B.A., B.Sc. और B.Com. अब 3 नहीं, 4 साल का होगा, साथ ही BHU में PhD के भी बदले नियम

काशी हिंदू विश्वविद्यालय ने नई शिक्षा नीति 2020 के तहत अपने शास्त्री कोर्स की अवधि बढ़ाकर 4 साल कर दी है। अब छात्रों को मिलेगा रिसर्च और स्किल डेवेलपमेंट का सीधा रास्ता, साथ ही UG रिसर्च वाले छात्रों को बिना परीक्षा के PhD में एडमिशन का सुनहरा मौका! जानिए पूरी जानकारी आगे..

Photo of author

Written byRohit Kumar

verified_75

Published on

B.A., B.Sc. और B.Com. अब 3 नहीं, 4 साल का होगा, साथ ही BHU में PhD के भी बदले नियम
B.A., B.Sc. और B.Com. अब 3 नहीं, 4 साल का होगा, साथ ही BHU में PhD के भी बदले नियम

वाराणसी स्थित काशी हिंदू विश्वविद्यालय (BHU), जिसे ‘सर्व शिक्षा की राजधानी’ के नाम से जाना जाता है, ने शास्त्री कोर्स में बड़ा बदलाव करते हुए इसकी अवधि अब 3 साल से बढ़ाकर 4 साल कर दी है। यह बदलाव नई शिक्षा नीति 2020 (NEP 2020) के तहत किया गया है। विश्वविद्यालय ने शुक्रवार देर शाम सीयूईटी यूजी (CUET UG) के अंतर्गत अपना प्रवेश बुलेटिन जारी करते हुए इस निर्णय की जानकारी दी।

शास्त्री कोर्स अब 8 सेमेस्टर में पूरा होगा

BHU द्वारा जारी प्रवेश बुलेटिन के अनुसार अब शास्त्री कोर्स को पूरा करने के लिए छात्रों को चार वर्षों की पढ़ाई करनी होगी। यह बदलाव नई शिक्षा नीति के अनुरूप किया गया है, जिसका उद्देश्य शिक्षा को अधिक समग्र और शोधपरक बनाना है।

Earthnewj से अब व्हाट्सप्प पर जुड़ें, क्लिक करें

यह भी देखें: अप्रैल से बदल जाएंगे छोटी बचत योजनाओं के ब्याज दर! जानिए अभी किन स्कीम्स में मिल रहा सबसे ज्यादा रिटर्न

बीएचयू के अधिकांश स्नातक कोर्स में हुआ बदलाव

बीए (BA), बीकॉम (BCom), बीएससी (BSc), बीएफए (BFA), बीपीएड (BPEd) जैसे प्रमुख स्नातक कोर्स पहले तीन साल के हुआ करते थे, लेकिन अब ये सभी कोर्स चार साल यानी 8 सेमेस्टर के हो गए हैं। इसके साथ ही विश्वविद्यालय ने यूजी ऑनर्स (UG Honours) और यूजी रिसर्च (UG Research) को दो अलग-अलग श्रेणियों में बांटा है।

यूजी रिसर्च छात्रों को पीएचडी में मिलेगा सीधे प्रवेश

नई व्यवस्था के अंतर्गत जो छात्र यूजी रिसर्च प्रोग्राम में पढ़ाई करेंगे, उन्हें चार साल की डिग्री पूरी करने के बाद सीधे पीएचडी (PhD) में प्रवेश मिल सकेगा। इसके लिए किसी अलग एंट्रेंस परीक्षा की आवश्यकता नहीं होगी। इसके साथ ही इन छात्रों को कौशल विकास (Skill Development), क्षमता निर्माण (Capacity Building) और वैल्यू एडेड कोर्स (Value Added Courses) में भी चयन की सुविधा मिलेगी।

फीस स्ट्रक्चर और सीटों में नहीं हुआ कोई बदलाव

गौर करने वाली बात यह है कि कोर्स की अवधि बढ़ने के बावजूद विश्वविद्यालय ने फीस स्ट्रक्चर और सीटों की संख्या में कोई बदलाव नहीं किया है। इसका मतलब है कि छात्र अब पहले की तरह ही शुल्क देकर चार साल की पढ़ाई कर सकेंगे।

यह भी देखें: संविदा कर्मचारियों को राहत मिलेगी? नियमितीकरण का मुद्दा सदन में उठा – सरकार ने दिया बड़ा जवाब

Also ReadBusiness Idea: पलाश के फूल से कमाएं मोटा पैसा! दवा से लेकर होली के रंग तक है जबरदस्त डिमांड

Business Idea: पलाश के फूल से कमाएं मोटा पैसा! दवा से लेकर होली के रंग तक है जबरदस्त डिमांड

अभी भी 7 कोर्स नई शिक्षा नीति के दायरे से बाहर

हालांकि BHU के अधिकांश कोर्स NEP-2020 के तहत आ चुके हैं, लेकिन अभी भी 7 ऐसे कोर्स हैं जो इस नीति के अंतर्गत नहीं आते। इनमें शामिल हैं:

  • बीएससी कृषि (BSc Agriculture)
  • बीएससी मेडिकल रेडियोलॉजी (BSc Medical Radiology)
  • बीए एलएलबी (BA LLB)
  • बीएससी रेडियोथेरेपी (BSc Radiotherapy)
  • बिवोक (BVoc)
  • इमेजिंग टेक्नोलॉजी (Imaging Technology)
  • डेयरी टेक्नोलॉजी और फूड टेक्नोलॉजी में बीटेक (BTech in Dairy & Food Technology)

इन कोर्सेस की मौजूदा संरचना में कोई बदलाव नहीं किया गया है और ये NEP-2020 से बाहर हैं।

विदेशी छात्रों को मिलेगा बिना परीक्षा के प्रवेश

BHU ने विदेशी छात्रों के लिए भी एक बड़ी सुविधा दी है। अब विदेशी छात्र बिना किसी प्रवेश परीक्षा के सीधे मेरिट के आधार पर एडमिशन ले सकेंगे। इससे विश्वविद्यालय में अंतरराष्ट्रीय छात्रों की भागीदारी और अधिक बढ़ने की संभावना है।

यह भी देखें: ATM से कैश निकालना होगा महंगा! 1 मई से बढ़ेगा चार्ज, RBI ने दी मंजूरी – जानिए कितना लगेगा ज्यादा

BHU में नए बदलावों से छात्रों को मिलेगा लाभ

BHU द्वारा लागू किए गए ये नए बदलाव न केवल छात्रों को शोध में आगे बढ़ने का अवसर देंगे बल्कि उन्हें रोजगार की दृष्टि से भी अधिक सक्षम बनाएंगे। चार साल का पाठ्यक्रम उन्हें गहन अध्ययन, शोध कार्य, और व्यावहारिक प्रशिक्षण के लिए बेहतर मंच प्रदान करेगा।

Also Readमात्र 4 महीने में इस सोलर एनर्जी स्टॉक ने दिया 965% का रिटर्न, बोनस शेयर को भी मिली मंजूरी

मात्र 4 महीने में इस सोलर एनर्जी स्टॉक ने दिया 965% का रिटर्न, बोनस शेयर को भी मिली मंजूरी

You might also like

Leave a Comment

हमारे Whatsaap ग्रुप से जुड़ें