इन नंबर प्लेट वाली गाड़ियों पर गिरेगी गाज़! CM के सख्त आदेश के बाद सख्त कार्रवाई!

इन नंबर प्लेट वाली गाड़ियों पर गिरेगी गाज़! CM के सख्त आदेश के बाद सख्त कार्रवाई!
इन नंबर प्लेट वाली गाड़ियों पर गिरेगी गाज़! CM के सख्त आदेश के बाद सख्त कार्रवाई!
इन नंबर प्लेट वाली गाड़ियों पर गिरेगी गाज़! CM के सख्त आदेश के बाद सख्त कार्रवाई!

महाराष्ट्र में बीते पांच वर्षों में लगभग 10 लाख नए वाहन बिना अनिवार्य उच्च सुरक्षा पंजीकरण प्लेट (HSRP) के सड़कों पर दौड़ रहे हैं। यह आंकड़ा सरकार और परिवहन विभाग के लिए एक बड़ी चुनौती बन चुका है। वाहन चोरी को रोकने और पहचान में एकरूपता लाने के लिए 1 अप्रैल 2019 के बाद रजिस्टर्ड सभी वाहनों के लिए HSRP को अनिवार्य किया गया था। इसके बावजूद इतने अधिक वाहन बिना इस प्लेट के सड़कों पर चल रहे हैं।

लाखों वाहन नियमों का पालन नहीं कर रहे

सरकार ने 2019 से पहले रजिस्टर्ड वाहनों के लिए भी HSRP को अनिवार्य कर दिया था। नए नियमों के अनुसार, किसी भी नए वाहन को ग्राहक को सौंपने से पहले निर्माता और डीलर के लिए HSRP लगाना जरूरी है। लेकिन हाल ही में हुई एक आंतरिक जांच में सामने आया कि 1.15 करोड़ रजिस्टर्ड वाहनों में से केवल 1.05 करोड़ वाहनों में ही HSRP लगी हुई है, जबकि 9.98 लाख वाहन अब भी बिना HSRP के चल रहे हैं।

RTO करेगा बिना HSRP वाले वाहनों के खिलाफ कार्रवाई

महाराष्ट्र परिवहन आयुक्त कार्यालय ने सभी आरटीओ (RTO) को निर्देश दिया है कि वे अप्रैल 2019 के बाद रजिस्टर्ड लेकिन अभी भी HSRP के बिना चल रहे वाहनों के खिलाफ खास अभियान चलाएं। आमतौर पर इस प्लेट को ‘IND’ या ‘India’ नंबर प्लेट के नाम से जाना जाता है। यह अभियान जल्द ही पूरे राज्य में शुरू किया जाएगा ताकि नियमों का उल्लंघन करने वाले वाहन मालिकों पर सख्त कार्रवाई की जा सके।

HSRP का नियम और इसका महत्व

HSRP का नियम कहता है कि दोपहिया और ट्रैक्टरों को छोड़कर, प्रत्येक वाहन में विंडशील्ड के अंदरूनी हिस्से पर पंजीकरण विवरण निर्दिष्ट करने वाला क्रोमियम-आधारित होलोग्राम स्टिकर चिपका होना चाहिए। यह प्लेट सुरक्षा के लिहाज से महत्वपूर्ण मानी जाती है, क्योंकि यह चोरी हुए वाहनों की पहचान में मदद करती है और फर्जी नंबर प्लेट के इस्तेमाल को रोकती है।

यह भी पढ़े- FASTag से गलत कट रहे पैसे? अब NHAI के नए नियमों के तहत ऐसे करें शिकायत!

सरकारी वाहनों में भी HSRP की कमी

बिना HSRP वाले 10 लाख नए वाहनों में कई सरकारी हक वाले वाहन भी शामिल हैं। यह स्थिति और गंभीर बन जाती है जब खुद सरकारी विभाग इस नियम का पालन करने में विफल रहते हैं। महाराष्ट्र में कुल वाहनों की संख्या 4 करोड़ से अधिक हो चुकी है, जिससे HSRP की अनिवार्यता सुनिश्चित करना सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती बन गया है।

HSRP फिटमेंट प्रक्रिया विवादों में, कीमत को लेकर उठे सवाल

पुराने वाहनों में HSRP लगाने की प्रक्रिया दिसंबर 2024 में शुरू हुई थी, लेकिन यह प्रक्रिया विवादों में आ गई। विपक्षी दलों ने आरोप लगाया कि HSRP लगाने के लिए अत्यधिक शुल्क वसूला जा रहा है। हालांकि, महाराष्ट्र सरकार ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि HSRP की कीमतें अन्य राज्यों के समान हैं और इस पर अनावश्यक विवाद खड़ा किया जा रहा है।

Also Read

शादी के 10 साल बाद भी बन सकता है मैरिज सर्टिफिकेट! जानिए पूरा प्रोसेस और फायदे

HSRP के बिना नहीं मिलेगा रजिस्ट्रेशन

परिवहन विभाग ने यह सुनिश्चित करने के लिए कड़े कदम उठाए हैं कि बिना HSRP के कोई भी वाहन ग्राहकों को न सौंपा जाए। अब डीलरों के लिए अनिवार्य कर दिया गया है कि वे वाहन पोर्टल पर HSRP की तस्वीरें और विवरण अपलोड करें। जब तक ऐसा नहीं किया जाता, तब तक वाहन का रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट (RC) आरटीओ से प्रिंट नहीं होगा।

प्रवर्तन की कमी पर उठे सवाल

हालांकि, कार्यकर्ताओं और पूर्व परिवहन अधिकारियों ने HSRP फिटमेंट नियमों के अनुपालन न करने को लेकर सवाल उठाए हैं। उनका मानना है कि इतनी बड़ी संख्या में नए रजिस्टर्ड वाहन HSRP के बिना कैसे चल रहे हैं?

सेवानिवृत्त अधिकारियों की आलोचना

परिवहन विभाग के एक सेवानिवृत्त अधिकारी ने निर्माताओं और डीलरों के खिलाफ कार्रवाई करने के बजाय वाहन मालिकों को दंडित करने के फैसले की आलोचना की है। उन्होंने कहा कि अगर लाखों वाहन HSRP के बिना सड़कों पर दौड़ रहे हैं, तो इसके लिए सबसे पहले निर्माता और डीलर जिम्मेदार हैं। पहले कार्रवाई उनके खिलाफ की जानी चाहिए थी, न कि उन वाहन मालिकों के खिलाफ, जो संभवतः इन नियमों से अनजान हैं।

‘बिना HSRP के कैसे वितरित हो गए वाहन?’

पूर्व अधिकारी ने सवाल उठाया कि यदि वाहन पहले ही रजिस्टर्ड हो चुका है, तो उसके रजिस्ट्रेशन प्रमाणपत्र (RC) को रोकने का प्रावधान कहां है? उन्होंने कहा कि नियम स्पष्ट रूप से बताते हैं कि वाहनों को HSRP के बिना वितरित नहीं किया जाना चाहिए। ऐसे में यह सवाल उठता है कि इतने बड़े पैमाने पर वाहनों को बिना HSRP के कैसे वितरित कर दिया गया?

10 लाख वाहनों को RC कैसे मिली?

3A रोड सेफ्टी फाउंडेशन (NGO) के निदेशक विजयकुमार दुग्गल ने भी इस मामले पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने पूछा कि जब परिवहन विभाग दावा कर रहा है कि HSRP फिटमेंट का विवरण अपलोड किए बिना RC प्रिंट नहीं हो सकती, तो फिर ये 10 लाख वाहन बिना HSRP के कैसे रजिस्टर्ड हो गए?

Also Read

OnePlus 12 पर अब तक की सबसे बड़ी छूट! सीधे ₹19,000 की बचत – जानिए कब तक है मौका

Published
Categorized as News

By Rohit Kumar

नमस्ते, Eath NEWJ में आपका स्वागत है! मैं रोहित कुमार हूं, Earthnewj.com चलाने वाला व्यक्ति। कई समाचार पोर्टलों में काम करने के बाद अपने 8 सालों के अनुभव से मैं अर्थ न्यूज को चला रहा हूँ, इस पोर्टल पर मेरी कोशिश हैं की अपने पाठकों को काम की खबर दे पाऊँ।

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Exit mobile version