आम की फसल पर मंडरा रहा बड़ा खतरा! इस खतरनाक कीट से बौर-फल बर्बाद, मोबाइल से तुरंत करें पहचान और बचाव

अगर समय रहते नहीं किया नियंत्रण, तो बर्बाद हो सकती है पूरी फसल! आम के बागों में तेजी से फैल रहा है थ्रिप्स कीट, जानिए मोबाइल से इसे पहचानने और प्रभावी दवाओं से रोकथाम के उपाय

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Written byRohit Kumar

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आम की फसल पर मंडरा रहा बड़ा खतरा! इस खतरनाक कीट से बौर-फल बर्बाद, मोबाइल से तुरंत करें पहचान और बचाव
आम की फसल पर मंडरा रहा बड़ा खतरा! इस खतरनाक कीट से बौर-फल बर्बाद, मोबाइल से तुरंत करें पहचान और बचाव

इस बार मौसम में बदलाव के चलते आम (Mango) के बागों में थ्रिप्स (Thrips) कीट का प्रकोप देखने को मिल रहा है। बागवानी विशेषज्ञों का कहना है कि यदि इस कीट की समय पर रोकथाम नहीं की गई तो यह आम के बौर और छोटे फलों को गंभीर नुकसान पहुंचा सकता है। लखनऊ स्थित आईसीएआर-सीआईएसएच (CISH) के प्रधान कृषि वैज्ञानिक डॉ. एच.एस. सिंह के अनुसार, आम के किसानों को इस समस्या को हल्के में नहीं लेना चाहिए और नियमित रूप से बाग का निरीक्षण करना चाहिए।

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आम की फसल पर थ्रिप्स कीट का प्रभाव गंभीर हो सकता है, लेकिन समय पर पहचाना जाए तो इसे नियंत्रित किया जा सकता है। किसान मोबाइल फोन की मदद से इस कीट की पहचान कर सकते हैं और सही कीटनाशक का प्रयोग कर अपनी फसल को सुरक्षित रख सकते हैं। नियमित निगरानी और उचित नियंत्रण उपायों को अपनाकर थ्रिप्स के प्रकोप को रोका जा सकता है।

थ्रिप्स कीट के लक्षण

डॉ. सिंह के अनुसार, थ्रिप्स कीट के प्रभाव को निम्न लक्षणों से पहचाना जा सकता है:

  • प्रभावित पत्तियां धीरे-धीरे कठोर हो जाती हैं।
  • आम के कोमल पत्तों और बौर पर छोटे-छोटे काले धब्बे उभरते हैं।
  • पत्तियां सिकुड़ने और मुड़ने लगती हैं।
  • बौर सूखकर गिरने लगता है।
  • छोटे-छोटे फलों पर भूरे या काले धब्बे बनने लगते हैं, जिससे उनका आकार विकृत हो जाता है।

विशेषज्ञों का कहना है कि यदि इस समस्या का समाधान जल्द नहीं किया गया, तो थ्रिप्स की अगली पीढ़ी उभरने के बाद बौर भी पूरी तरह प्रभावित हो सकते हैं, जिससे उत्पादन पर बुरा असर पड़ेगा।

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मोबाइल से करें थ्रिप्स कीट की पहचान

थ्रिप्स की पहचान करने के लिए मोबाइल फोन की स्क्रीन का उपयोग किया जा सकता है। इसके लिए:

  • मोबाइल स्क्रीन को काला रखें और कोमल पत्तियों के नीचे लगाएं।
  • पत्तियों को हल्के हाथ से झटका दें।
  • यदि थ्रिप्स मौजूद हैं, तो वे सफेद या काली आकृतियों के रूप में स्क्रीन पर घूमती नजर आएंगी।
  • एक पत्ती पर थ्रिप्स की संख्या 200 तक हो सकती है।

इस तकनीक से किसान आसानी से अपने बाग में थ्रिप्स की मौजूदगी की जांच कर सकते हैं और आवश्यक कदम उठा सकते हैं।

थ्रिप्स नियंत्रण के उपाय

यदि आम के पेड़ों पर थ्रिप्स की संख्या अधिक हो जाती है, तो उचित कीटनाशकों का छिड़काव आवश्यक है। कृषि विशेषज्ञों के अनुसार, थ्रिप्स के नियंत्रण के लिए निम्नलिखित दवाओं का उपयोग किया जा सकता है:

  • स्पिनोसैड 45% SC: 0.5 मि.ली. प्रति लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें।
  • फिप्रोनिल 5% SC: 1 मि.ली. प्रति लीटर पानी में मिलाकर स्प्रे करें।
  • डायमेथोएट 30% EC: 1 मि.ली. प्रति लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें।

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इसके अलावा, जैविक नियंत्रण के लिए नीम के तेल और अन्य जैविक कीटनाशकों का उपयोग भी प्रभावी साबित हो सकता है।

छिड़काव के दौरान बरतें सावधानी

  • अगर थ्रिप्स का प्रकोप केवल कुछ पत्तियों पर है, तो पूरे पेड़ पर छिड़काव करने के बजाय प्रभावित भागों पर ही ‘सिलेक्टिव स्प्रे’ करें।
  • बिना निरीक्षण के पूरे बाग में कीटनाशकों का छिड़काव न करें, खासकर जब आम के मंजर कड़ी अवस्था में हों।
  • जैविक तरीकों को अपनाकर भी थ्रिप्स के प्रभाव को कम किया जा सकता है।

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