
मार्च का महीना आमतौर पर सैलरीड क्लास, बिजनेस क्लास और अन्य टैक्सपेयर्स के लिए अत्यंत व्यस्त और गणनाओं से भरा होता है। मौजूदा फाइनेंशियल ईयर खत्म होने से पहले लोग टैक्स सेविंग (Tax Saving) की प्लानिंग में जुट जाते हैं। भारत सरकार ने टैक्सपेयर्स को दो विकल्प दिए हैं—ओल्ड टैक्स रिजीम (Old Tax Regime) और न्यू टैक्स रिजीम (New Tax Regime)।
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टैक्स की गणना आपकी पूरी इनकम (Income) पर होती है, जिसमें आपकी सैलरी के अलावा सेविंग्स पर ब्याज, किराए की आय, साइड बिजनेस, कैपिटल गेन्स (Capital Gains) आदि शामिल होते हैं। हालांकि, इनकम टैक्स एक्ट (Income Tax Act) के सेक्शन 10 के तहत कुछ इनकम पूरी तरह टैक्स फ्री होती हैं। आइए जानते हैं उन 12 स्रोतों के बारे में जिन पर आपको इनकम टैक्स नहीं देना होता।
इनकम टैक्स (Income Tax) की प्लानिंग में इन 12 टैक्स फ्री इनकम स्रोतों को समझना और सही तरीके से इनका लाभ लेना बेहद जरूरी है। अगर आप भी टैक्स से राहत चाहते हैं तो इन उपायों को ध्यान में रखकर ही फाइनेंशियल प्लानिंग करें। साथ ही, यह भी सुनिश्चित करें कि आप ओल्ड टैक्स रिजीम और न्यू टैक्स रिजीम में से कौन सा विकल्प आपके लिए ज्यादा लाभकारी है।
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पीएफ अकाउंट (PF Account) में जमा राशि
Provident Fund (PF) में कर्मचारी की ओर से जमा की गई रकम Section 80C के तहत टैक्स फ्री होती है। लेकिन ध्यान रहे कि ये राशि आपकी बेसिक सैलरी के 12% से अधिक नहीं होनी चाहिए। अगर यह सीमा पार करती है तो अतिरिक्त राशि पर टैक्स देना होगा।
म्यूचुअल फंड्स और इक्विटी निवेश से रिटर्न
अगर आपने शेयर बाजार या म्यूचुअल फंड्स (Mutual Funds) में निवेश किया है और एक साल बाद उसे बेचते हैं, तो एक लाख रुपये तक का लाभ (LTCG – Long Term Capital Gain) टैक्स फ्री होता है। इससे अधिक की राशि पर 10% टैक्स लगता है।
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शादी में मिले गिफ्ट्स
शादी के अवसर पर दोस्तों और रिश्तेदारों से मिले गिफ्ट्स (Gifts) टैक्स फ्री होते हैं, बशर्ते उनकी कुल कीमत ₹50,000 से अधिक न हो। साथ ही, गिफ्ट शादी के आस-पास मिले होने चाहिए, तभी यह छूट मान्य होती है।
सेविंग अकाउंट पर मिला इंटरेस्ट
बैंक सेविंग अकाउंट (Saving Account) पर सालाना ₹10,000 तक का ब्याज टैक्स फ्री होता है। इस सीमा से अधिक ब्याज पर टैक्स देना अनिवार्य होता है।
पार्टनरशिप फर्म से मिला प्रॉफिट शेयर
अगर आप किसी पार्टनरशिप फर्म में पार्टनर हैं, तो उस फर्म से प्राप्त “Share of Profit” पर कोई टैक्स नहीं देना पड़ता, क्योंकि फर्म पहले ही उस आय पर टैक्स चुका चुकी होती है।
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एलआईसी (LIC) से प्राप्त राशि
जीवन बीमा (Life Insurance) की पॉलिसी पर मिलने वाली मैच्योरिटी राशि टैक्स फ्री होती है, बशर्ते उसका सालाना प्रीमियम सम-अश्योर्ड (Sum Assured) का 10% से अधिक न हो।
वसीयत से प्राप्त संपत्ति
अगर आपको किसी की वसीयत (Will) से प्रॉपर्टी, जूलरी या कैश मिला है, तो वह टैक्स फ्री होता है। लेकिन उस संपत्ति से भविष्य में होने वाली कमाई या किराया टैक्स के अंतर्गत आएगा।
वीआरएस (VRS) की राशि
सरकारी या PSU कर्मचारियों द्वारा स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (VRS) लेने पर 5 लाख रुपये तक की एकमुश्त राशि टैक्स फ्री होती है। यह लाभ केवल सीमित सेक्टर्स में ही मिलता है।
कृषि आय (Agricultural Income)
खेती या उससे जुड़ी गतिविधियों से होने वाली आय पूरी तरह टैक्स फ्री होती है। चाहे वो जमीन किराए पर देकर हो या उपज बेचकर—इससे हुई आमदनी टैक्स के दायरे में नहीं आती।
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चैरिटेबल संस्थाओं को दान
इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80G के तहत चैरिटेबल ट्रस्ट्स या धार्मिक संस्थानों को किया गया दान टैक्स डिडक्शन के योग्य होता है। लेकिन यह लाभ उन्हीं संस्थानों में दान देने पर मिलता है जो इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की मान्यता प्राप्त हों।
मंदिरों के लिए दान
सरकार ने राम मंदिर ट्रस्ट को ऐतिहासिक धार्मिक स्थल माना है। ऐसे में मंदिर की मरम्मत या रिनोवेशन (Renovation) के लिए दिया गया दान 50% टैक्स डिडक्शन के योग्य है। यह लाभ केवल ओल्ड टैक्स रिजीम में उपलब्ध है।
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बिजनेस में खाना-पीना पर खर्च
अगर आप बिजनेसमैन हैं और क्लाइंट या स्टाफ को खाना खिलाने या मीटिंग के दौरान की गई हॉस्पिटैलिटी का खर्च दस्तावेजों में दर्शाते हैं, तो यह भी टैक्स डिडक्शन के अंतर्गत आता है।