AC में ‘टन’ का मतलब क्या होता है? जानें कहीं आप इसे वजन तो नहीं समझ रहे!

AC में ‘टन’ का मतलब क्या होता है? जानें कहीं आप इसे वजन तो नहीं समझ रहे!
AC में ‘टन’ का मतलब क्या होता है? जानें कहीं आप इसे वजन तो नहीं समझ रहे!
AC में ‘टन’ का मतलब क्या होता है? जानें कहीं आप इसे वजन तो नहीं समझ रहे!

गर्मी का मौसम भारत में तेजी से दस्तक दे चुका है और ऐसे में एसी (AC) की मांग एक बार फिर से बढ़ने लगी है। अगर आप भी इस सीजन में नया एयर कंडीशनर (Air Conditioner) खरीदने की योजना बना रहे हैं, तो कई जरूरी फैक्ट्स का ध्यान रखना जरूरी है। इन्हीं में से एक अहम पहलू है ‘टन (Ton)’, जो अक्सर ग्राहकों को भ्रमित करता है।

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अक्सर लोग ‘टन’ शब्द को एसी यूनिट के वजन से जोड़ लेते हैं, लेकिन हकीकत में इसका वजन से कोई संबंध नहीं होता। ‘टन’ एसी की कूलिंग कैपेसिटी को दर्शाता है, यानी एसी एक घंटे में कितनी गर्मी को किसी स्थान से हटा सकता है। आइए विस्तार से समझते हैं कि एसी में ‘टन’ का क्या मतलब होता है और इसे क्यों समझना जरूरी है।

एसी में ‘टन (Ton)’ का मतलब क्या है?

एयर कंडीशनर में ‘टन’ एक यूनिट है जो कूलिंग पावर को मापती है। इसका आधार ब्रिटिश थर्मल यूनिट (BTU) होता है।

1 टन कूलिंग = 12,000 BTU प्रति घंटा
इसका अर्थ है कि 1 टन एसी एक घंटे में 12,000 BTU गर्मी को हटाने में सक्षम होता है।

इस आधार पर:

  • 1.5 टन एसी = 18,000 BTU/घंटा
  • 2 टन एसी = 24,000 BTU/घंटा

यह यूनिट उस ऊर्जा से संबंधित है, जो 24 घंटे में एक टन यानी 2,000 पाउंड बर्फ को पूरी तरह पिघलाने में लगती है। इसी ऊर्जा को BTU में मापा जाता है और इसका प्रयोग एसी की क्षमता को समझने में किया जाता है।

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सही टन वाला एसी क्यों चुनना जरूरी है?

अगर आप गलत टन क्षमता वाला एसी चुनते हैं, तो न केवल आपकी कूलिंग एफिशिएंसी प्रभावित होगी बल्कि बिजली बिल भी बढ़ सकता है। सही टन वाला एसी न केवल आपकी जरूरत के मुताबिक बेहतर कूलिंग प्रदान करता है, बल्कि यह एनर्जी एफिशिएंसी और लॉन्ग टर्म कॉस्ट सेविंग में भी मदद करता है।

कमरे के आकार के अनुसार टन का चयन

सही टन का चयन रूम साइज पर निर्भर करता है। नीचे दिए गए अनुमान के आधार पर आप अपने कमरे के अनुसार एसी का चयन कर सकते हैं:

  • 0.8-1 टन एसी: छोटे कमरों के लिए उपयुक्त होते हैं जिनका आकार 100-150 वर्ग फीट तक हो।
  • 1.5 टन एसी: मीडियम साइज वाले कमरों के लिए जिनका आकार 150-250 वर्ग फीट हो।
  • 2 टन या उससे ज्यादा: बड़े कमरों के लिए जहां आकार 250 वर्ग फीट से ज्यादा हो।

अगर आप छोटे कमरे में ज्यादा टन वाला एसी लगा देते हैं, तो वह जल्दी कूलिंग तो कर देगा, लेकिन इससे ह्यूमिडिटी कंट्रोल सही से नहीं हो पाएगा। वहीं अगर बड़े कमरे में कम टन वाला एसी लगाते हैं, तो उसे लगातार काम करना पड़ेगा जिससे बिजली की खपत बढ़ेगी और कूलिंग भी ठीक से नहीं होगी।

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एनर्जी एफिशिएंसी और बिजली बिल की बचत

सही साइज और सही टन क्षमता वाला एसी एनर्जी कंजम्प्शन को कम करता है। इसके अलावा, बीईई स्टार रेटिंग (BEE Star Rating) भी महत्वपूर्ण होती है।

5-स्टार रेटेड एसी, समान टन क्षमता में भी कम बिजली खर्च करते हैं, जिससे लंबे समय में आपके बिजली बिल में अच्छी बचत होती है।

क्लाइमेट और उपयोगिता के हिसाब से टन का चयन

  • अगर आप ऐसे क्षेत्र में रहते हैं जहां तापमान बहुत अधिक होता है या ह्यूमिडिटी ज्यादा होती है, तो वहां पर थोड़ा ज्यादा टन क्षमता वाला एसी उपयुक्त होता है।
  • वहीं, अगर कमरा दिनभर बंद रहता है और बहुत कम उपयोग होता है, तो कम टन वाला एसी भी पर्याप्त हो सकता है।
  • इसलिए खरीदने से पहले अपने क्लाइमेट, रूम साइज़ और उपयोग के पैटर्न को ध्यान में रखकर एसी का चयन करना चाहिए।
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By Rohit Kumar

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