
वाहन चलाते समय पॉल्यूशन अंडर कंट्रोल सर्टिफिकेट (Pollution Under Control Certificate – PUCC) साथ रखना अब सिर्फ एक औपचारिकता नहीं रह गई है, बल्कि यह कानूनी अनिवार्यता बन चुकी है। प्रदूषण नियंत्रण प्रमाणपत्र यह पुष्टि करता है कि वाहन से निकलने वाला धुआं पर्यावरण के लिए तय मानकों के अनुरूप है। केंद्र सरकार द्वारा लागू किए गए मोटर व्हीकल एक्ट के तहत इस सर्टिफिकेट की अनदेखी करना अब भारी पड़ सकता है।
बिना PUCC के चलाया वाहन तो लग सकता है भारी जुर्माना
यदि कोई वाहन चालक बिना पॉल्यूशन सर्टिफिकेट के सड़क पर वाहन चला रहा है, तो अब उस पर महज 1000 रुपये नहीं, बल्कि सीधे 10,000 रुपये का चालान लगाया जा सकता है। यह नया प्रावधान पहले की तुलना में 10 गुना ज्यादा सख्त है। ऐसे में यह बेहद जरूरी हो गया है कि वाहन मालिक अपने PUCC को हमेशा अपने साथ रखें और समय-समय पर इसे रिन्यू करवाते रहें।
केवल चालान ही नहीं, हो सकती है जेल भी
PUCC की अनदेखी पर सिर्फ जुर्माना ही नहीं बल्कि इससे बड़ी सजा का भी प्रावधान है। मोटर व्हीकल एक्ट के अनुसार, अगर कोई व्यक्ति बार-बार इस नियम का उल्लंघन करता है, तो उसे 6 महीने तक की जेल या कम्यूनिटी सर्विस (Community Service) की सजा भी दी जा सकती है। सरकार का उद्देश्य इसके जरिए प्रदूषण पर नियंत्रण पाना और सड़कों पर चल रहे वाहनों को पर्यावरण के अनुकूल बनाना है।
पॉल्यूशन सर्टिफिकेट की वैधता कितने समय तक होती है
PUCC की वैलिडिटी (Validity) आम तौर पर एक साल तक होती है। हालांकि, यह शहर या राज्य विशेष के नियमों के आधार पर थोड़ी बहुत अलग हो सकती है। कुछ राज्यों में नए वाहनों के लिए पहली बार यह सर्टिफिकेट खरीद के एक साल बाद बनवाना होता है, जबकि कुछ स्थानों पर यह अंतराल छह महीने का हो सकता है। इसलिए वाहन मालिकों को अपने राज्य के नियमों की जानकारी रखना आवश्यक है।
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कहां और कैसे बनवा सकते हैं PUCC
PUCC को आप ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीकों से बनवा सकते हैं। अधिकतर शहरों में यह सुविधा अब पेट्रोल पंप, RTO कार्यालयों या मान्यता प्राप्त प्रदूषण जांच केंद्रों पर उपलब्ध है। वहीं डिजिटल इंडिया के तहत सरकार ने इसे ऑनलाइन उपलब्ध कराकर इसे और भी आसान बना दिया है। आप परिवहन विभाग की वेबसाइट पर जाकर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।
कितना खर्च आता है PUCC बनवाने में
PUCC बनवाने की लागत वाहन के प्रकार पर निर्भर करती है। टू-व्हीलर वाहनों के लिए यह राशि आम तौर पर 60 से 100 रुपये के बीच होती है। वहीं, फोर-व्हीलर या चार पहिया वाहनों के लिए 100 से 200 रुपये तक की फीस लग सकती है। यह कीमत क्षेत्र विशेष के अनुसार थोड़ी बहुत भिन्न हो सकती है।
बढ़ते प्रदूषण को नियंत्रित करने की दिशा में सख्ती
सरकार द्वारा PUCC को अनिवार्य बनाना और उस पर भारी जुर्माना लगाना एक गंभीर कदम है, जो रिन्यूएबल एनर्जी (Renewable Energy) और स्वच्छ वातावरण को बढ़ावा देने की दिशा में उठाया गया है। बढ़ते वायु प्रदूषण (Air Pollution) को नियंत्रित करने के लिए वाहनों से निकलने वाले उत्सर्जन को नियंत्रण में रखना बेहद जरूरी है। अगर समय रहते इस पर ध्यान नहीं दिया गया, तो पर्यावरणीय संकट और भी गंभीर रूप ले सकता है।
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समय रहते सर्टिफिकेट को रिन्यू करवाएं
PUCC की वैधता खत्म होने से पहले ही उसका नवीनीकरण (Renewal) करवाना बहुत जरूरी है। कई बार वाहन मालिक इसे नजरअंदाज कर देते हैं, जिससे बाद में उन्हें चालान या अन्य दंड भुगतने पड़ते हैं। RTO की वेबसाइट या प्रमाणित केंद्रों से रिन्यू करवा कर आप इस परेशानी से बच सकते हैं।