइबर धोखाधड़ी (Cyber Fraud) का आसान निशाना बन सकते हैं। जालसाज इन खातों का दुरुपयोग करके ग्राहकों के साथ धोखा कर सकते हैं।
CIBIL स्कोर पर पड़ता है असर
हर बैंक अकाउंट के लिए न्यूनतम बैलेंस बनाए रखना होता है। अगर आप ऐसा नहीं कर पाते, तो बैंक जुर्माना लगा सकता है। ये जुर्माने आपके CIBIL Score को प्रभावित कर सकते हैं। जिससे भविष्य में लोन लेने में दिक्कत हो सकती है।
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सर्विस चार्ज कई गुना बढ़ जाता है
हर बैंक खाता रखने पर डेबिट कार्ड AMC, SMS चार्ज जैसी कई सेवाओं के लिए अलग-अलग शुल्क लगता है। एक ही खाता रखने पर आपको ये खर्च एक बार उठाना पड़ता है जबकि कई अकाउंट में यही खर्च कई गुना बढ़ जाता है।
आपके निवेश पर लग सकती है ब्रेक
आजकल निजी बैंक न्यूनतम 20,000 रुपए बैलेंस रखने को कहते हैं। अगर आपके पास तीन सेविंग अकाउंट हैं, तो 60,000 रुपए सिर्फ बैलेंस मेंटेन करने के लिए आपके खाते में पड़े रहेंगे। इस रकम को अगर आप डेट फंड (Debt Fund) में निवेश करें, तो 8% का रिटर्न मिल सकता है जबकि सेविंग अकाउंट में सिर्फ 4-5% ही ब्याज मिलेगा।
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टैक्स में हो सकती है अनजानी गलती
बैंक सेविंग अकाउंट पर 10,000 रुपए तक के ब्याज पर टैक्स छूट है, लेकिन कई खाते होने पर इन सभी का ब्याज जोड़ने पर यह सीमा पार हो सकती है। अगर आपने सभी ब्याज को जोड़कर इनकम टैक्स रिटर्न में रिपोर्ट नहीं किया, तो अनजाने में टैक्स फ्रॉड (Tax Fraud) के दोषी हो सकते हैं।