
उत्तर प्रदेश सरकार ने संभावित बाढ़ संकट को देखते हुए अपनी तैयारियों को तेज कर दिया है। आटा, दाल, चीनी समेत आवश्यक राहत सामग्री वाली राहत किट के वितरण की योजना बनाई गई है, जो बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में हर सप्ताह वितरित की जाएगी। बाढ़ की आशंका वाले इलाकों की पहचान की जा रही है और वहां पर सुरक्षित शरणालयों की व्यवस्था भी सुनिश्चित की जा रही है।
मुख्य सचिव के निर्देश: हर स्तर पर पुख्ता इंतजाम
मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों को निर्देशित किया है कि वे अपने-अपने जिलों में संभावित बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों की पहचान कर जल्द से जल्द सभी जरूरी इंतजाम करें। जिन इलाकों में बाढ़ का खतरा अधिक है, वहां पहले से ही लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने की रणनीति बनाई जा रही है।
राहत किट में क्या-क्या मिलेगा
प्रदेश सरकार ने बाढ़ पीड़ितों के लिए जो राहत किट तैयार की है, उसमें आटा, चावल, आलू (10-10 किलो), अरहर दाल (दो किलो), हल्दी (200 ग्राम), मिर्च (100 ग्राम), सब्जी मसाला (200 ग्राम), सरसों का तेल (एक लीटर), नमक (एक किलो), लाई, चना, भूना चना, चीनी, बिस्कुट, माचिस, मोमबत्ती, नहाने का साबुन, ढक्कन वाली बाल्टी, तिरपाल, सैनिटरी पैड (20), कपड़े धोने का साबुन, तौलिया, सूती कपड़ा, 20 डिस्पोजल बैग, एक मग और डेटॉल या सेवलान (100 मिली) शामिल होगा।
भोजन, नाश्ता और सुरक्षित आवास की व्यवस्था
बाढ़ के दौरान जिन लोगों को शरणालयों में स्थानांतरित किया जाएगा, उन्हें वहां पर तीन समय का भोजन और नाश्ता उपलब्ध कराया जाएगा। साथ ही, साफ पेयजल के लिए दवाओं का इंतजाम किया जाएगा ताकि जलजनित बीमारियों से लोगों को बचाया जा सके।
नाव से बचाव और समय पर भुगतान की व्यवस्था
बाढ़ प्रभावित इलाकों से लोगों को सुरक्षित निकालने के लिए नावों की व्यवस्था भी सुनिश्चित की जा रही है। इसके लिए नाविकों को सेवा देने के 24 घंटे के भीतर भुगतान किया जाएगा ताकि राहत कार्यों में कोई बाधा न आए। नाविकों की उपलब्धता और नावों की स्थिति का भी जायजा लिया जा रहा है।
पशुओं की सुरक्षा पर विशेष जोर
सरकार सिर्फ मानव जीवन ही नहीं, बल्कि पशुधन की सुरक्षा को लेकर भी गंभीर है। बाढ़ से पहले ही पशुओं का टीकाकरण सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं ताकि महामारी का खतरा टाला जा सके।
अतिरिक्त राशन सामग्री का भंडारण
जिलों में पहले से ही अतिरिक्त राशन सामग्री का भंडारण किया जा रहा है ताकि आपात स्थिति में किसी भी प्रकार की कमी का सामना न करना पड़े। खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए भंडारण प्रक्रिया को तेज कर दिया गया है।
बाहरी पीड़ितों को भी मिलेगी राहत
यह सुनिश्चित किया गया है कि राहत किट सिर्फ शरणालयों में रह रहे लोगों को ही नहीं, बल्कि उन बाढ़ पीड़ितों को भी दी जाएगी जो किसी कारणवश शरणालयों के बाहर रह रहे हैं। इससे राहत कार्यों की व्यापकता और पारदर्शिता बनी रहेगी।
जल निकासी के पुख्ता प्रबंध
राज्य सरकार बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों से जल निकासी के लिए भी मशीनरी और कर्मचारियों की तैनाती कर रही है। इससे पानी के ठहराव से उत्पन्न होने वाली समस्याओं को नियंत्रित करने में मदद मिलेगी।
क्षेत्रीय पहचान और समय से कदम
सरकार का उद्देश्य है कि संभावित बाढ़ से पहले ही खतरे वाले क्षेत्रों की सटीक पहचान कर ली जाए और समय रहते वहां की जनता को सचेत कर सुरक्षित स्थानों पर भेजा जाए। इसके लिए स्थानीय प्रशासन को क्षेत्रीय जानकारी के आधार पर कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं।