TRAI Rule: जल्द बंद होंगे 10 अंकों वाले ये नंबर, जानिए क्या बदल जाएगा आपका मोबाइल नंबर

क्या आपके नंबर पर होगा असर? TRAI के नए प्रस्ताव से भारत में 10 अंकों वाले मोबाइल नंबरों की व्यवस्था में बड़ा बदलाव होने जा रहा है। जानिए इस बदलाव के तहत क्या बदलने वाला है और इसका आपके मोबाइल नंबर पर क्या असर पड़ेगा।

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Written byRohit Kumar

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TRAI Rule: जल्द बंद होंगे 10 अंकों वाले ये नंबर, जानिए क्या बदल जाएगा आपका मोबाइल नंबर
TRAI Rule: जल्द बंद होंगे 10 अंकों वाले ये नंबर, जानिए क्या बदल जाएगा आपका मोबाइल नंबर

भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (TRAI) ने हाल ही में अपनी सिफारिशें जारी की हैं, जिनके तहत भारत में दूरसंचार नंबरिंग योजना में बड़े बदलाव किए जाएंगे। इस नए बदलाव के तहत कई प्रकार के नंबरों की संख्या और संरचना पर असर पड़ेगा, खासकर 10 डिजिट वाले नंबरों पर। इन नए नियमों का उद्देश्य दूरसंचार नंबरिंग संसाधनों का बेहतर तरीके से प्रबंधन करना और उनका अधिकतम उपयोग सुनिश्चित करना है। TRAI ने दूरसंचार विभाग (DoT) से नंबरिंग संसाधनों के अधिक कुशल उपयोग और प्रबंधन की दिशा में कदम उठाने की अपील की है।

नए बदलावों के तहत, TRAI ने विशेष रूप से फिक्स्ड-लाइन कनेक्शनों के लिए नंबरिंग संसाधनों को सुव्यवस्थित और अनुकूलित करने के लिए सिफारिशें की हैं। नए नियमों का असर फोन नंबरों के आवंटन और उपयोग पर पड़ेगा, जिससे कि टेलीकॉम ऑपरेटरों को अधिक नंबर आवंटित किए जा सकेंगे और यह बदलाव नेटवर्क की कार्यक्षमता को भी बढ़ाएगा।

फिक्स्ड-लाइन नंबरों के लिए 10-अंकीय नंबरिंग प्रणाली में बदलाव

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TRAI ने 10-अंकीय बंद नंबरिंग योजना में बदलाव का प्रस्ताव रखा है, जिसका उद्देश्य नंबरिंग संसाधनों की उपलब्धता बढ़ाना है। यह बदलाव शॉर्ट डिस्टेंस चार्जिंग एरिया (SDCA) मॉडल से लाइसेंस सर्विस एरिया (LSA) पर आधारित प्रणाली में किया जाएगा। वर्तमान SDCA प्रणाली में पहले से ही कई नंबरिंग संसाधन सीमित थे, और इस नए बदलाव से इन संसाधनों को बेहतर तरीके से उपयोग में लाया जा सकेगा।

इसके अतिरिक्त, TRAI ने यह भी सुझाव दिया है कि सभी फिक्स्ड-लाइन कॉल को “0” उपसर्ग के साथ डायल किया जाए, जिसके बाद STD कोड और ग्राहक संख्या होगी। हालांकि, फिक्स्ड-टू-मोबाइल, मोबाइल-टू-फिक्स्ड और मोबाइल-टू-मोबाइल कॉल के लिए डायलिंग पैटर्न अपरिवर्तित रहेगा। इस नई व्यवस्था को लागू करने के लिए टेलीकॉम ऑपरेटरों को छह महीने का समय दिया जाएगा, ताकि वे अपने सिस्टम को इन बदलावों के अनुसार तैयार कर सकें।

निष्क्रिय नंबरों के लिए नए निष्क्रियकरण नियम

TRAI ने मोबाइल नंबरों के निष्क्रियकरण को लेकर भी नए दिशा-निर्देश प्रस्तावित किए हैं। नए नियमों के तहत, यदि कोई मोबाइल नंबर 90 दिनों तक निष्क्रिय रहता है तो उसे निष्क्रिय नहीं किया जा सकता। इसके बाद अगर कोई नंबर 365 दिनों तक बिना उपयोग के पड़ा रहता है, तो उसे दूरसंचार ऑपरेटर को निष्क्रिय करना होगा। यह कदम निष्क्रिय नंबरों को फिर से असाइन करने में मदद करेगा, जिससे कि नंबरिंग संसाधनों का कुशल उपयोग सुनिश्चित हो सकेगा।

इस बदलाव से दूरसंचार विभाग को अप्रयुक्त नंबरों पर बेहतर नियंत्रण रखने में मदद मिलेगी और उन नंबरों को फिर से सक्रिय उपयोग में लाया जा सकेगा, जिससे नेटवर्क की कार्यक्षमता और बेहतर हो सकेगी।

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M2M सिम कार्ड के लिए 13-अंकीय नंबरing प्रणाली

मशीन-टू-मशीन (M2M) कनेक्शनों की बढ़ती मांग के साथ, TRAI ने M2M सिम-आधारित कनेक्शनों के लिए 10-अंकीय से 13-अंकीय नंबरों में बदलाव करने का प्रस्ताव दिया है। यह कदम इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT) और स्मार्ट डिवाइस के बढ़ते उपयोग को ध्यान में रखते हुए उठाया गया है। 13-अंकीय नंबरों से इन कनेक्शनों की संख्या और सीमा को बढ़ाया जा सकेगा, जो आने वाले समय में टेक्नोलॉजी के विकास और इंटरनेट कनेक्टिविटी की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए महत्वपूर्ण साबित होगा।

स्पैम कॉल रोकने के लिए कॉलिंग नेम प्रेजेंटेशन (CNAP)

TRAI ने स्पैम कॉल्स और वित्तीय धोखाधड़ी को कम करने के लिए कॉलिंग नेम प्रेजेंटेशन (CNAP) प्रणाली को लागू करने की सिफारिश की है। इस सिस्टम के तहत, जब कोई कॉल आती है तो प्राप्तकर्ता की स्क्रीन पर कॉल करने वाले का नाम दिखाई देगा। इससे उपभोक्ताओं को अज्ञात कॉल करने वालों की पहचान करने में मदद मिलेगी, जिससे स्पैम कॉल और साइबर धोखाधड़ी के मामलों में कमी आएगी। यह कदम दूरसंचार उपयोगकर्ताओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए उठाया गया है।

शॉर्टकोड और शॉर्टकोड आवंटन के लिए नए नियम

TRAI ने शॉर्टकोड आवंटन के लिए भी नए नियम सुझाए हैं। इसके तहत, लेवल-1 शॉर्टकोड को विशेष रूप से सरकारी संस्थाओं के लिए आरक्षित किया जाएगा और उन्हें मुफ्त में आवंटित किया जाएगा। इसके अलावा, DoT को शॉर्टकोड के उपयोग को ट्रैक करने के लिए वार्षिक ऑडिट आयोजित करने का निर्देश दिया गया है। इसके द्वारा यह सुनिश्चित किया जाएगा कि अप्रयुक्त शॉर्टकोड को वापस लेकर नए उपयोगकर्ताओं को आवंटित किया जा सके।

इन प्रस्तावित बदलावों का उद्देश्य भारतीय दूरसंचार नेटवर्क की कार्यक्षमता को बढ़ाना और सीमित नंबरिंग संसाधनों का सही तरीके से उपयोग करना है। इसके साथ ही, दूरसंचार उपयोगकर्ताओं की सुरक्षा और नेटवर्क की स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए जा रहे हैं। TRAI के इन बदलावों से न केवल नेटवर्क के संसाधनों का कुशल उपयोग होगा, बल्कि उपभोक्ताओं को बेहतर सेवाएं भी मिलेंगी।

समग्र प्रभाव और अगले कदम

TRAI के ये नए नियम दूरसंचार नेटवर्क की स्थिरता और दक्षता को बढ़ाने में मदद करेंगे। इन बदलावों से नंबरिंग संसाधनों का बेहतर उपयोग होगा और उपभोक्ताओं को भी बेहतर सेवाएं प्राप्त होंगी। टेलीकॉम ऑपरेटरों को इन बदलावों को लागू करने के लिए छह महीने का समय दिया गया है, जो कि उन्हें अपनी प्रणाली को नए मानकों के अनुसार अपडेट करने में मदद करेगा।

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