क्या आपने सम्पति में निवेश किया है और अब आप उसे बेचना चाहते हैं, तो यह जानकारी जानना आपके लिए बहुत जरुरी है। आपको बता दें वित्त मंत्री द्वारा पेश गए बजट में कैपिटल गेन टैक्स में बदलाव कर दिया गया है। अब अगर आप अपनी प्रॉपर्टी को बेचते हैं और जितना भी लाभ प्राप्त करते हैं, उस पर आपको पहले से अधिक टैक्स जमा करना होगा। क्योंकि सरकार द्वारा प्रॉपर्टी बेचने पर मिलने वाले इंडेक्सेशन लाभ को खत्म कर दिया गया है। इस खबर से सभी प्रॉपर्टी बेचने वालों को बहुत बड़ा झटका लगता है।
यह भी पढ़ें- Budget 2024: सोने-चांदी की कीमत हुई धड़ाम 4 हजार रुपये से ज्यादा सस्ता हुआ सोना
बजट पेश से क्या बदलाव हुए?
आपको बता दें इस बदलाव में सम्पति बिक्री पर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स (LTCG) को 20 प्रतिशत से घटाकर 12.5 प्रतिशत कर दिया गया है। इंडेक्सेशन बेनिफिट में आपकी जो सम्पति होती है, उसकी महंगाई दर के अनुसार नई कीमत निकाली जाती है, इसके बाद ही आप अपनी प्रॉपर्टी को बेचते हैं। आप जिस राशि में अपनी सम्पति को बेचते हैं उस पर सरकार द्वारा 20 प्रतिशत का टैक्स लगाया जाता है। लेकिन अब इस नियम को बदल दिया गया है। उदाहरण के लिए यदि आपने दस साल पहले 30 लाख में कोई घर ख़रीदा था और आज के समय में उसकी कीमत करीबन 1 करोड़ के आस-पास पहुँच गई है। नए नियमों के मुताबिक खरीदी गई जमीन की 30 लाख रूपए की कीमत को इनकम टैक्स द्वारा नोटिफाई किए जाने वाले सीआईआई नंबरों के बढ़ाया जा सकता है।
लेकिन जो ये नया नियम लागू हुआ है इसमें आपको खरीद मूल्य बढ़ाने की कोई भी जरूरत नहीं है, अब आप सीधे बिक्री कीमत से खरीद कीमत को घटाकर पूंजीगत लाभ निकाल सकते हैं। सीतारमण जी का कहना है कि इन बदलाव से करदाताओं एवं कर अधिकारीयों दोनों को पूंजीगत लाभ की गणना करना और भी आसान हो गया है।
क्या है सीआईआई (CII)?
सीआईआई, जिसे भारतीय उद्योग परिसंघ भी कहते हैं, इसकी स्थापना वर्ष 1895 में की गई थी। सीआईआई का मुख्यालय नई दिल्ली में स्थित है। आपको बता दें आयकर विभाग द्वारा हर साल कॉस्ट इन्फ्लेशन इंडेक्स जारी किया जाता है। लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन एसेट की इन्फ्लेशन एडजस्टेड कॉस्ट का आकलन करने के लिए इस प्रयोग होता है।