
दिल्ली सरकार की प्रस्तावित इलेक्ट्रिक व्हीकल पॉलिसी 2.0 अगर लागू होती है, तो राजधानी की महिलाओं को इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर (Electric 2-Wheeler) खरीदने पर बड़ी रियायत मिल सकती है। इस पॉलिसी के मसौदे में महिलाओं को प्रति किलोवाट-घंटे (kWh) 12,000 रुपये तक की सब्सिडी देने की बात कही गई है, जिससे अधिकतम 36,000 रुपये तक की छूट मिल सकती है। यह लाभ पहली 10,000 महिलाओं को मिलेगा जिनके पास वैध ड्राइविंग लाइसेंस होगा।
दिल्ली सरकार इस नीति को लागू करने पर विचार कर रही है और उम्मीद जताई जा रही है कि इसे जल्द ही कैबिनेट से मंजूरी मिल सकती है। इस स्कीम का उद्देश्य महिलाओं को इलेक्ट्रिक वाहन (EV) अपनाने के लिए प्रोत्साहित करना और वायु प्रदूषण में कमी लाना है।
EV पॉलिसी 2.0 में महिलाओं को मिलेगी सीधी राहत
प्रस्तावित इलेक्ट्रिक वाहन नीति के तहत सरकार ने यह साफ किया है कि महिलाओं को इलेक्ट्रिक 2-व्हीलर पर विशेष प्रोत्साहन दिया जाएगा। पॉलिसी के अनुसार, बैटरी की क्षमता के आधार पर प्रति किलोवाट-घंटे (kWh) 12,000 रुपये की सब्सिडी दी जाएगी। यदि किसी स्कूटर या बाइक की बैटरी क्षमता तीन किलोवाट-घंटे है, तो उपभोक्ता को कुल 36,000 रुपये तक की छूट मिलेगी।
यह लाभ केवल उन्हीं महिलाओं को मिलेगा जो पहली बार इलेक्ट्रिक वाहन खरीद रही हैं और जिनके पास वैध ड्राइविंग लाइसेंस है। इसका उद्देश्य महिलाओं को ज्यादा से ज्यादा इलेक्ट्रिक वाहन अपनाने के लिए प्रेरित करना है।
2030 तक लागू रहेगी पॉलिसी, धीरे-धीरे सभी सेगमेंट होंगे शामिल
यह इलेक्ट्रिक वाहन नीति केंद्र सरकार की पीएम ई-ड्राइव योजना (PM E-Drive Scheme) का पूरक है। इस योजना को फिलहाल 31 मार्च 2030 तक लागू रखने की योजना है। पहले चरण में 2-व्हीलर को शामिल किया जाएगा और धीरे-धीरे इसमें तिपहिया वाहनों (Three-Wheelers) और वाणिज्यिक वाहनों (Commercial Vehicles) को भी जोड़ा जाएगा।
पॉलिसी का उद्देश्य दिल्ली में रिन्यूएबल एनर्जी (Renewable Energy) को बढ़ावा देना और फॉसिल फ्यूल (Fossil Fuel) आधारित वाहनों की निर्भरता को कम करना है।
सीएनजी ऑटोरिक्शा को भी हटाने की योजना
पॉलिसी में सीएनजी (CNG) से चलने वाले ऑटोरिक्शा को चरणबद्ध तरीके से हटाने की सिफारिश की गई है। सूत्रों के अनुसार, 15 अगस्त 2025 से नए सीएनजी ऑटोरिक्शा का रजिस्ट्रेशन बंद कर दिया जाएगा। इसके बाद से पुराने सीएनजी ऑटो के परमिट का रिन्यूअल भी नहीं किया जाएगा। सरकार की योजना है कि भविष्य में केवल ई-ऑटो (Electric Auto) परमिट जारी किए जाएं।
इस बदलाव से ई-ऑटो की संख्या में इजाफा होगा और दिल्ली की सड़कों से सीएनजी आधारित वाहनों को हटाकर वायु गुणवत्ता को सुधारा जा सकेगा।
15 अगस्त 2026 से बंद होंगे पेट्रोल और डीजल टू-व्हीलर
ईवी पॉलिसी 2.0 में एक बड़ा सुझाव यह भी है कि 15 अगस्त 2026 से दिल्ली में पेट्रोल, डीजल और सीएनजी से चलने वाले टू-व्हीलर वाहनों के पंजीकरण पर रोक लगा दी जाए। इसी प्रकार, 15 अगस्त 2025 से सभी डीजल, पेट्रोल और सीएनजी आधारित मालवाहक तिपहिया वाहनों का रजिस्ट्रेशन बंद कर दिया जाएगा।
इससे इलेक्ट्रिक वाहनों की संख्या में वृद्धि होगी और पेट्रोल-डीजल जैसे प्रदूषणकारी ईंधनों पर निर्भरता कम होगी।
पॉलिसी को लेकर सरकार की स्थिति
दिल्ली सरकार ने अपनी पिछली ईवी पॉलिसी को 31 मार्च को समाप्त होने के बाद 15 दिन के लिए बढ़ा दिया था। फिलहाल, EV Policy 2.0 को अंतिम रूप दिया जा चुका है और दिल्ली कैबिनेट से इसकी मंजूरी मिलते ही अधिसूचना जारी की जा सकती है।
इस नीति का मुख्य उद्देश्य दिल्ली में फॉसिल फ्यूल से चलने वाले वाहनों को तेजी से हटाकर रिन्यूएबल एनर्जी आधारित ट्रांसपोर्ट सिस्टम को लागू करना है, जिससे दिल्ली की वायु गुणवत्ता में सुधार लाया जा सके।