
सिटीग्रुप (Citigroup) से जुड़ा एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां बैंक की गलती के चलते एक ग्राहक के खाते में 81 ट्रिलियन डॉलर (7,08,51,14,55,00,00,000 रुपये) की राशि जमा कर दी गई। असल में, ग्राहक को केवल 280 डॉलर (24,492 रुपये) मिलने थे। यह मामला बैंक के ऑपरेशनल इश्यू के कारण हुआ, जिसे काफी समय से ठीक नहीं किया गया था।
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डेढ़ घंटे बाद पकड़ी गई गलती
फाइनेंशियल टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, यह घटना अप्रैल 2023 की है। सिटीग्रुप के एक कर्मचारी ने पेमेंट प्रोसेस किया, जिसे दूसरे अधिकारी द्वारा जांचने और मंजूरी देने की आवश्यकता थी। हालांकि, दोनों अधिकारी इस भारी गलती को पकड़ने में असमर्थ रहे। लगभग डेढ़ घंटे बाद, एक अन्य बैंक कर्मचारी ने अकाउंट बैलेंस में असामान्यता देखी और गलती का खुलासा हुआ।
बैंक की मजबूत सुरक्षा प्रणाली की वजह से यह गलती समय रहते पकड़ ली गई और कुछ घंटों के भीतर ही इस ट्रांजेक्शन को रिवर्स कर दिया गया।
बैंक का आधिकारिक बयान
सिटीग्रुप ने इस मामले पर सफाई देते हुए कहा कि उनके सेफ्टी सिस्टम ने समय रहते गलती पकड़ ली और इसे सही कर दिया गया। बैंक ने बताया कि इस गलती से न तो बैंक को और न ही ग्राहक को कोई नुकसान हुआ। बैंक ने आगे कहा कि इस तरह की घटनाओं से सीख लेते हुए उन्हें मैनुअल प्रोसेस खत्म कर ऑटोमेशन पर जोर देना होगा।
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पहले भी हो चुकी हैं ऐसी गलतियां
यह पहली बार नहीं है जब सिटीग्रुप (Citigroup) में इस तरह की गलती हुई है। 2023 में ही बैंक ने ऐसी 10 गलतियां की थीं, जिनमें कर्मचारी गलती से ज्यादा रकम ट्रांसफर करने वाले थे लेकिन समय रहते सुधार कर लिया गया। 2022 में ऐसी 13 घटनाएं सामने आई थीं।
इस तरह की गलतियों की रिपोर्टिंग आवश्यक नहीं होती, इसलिए इस पर कोई आधिकारिक डेटा उपलब्ध नहीं होता। हालांकि, बैंकिंग एक्सपर्ट्स के अनुसार, 1 अरब डॉलर से अधिक की गलती रेयर मानी जाती है।
2020 में भी हुई थी 900 मिलियन डॉलर की गलती
सिटीग्रुप ने 2020 में भी एक बड़ी गलती की थी, जब उसने गलती से 900 मिलियन डॉलर गलत अकाउंट में ट्रांसफर कर दिए थे। बैंक ने इस राशि को वापस लेने की कोशिश की, लेकिन अदालत ने इसे अस्वीकार कर दिया। इस गलती का भारी खामियाजा बैंक को उठाना पड़ा था। बैंक के तत्कालीन सीईओ माइकल कॉर्बेट को अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा था और बैंक पर भारी जुर्माना भी लगाया गया था।
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क्या सीखने की जरूरत है?
सिटीग्रुप जैसी बड़ी बैंकिंग संस्था में बार-बार इस तरह की गलतियां होना दर्शाता है कि बैंक को अपने प्रोसेस को अधिक स्वचालित (Automated) बनाने की आवश्यकता है। बैंकिंग सेक्टर में ऐसी गलतियों से न केवल बैंक की प्रतिष्ठा को नुकसान होता है, बल्कि ग्राहकों का विश्वास भी कम होता है। इस घटना के बाद सिटीग्रुप को अपनी सुरक्षा प्रणाली को और मजबूत करने की आवश्यकता है ताकि भविष्य में ऐसी गलतियां न हों।