1 जुलाई से स्कूलों में बड़ा बदलाव! नया टाइमटेबल होगा लागू, बदल जाएगी टाइमिंग, आदेश जारी देखें

1 जुलाई से स्कूलों में बड़ा बदलाव! नया टाइमटेबल होगा लागू, बदल जाएगी टाइमिंग, आदेश जारी देखें
1 जुलाई से स्कूलों में बड़ा बदलाव! नया टाइमटेबल होगा लागू, बदल जाएगी टाइमिंग, आदेश जारी देखें

UP Board यानी उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद ने राज्य की शिक्षा व्यवस्था को सुव्यवस्थित और एकरूप बनाने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। पहली बार बोर्ड ने कक्षा 9वीं से 12वीं तक के लिए एक समान सुझावात्मक समयसारिणी – Suggestive Timetable जारी की है। यह नया टाइमटेबल आगामी 1 जुलाई 2025 से पूरे प्रदेश के 29,000 से अधिक माध्यमिक विद्यालयों में लागू किया जाएगा।

1 जुलाई से स्कूलों में बड़ा बदलाव! नया टाइमटेबल होगा लागू, बदल जाएगी टाइमिंग, आदेश जारी देखें

इस व्यवस्था का उद्देश्य राज्य भर में शिक्षा की गुणवत्ता, पारदर्शिता और निगरानी में सुधार लाना है। अब तक हर स्कूल अपनी सुविधा और संसाधनों के अनुसार समयसारिणी बनाता था, जिससे विषयों की पढ़ाई में असमानता और पढ़ाई के स्तर में अंतर देखा जाता था। लेकिन अब एकरूप समयसारिणी से इन विसंगतियों पर रोक लगेगी।

हर विषय की पढ़ाई का समय तय, जिससे पढ़ाई होगी आसान

UP Board की नई समयसारिणी के अनुसार, सोमवार से शनिवार तक कक्षा 9 से 12 के विद्यार्थियों की पढ़ाई को घंटेवार विभाजित किया गया है। कुल आठ घंटे की पढ़ाई में प्रत्येक विषय के लिए अलग-अलग समय निर्धारित किया गया है। उदाहरण स्वरूप, कक्षा 11 में सप्ताह के पहले तीन दिन पहले घंटे में हिंदी पढ़ाई जाएगी, जबकि गुरुवार को पहले घंटे में अंग्रेजी या चित्रकला – English/Art का पाठ होगा। उसी दिन हिंदी को तीसरे घंटे में स्थान मिलेगा।

हर दिन के चौथे घंटे के बाद मध्याह्न अवकाश – Lunch Break निर्धारित किया गया है, जिससे छात्रों को नियमित अंतराल पर आराम मिल सके और उनकी पढ़ाई में मन लगा रहे। इस विषयवार वितरण से न सिर्फ छात्रों में विविधता बनी रहेगी, बल्कि विषयों के दोहराव और समय प्रबंधन की समस्या भी हल होगी।

विद्यालय प्रमुख को सीमित संशोधन का अधिकार

हालांकि समयसारिणी को पूरे प्रदेश में एकरूपता के साथ लागू किया जा रहा है, फिर भी प्रधानाचार्य (Principal) को यह अधिकार दिया गया है कि वे विद्यालय में विषय और शिक्षक की उपलब्धता के अनुसार इसमें सीमित रूप से बदलाव कर सकें। यह लचीलापन इस योजना की व्यावहारिकता को दर्शाता है।

बोर्ड सचिव भगवती सिंह ने स्पष्ट किया है कि यह समयसारिणी 1 जुलाई से लागू होगी, जब ग्रीष्मकालीन अवकाश के बाद स्कूल दोबारा खुलेंगे। शिक्षा के स्तर को ऊंचा उठाने और छात्रों को बेहतर माहौल देने के लिए यह योजना ऐतिहासिक मानी जा रही है।

वेबसाइट पर टाइमटेबल जारी, सभी स्कूलों में लागू अनिवार्य

UP Board ने यह नई समयसारिणी अपनी आधिकारिक वेबसाइट upmsp.edu.in पर अपलोड कर दी है। राज्य के हर माध्यमिक विद्यालय को यह निर्देश दिया गया है कि वे इसी के अनुरूप शिक्षण कार्य संचालित करें। इससे न सिर्फ बोर्ड परीक्षाओं की तैयारी और भी केंद्रित होगी, बल्कि अध्यापकों और छात्रों को स्पष्ट दिशा भी मिलेगी।

अब तक अलग-अलग जिलों में अलग-अलग समयसारिणी के कारण शिक्षा की गुणवत्ता में अंतर देखा जाता था। लेकिन अब जब पूरे प्रदेश में एक समान समय पर एक जैसे विषय पढ़ाए जाएंगे, तो शिक्षा व्यवस्था अधिक संगठित होगी।

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शिक्षा में आएगा अनुशासन, छात्रों को मिलेगा सीधा लाभ

एक समान समयसारिणी – Timetable के लागू होने से विद्यालयों में अनुशासन और पढ़ाई का माहौल बेहतर होगा। छात्रों की उपस्थिति (Attendance) में भी वृद्धि की संभावना जताई जा रही है। समय की पाबंदी से छात्रों को आदत पड़ेगी कि किस समय कौन सा विषय पढ़ना है, जिससे उनकी तैयारी और ध्यान केंद्रित रहेगा।

बोर्ड का मानना है कि यह बदलाव छात्रों के सर्वांगीण विकास – Holistic Development के लिए अत्यंत लाभकारी सिद्ध होगा। परीक्षा की तैयारी के साथ-साथ उन्हें विषयों में गहराई से समझ बनाने का मौका मिलेगा।

एक जैसी पढ़ाई से पढ़ाई की गुणवत्ता होगी बेहतर

उत्तर प्रदेश की यह नई पहल राज्य को राष्ट्रीय शिक्षा मानकों की दिशा में आगे ले जाने वाली है। बोर्ड की यह कोशिश शिक्षा के क्षेत्र में समानता, पारदर्शिता और गुणवत्ता – Equality, Transparency and Quality सुनिश्चित करने के लिए की गई है।

इससे न केवल छात्रों को फायदा होगा, बल्कि अभिभावकों और शिक्षकों को भी एक स्पष्ट मार्गदर्शन मिलेगा। पूरे प्रदेश में एक जैसे शिक्षण समय से मूल्यांकन और परिणामों की तुलना करना भी आसान होगा, जिससे आगे की योजनाओं को अधिक प्रभावशाली ढंग से लागू किया जा सकेगा।

टाइमटेबल का उद्देश्य शिक्षा की एकजुटता और असरदार संचालन

समयसारिणी सिर्फ घंटों का विभाजन नहीं है, बल्कि यह पूरे शैक्षणिक सत्र की रीढ़ है। UP Board का यह कदम शिक्षा को महज औपचारिकता से निकालकर सुनियोजित प्रक्रिया – Structured Process में बदलने का प्रयास है। इससे ना केवल छात्रों का समय प्रबंधन बेहतर होगा, बल्कि शिक्षकों की जिम्मेदारी भी स्पष्ट होगी।

सुझावात्मक समयसारिणी से शिक्षकों के बीच समन्वय बढ़ेगा और वे अपने विषयों को नियत समय पर पूरा कर सकेंगे। यह पूरी प्रणाली शिक्षा को एक रूप में ढालने का प्रयास है, जो आने वाले वर्षों में और भी सफल साबित हो सकता है।

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By Rohit Kumar

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