
उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद (UPMSP) से 10वीं और 12वीं की परीक्षा पास करने वाले छात्रों को ओरिजनल मार्कशीट का बेसब्री से इंतजार है। इस बार यूपी बोर्ड (UP Board) ने मार्कशीट को लेकर कई अहम बदलाव किए हैं। Prayagraj News के अनुसार, छात्रों को उनकी ओरिजनल मार्कशीट जून के पहले सप्ताह से मिलने लगेगी। इस बार मार्कशीट न केवल डिजाइन और साइज में बदली हुई होगी, बल्कि इसमें सुरक्षा के दृष्टिकोण से कई हाईटेक फीचर्स भी शामिल किए गए हैं।
जून के पहले सप्ताह से मिलने लगेगी ओरिजनल मार्कशीट
UPMSP ने 2025 के बोर्ड परीक्षा परिणाम जारी करने के बाद छात्रों को ऑनलाइन प्रोविजनल मार्कशीट उपलब्ध करा दी थी। लेकिन छात्र अब भी अपनी असली यानी ओरिजनल मार्कशीट का इंतजार कर रहे हैं। बोर्ड ने जानकारी दी है कि जून के पहले सप्ताह से हाई स्कूल (Class 10th) और इंटरमीडिएट (Class 12th) के छात्रों को ओरिजनल मार्कशीट बांटी जाएगी।
माध्यमिक शिक्षा परिषद प्रयागराज ने सभी क्षेत्रीय कार्यालयों में मार्कशीट भेजनी शुरू कर दी है। इसके बाद क्षेत्रीय कार्यालय इन्हें संबंधित जिलों के DIOS (जिला विद्यालय निरीक्षक) कार्यालयों को भेजेंगे। वहां से ये मार्कशीट संबंधित स्कूलों तक पहुंचाई जाएंगी और छात्रों को वितरित की जाएंगी।
इस बार बदल गया है मार्कशीट का रूप और रंग
इस साल यूपी बोर्ड ने मार्कशीट को लेकर कई तकनीकी और भौतिक बदलाव किए हैं। अब छात्र-छात्राओं को जो मार्कशीट मिलेगी, वह साधारण कागज पर नहीं बल्कि स्पेशल सिंथेटिक पेपर पर तैयार की गई होगी। यह कागज न तो फटेगा और न ही पानी या नमी से खराब होगा। बोर्ड के अनुसार, यह पेपर सालों-साल तक बिल्कुल नया बना रहेगा।
इस बार मार्कशीट का रंग भी पहले से अलग होगा। साथ ही इसमें एक विशेष मोनोग्राम जोड़ा गया है, जिसकी विशेषता यह है कि यह धूप में लाल दिखेगा जबकि छांव में इसका रंग बदल जाएगा। यह फीचर मार्कशीट की सत्यता और सुरक्षा सुनिश्चित करेगा और नकली मार्कशीट बनाना लगभग नामुमकिन हो जाएगा।
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बदला गया है साइज और सुरक्षा फीचर भी हुए हैं अपग्रेड
इस बार बोर्ड ने मार्कशीट का साइज भी बदलकर A4 कर दिया है। इससे छात्रों को फोल्डिंग या स्टोरेज में आसानी होगी। साथ ही एक और महत्वपूर्ण बदलाव यह है कि यदि कोई छात्र मार्कशीट की फोटोकॉपी कराएगा, तो उसमें “फोटोकॉपी” स्पष्ट रूप से लिखा हुआ दिखाई देगा।
इसके अलावा, मार्कशीट पर रोल नंबर अंकों और शब्दों दोनों में लिखा जाएगा ताकि किसी भी प्रकार की गड़बड़ी या फर्जीवाड़ा न हो सके। वहीं, प्रिंट किए गए अक्षरों में किसी भी तरह का बदलाव नहीं किया जा सकेगा, जिससे डेटा की अखंडता बनी रहे।
हाईटेक मार्कशीट से बढ़ेगा छात्रों का विश्वास
UP Board की इस नई पहल से छात्रों को न केवल बेहतर गुणवत्ता की मार्कशीट मिलेगी बल्कि यह लंबे समय तक सुरक्षित भी रहेगी। इससे उच्च शिक्षा में एडमिशन या नौकरी में आवेदन के समय बार-बार मार्कशीट खराब होने या गुम होने का डर भी कम होगा।
बोर्ड ने सोशल मीडिया और वेबसाइट के माध्यम से भी छात्रों और अभिभावकों को इस बदलाव की जानकारी दी है। UPMSP का मानना है कि यह पहल शिक्षा प्रणाली को अधिक टेक्नोलॉजी फ्रेंडली और सुरक्षित बनाएगी, जिससे छात्र डिजिटल युग के अनुकूल हो सकें।
भविष्य के लिए बना आधार – डिजिटल और सिक्योर डॉक्यूमेंट्स
यूपी बोर्ड की यह कोशिश आगे चलकर शिक्षा व्यवस्था को पूरी तरह डिजिटल और सिक्योर बनाने की दिशा में एक मजबूत कदम साबित हो सकती है। वर्तमान समय में जब फर्जी दस्तावेजों और धोखाधड़ी के मामले बढ़ रहे हैं, ऐसे में इस तरह की तकनीकी पहलें छात्रों और सिस्टम दोनों के लिए लाभदायक हैं।
नई मार्कशीट की ये विशेषताएं निश्चित रूप से छात्रों के लिए गर्व और संतोष का कारण बनेंगी। इसके साथ ही आने वाले वर्षों में यह मानक बन सकता है, जिसे देश के अन्य शिक्षा बोर्ड भी अपनाने के लिए प्रेरित हो सकते हैं।