
अक्सर जब आप किसी सड़क से अपनी कार या बाइक (Car or Bike) लेकर गुजरते हैं तो देखा होगा कि आसपास मौजूद आवारा कुत्ते अचानक आपके वाहन के पीछे दौड़ने लगते हैं। वे कभी-कभी काफी दूर तक पीछा भी करते रहते हैं। हैरानी की बात यह है कि वही कुत्ते पास से गुजर रहे पैदल राहगीरों को कोई नुकसान नहीं पहुंचाते, लेकिन वाहनों के साथ उनका व्यवहार आक्रामक हो जाता है। यह सवाल बहुतों के मन में आता है कि आखिर कुत्ते कार और बाइक के पीछे क्यों दौड़ते हैं? विज्ञान (Science) इसके पीछे एक रोचक और तार्किक कारण बताता है।
विज्ञान के अनुसार गंध होती है मुख्य कारण
वैज्ञानिक दृष्टिकोण से देखा जाए तो इस व्यवहार का कारण आपका वाहन नहीं बल्कि वाहन के टायर (Tyre) होते हैं। कुत्तों की सूंघने की शक्ति (Smelling Ability) अत्यधिक तेज़ होती है। वे अपने क्षेत्र को चिन्हित करने और संवाद स्थापित करने के लिए गंध का उपयोग करते हैं। जब एक कुत्ता किसी वाहन के टायर पर पेशाब करता है, तो उसकी गंध उस टायर पर रह जाती है। बाद में जब वही वाहन किसी अन्य इलाके से गुजरता है, तो उस स्थान के कुत्ते उस गंध को तुरंत पहचान लेते हैं।
कुत्तों की यह प्रवृत्ति क्षेत्रीय होती है। वे अपने इलाके को लेकर बहुत संवेदनशील होते हैं। जब उन्हें अपने इलाके में किसी अन्य क्षेत्र के कुत्ते की गंध आती है, तो वे उसे घुसपैठ मानते हैं और उसी भावना के तहत वे उस वाहन का पीछा करने लगते हैं, जिसके टायर से उन्हें बाहरी कुत्ते की उपस्थिति का संकेत मिलता है।
टायर पर पेशाब कर गंध छोड़ते हैं कुत्ते
कई बार आपने देखा होगा कि कुत्ते खंभों, दीवारों या फिर खड़े वाहनों के टायर्स पर पेशाब करते हैं। दरअसल, यह कोई सामान्य प्रक्रिया नहीं बल्कि एक गंध-चिन्ह प्रणाली होती है। इस प्रक्रिया को “सेंट मार्किंग (Scent Marking)” कहा जाता है। कुत्ते अपनी पेशाब के माध्यम से अपने क्षेत्र, उपस्थिति और सामाजिक स्थिति का संकेत देते हैं।
जब एक वाहन जो किसी क्षेत्र से होकर गुजरा होता है, उस पर पहले से मौजूद कुत्ते की गंध होती है। और जैसे ही वह वाहन किसी नए क्षेत्र में प्रवेश करता है, वहां के कुत्ते उसे बाहरी तत्व मानकर उसे खदेड़ने की कोशिश करते हैं। यही कारण है कि कुत्ते केवल चलते वाहनों के पीछे भागते हैं — क्योंकि चलते समय गंध ज्यादा स्पष्ट रूप से फैलती है और कुत्ते की प्रतिक्रियाशील प्रवृत्ति अधिक सक्रिय हो जाती है।
एक्सीडेंट से जुड़ा भावनात्मक कारण
वैज्ञानिक कारणों के अलावा, कुत्तों का वाहन का पीछा करने का एक भावनात्मक पहलू भी हो सकता है। कई बार किसी कुत्ते ने किसी वाहन से जुड़ी एक बुरी घटना जैसे किसी साथी की मृत्यु या चोट को देखा होता है। उस दुर्घटना की याद और उस वाहन से जुड़ी गंध, कुत्ते के मन में आक्रोश या बदले की भावना को जन्म देती है। ऐसे में वे वही या वैसी दिखने वाली गाड़ियों के पीछे लगातार भागते हैं।
इस व्यवहार को एक प्रकार की ट्रॉमा रेस्पॉन्स भी माना जा सकता है, जो कई जानवरों में पाई जाती है। यह कुत्तों की सामाजिकता और भावनात्मक समझ का भी संकेत देता है।
क्या यह व्यवहार खतरनाक होता है?
कुत्तों का इस प्रकार वाहनों के पीछे दौड़ना न केवल वाहन चालक के लिए खतरा बन सकता है, बल्कि स्वयं कुत्ते के लिए भी जानलेवा हो सकता है। तेज रफ्तार वाहन और अचानक कुत्ते की सड़क पर मौजूदगी कई बार दुर्घटना का कारण बन सकती है। कई बार वाहन चालक कुत्तों से बचने की कोशिश में अपना संतुलन खो बैठते हैं, जिससे वे खुद दुर्घटनाग्रस्त हो सकते हैं।
समाधान क्या है?
शहरी और ग्रामीण इलाकों में ऐसे मामलों से निपटने के लिए जरूरी है कि आवारा कुत्तों की निगरानी, टीकाकरण और नसबंदी की नियमित व्यवस्था की जाए। इसके साथ ही सड़कों के किनारे पशु कल्याण बोर्ड द्वारा जागरूकता अभियान चलाया जाए ताकि लोगों को इस व्यवहार का कारण समझ में आ सके और वे डर या हिंसा की जगह समझदारी से प्रतिक्रिया दें।