मौत के बाद भी एक्टिव रहेगा आपका Aadhaar-PAN? जानिए चौंकाने वाला सच!

मौत के बाद भी एक्टिव रहेगा आपका Aadhaar-PAN? जानिए चौंकाने वाला सच!
मौत के बाद भी एक्टिव रहेगा आपका Aadhaar-PAN? जानिए चौंकाने वाला सच!
मौत के बाद भी एक्टिव रहेगा आपका Aadhaar-PAN? जानिए चौंकाने वाला सच!

भारत में आधार कार्ड (Aadhaar Card) और पैन कार्ड (PAN Card) सबसे महत्वपूर्ण दस्तावेजों में शामिल हैं, जो नागरिकों की पहचान और वित्तीय कार्यों के लिए अनिवार्य माने जाते हैं। वर्तमान में, देश के लगभग 138.08 करोड़ लोगों के पास आधार कार्ड और 74.67 करोड़ लोगों के पास पैन कार्ड है। लेकिन सवाल उठता है कि किसी व्यक्ति की मृत्यु के बाद इन दस्तावेजों का क्या होता है?

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व्यक्ति के निधन के बाद, उसके सरकारी दस्तावेजों का सही तरीके से निष्कर्षण जरूरी होता है ताकि किसी भी प्रकार की धोखाधड़ी (Fraud) या अवैध गतिविधि को रोका जा सके। हालाँकि, आधार कार्ड को रद्द करने की कोई स्वचालित प्रक्रिया (Automatic Process) नहीं है, लेकिन परिवार के सदस्य मृत्यु प्रमाण पत्र (Death Certificate) के साथ यूआईडीएआई (UIDAI) को सूचित करके इसे निष्क्रिय करवा सकते हैं। वहीं, पैन कार्ड को निष्क्रिय करने के लिए मृतक के कानूनी उत्तराधिकारी को आयकर विभाग (Income Tax Department) में आवेदन देना पड़ता है।

आधार कार्ड का क्या होता है?

आधार कार्ड एक अद्वितीय पहचान संख्या (Unique Identification Number – UID) है, जिसे भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) द्वारा नागरिकों को जारी किया जाता है।

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आधार निष्क्रिय करने की प्रक्रिया:

  • मृतक के परिजन को UIDAI को एक लिखित आवेदन भेजना होता है।
  • आवेदन के साथ मृत्यु प्रमाण पत्र (Death Certificate) और अन्य आवश्यक दस्तावेज संलग्न करने होते हैं।
  • आधार कार्ड निष्क्रिय करने के लिए आधार केंद्र या संबंधित सरकारी विभाग में आवेदन देना अनिवार्य होता है।
  • यूआईडीएआई सत्यापन प्रक्रिया (Verification Process) के बाद आधार कार्ड को निष्क्रिय कर सकता है।
  • आधार को निष्क्रिय करने से सरकार के रिकॉर्ड सही बने रहते हैं और किसी भी प्रकार की गलत पहचान (Identity Theft) का खतरा टल जाता है।

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पैन कार्ड का क्या होता है?

पैन कार्ड (Permanent Account Number – PAN Card) एक महत्वपूर्ण वित्तीय दस्तावेज है, जिसका उपयोग बैंकिंग, कराधान (Taxation) और अन्य वित्तीय कार्यों में किया जाता है। मृत्यु के बाद, पैन कार्ड स्वचालित रूप से निष्क्रिय नहीं होता, बल्कि इसके लिए उचित प्रक्रिया अपनानी पड़ती है।

पैन निष्क्रिय करने की प्रक्रिया:

  • मृतक के परिजन को आयकर विभाग (Income Tax Department) में आवेदन देना होता है।
  • आवेदन के साथ मृत्यु प्रमाण पत्र, पैन कार्ड की प्रति और अन्य आवश्यक दस्तावेज संलग्न करने होते हैं।
  • यदि मृतक के नाम पर कोई कर देनदारी (Tax Liability) है, तो उसे निपटाने के बाद ही पैन निष्क्रिय किया जा सकता है।
  • पैन कार्ड बंद करने के बजाय, उसे उत्तराधिकारी के नाम पर ट्रांसफर भी किया जा सकता है।

मृत्यु के बाद आधार और पैन निष्क्रिय करवाने का महत्व

पहचान की गलत उपयोग से बचाव:

  • यदि मृतक का आधार (Aadhaar) या पैन (PAN) सक्रिय रहता है, तो कोई भी इसका दुरुपयोग कर सकता है। कई मामलों में देखा गया है कि मृतक के आधार कार्ड और पैन कार्ड का गलत इस्तेमाल करके बैंकिंग धोखाधड़ी (Financial Fraud) की जाती है।

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बैंक और वित्तीय लेन-देन में सुविधा:

  • यदि पैन निष्क्रिय नहीं किया जाता, तो इससे कर संबंधित समस्याएँ उत्पन्न हो सकती हैं। पैन कार्ड निष्क्रिय कराने से कर रिकॉर्ड सही रहता है और उत्तराधिकारी को कानूनी परेशानियों (Legal Issues) से बचाया जा सकता है।

सरकारी रिकॉर्ड अपडेट:

  • आधार और पैन को निष्क्रिय करने से सरकार के रिकॉर्ड सही बने रहते हैं और अनावश्यक त्रुटियाँ (Errors) या धोखाधड़ी के मामले कम होते हैं। यह प्रक्रिया नागरिकों को सुरक्षित और पारदर्शी प्रशासन का लाभ दिलाने में मदद करती है।
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By Rohit Kumar

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