नींद आई तो सिस्टम देगा अलर्ट! सरकार बड़े वाहनों में करने जा रही ये सेफ्टी फीचर अनिवार्य

नींद आई तो सिस्टम देगा अलर्ट! सरकार बड़े वाहनों में करने जा रही ये सेफ्टी फीचर अनिवार्य
नींद आई तो सिस्टम देगा अलर्ट! सरकार बड़े वाहनों में करने जा रही ये सेफ्टी फीचर अनिवार्य
नींद आई तो सिस्टम देगा अलर्ट! सरकार बड़े वाहनों में करने जा रही ये सेफ्टी फीचर अनिवार्य

सड़क दुर्घटनाओं में हो रही बढ़ोतरी और उनमें होने वाली मौतों पर अंकुश लगाने के लिए सरकार ने एक महत्वपूर्ण पहल की है। अप्रैल 2026 से, बसों, ट्रकों और आठ या उससे अधिक यात्रियों को ले जाने वाले सभी बड़े पैसेंजर वाहनों में एडवांस सेफ्टी फीचर्स को अनिवार्य किया जाएगा।

सरकार का यह कदम सड़क सुरक्षा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा। बड़े वाहनों में एडवांस सेफ्टी फीचर्स की अनिवार्यता से न केवल दुर्घटनाओं में कमी आएगी, बल्कि यात्रियों और चालक दोनों की सुरक्षा सुनिश्चित होगी। यह पहल सड़क परिवहन के क्षेत्र में एक सकारात्मक परिवर्तन की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।​

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अनिवार्य होंगे ये एडवांस सेफ्टी फीचर्स

सरकार द्वारा प्रस्तावित इन एडवांस सेफ्टी फीचर्स में शामिल हैं:

एडवांस ड्राइविंग असिस्टेंस सिस्टम (ADAS)

  • ADAS एक आधुनिक तकनीक है जो वाहन चलाते समय चालक की सहायता करती है। यह सिस्टम वाहन के आसपास के वातावरण की निगरानी करता है और संभावित खतरों की पहचान करके चालक को सतर्क करता है। इससे दुर्घटनाओं की संभावना कम होती है और सड़क सुरक्षा में सुधार होता है।

इमरजेंसी ब्रेकिंग सिस्टम (AEBS)

  • AEBS संभावित टक्कर की स्थिति में सक्रिय होता है। यदि चालक समय पर प्रतिक्रिया नहीं देता, तो यह सिस्टम स्वतः ब्रेक लगाकर वाहन को धीमा या रोक देता है, जिससे टक्कर के प्रभाव को कम किया जा सके।

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ड्राइवर ड्रॉजिनेस एंड अटेंशन वार्निंग सिस्टम (DDAWS)

  • DDAWS चालक की आंखों और सिर की गतिविधियों की निगरानी करता है। यदि सिस्टम को लगता है कि चालक को नींद आ रही है या उसका ध्यान भटक रहा है, तो यह तुरंत चेतावनी देता है, जिससे चालक सतर्क हो सके और दुर्घटना से बचा जा सके।

लेन डिपार्चर वार्निंग सिस्टम (LDWS)

  • LDWS वाहन के लेन से अनजाने में बाहर निकलने पर चालक को चेतावनी देता है। यह सिस्टम सड़क पर लेन मार्किंग की पहचान करता है और बिना संकेत के लेन बदलने पर अलार्म या वाइब्रेशन के माध्यम से चालक को सूचित करता है।

ब्लाइंड स्पॉट मॉनिटरिंग सिस्टम (BSMS)

  • BSMS वाहन के ब्लाइंड स्पॉट में मौजूद वाहनों या वस्तुओं का पता लगाता है और चालक को सचेत करता है, जिससे लेन बदलते समय टक्कर की संभावना कम होती है।

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सड़क परिवहन मंत्रालय की पहल

सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) ने केंद्रीय मोटर वाहन नियमों में संशोधन का मसौदा तैयार किया है, जिसके तहत इन सेफ्टी फीचर्स को अनिवार्य किया जाएगा। यह कदम सड़क दुर्घटनाओं को कम करने और सड़क सुरक्षा में सुधार के उद्देश्य से उठाया गया है। ​

सड़क दुर्घटनाओं के आंकड़े और सरकार की चिंता

सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने जनवरी 2025 में बताया था कि वर्ष 2023 में लगभग 1,72,000 सड़क दुर्घटनाओं में से 33,000 लोग ट्रकों द्वारा टक्कर मारने के कारण मारे गए थे। इन चिंताजनक आंकड़ों के मद्देनजर, सरकार ने यह निर्णय लिया है ताकि सड़क सुरक्षा को बढ़ावा दिया जा सके।

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By Rohit Kumar

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