
सरकार ने बदले नियम, सरकारी हाउसिंग स्कीम में दिव्यांगजनों के लिए 4% रिजर्वेशन का ऐलान करते हुए समावेशी विकास की दिशा में एक अहम कदम उठाया है। आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय ने गुरुवार को इस फैसले की घोषणा की, जो दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम, 2016 के अनुरूप है। इस पहल का उद्देश्य न केवल दिव्यांगजनों को आवास उपलब्ध कराना है, बल्कि उन्हें सामाजिक सम्मान, समानता और सार्वजनिक सेवाओं में समुचित स्थान भी दिलाना है।
दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम, 2016 के प्रावधानों पर आधारित यह पहल
इस आरक्षण की घोषणा दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम, 2016 के तहत की गई है, जिसमें विशेष रूप से उल्लेख है कि सरकार को दिव्यांगजनों के लिए समुचित अवसर, सुविधाएं और अधिकार सुनिश्चित करने होंगे। यह अधिनियम दिव्यांगजनों को सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक रूप से सशक्त बनाने की दिशा में एक मजबूत आधार प्रदान करता है। इस नीति के तहत, केंद्र सरकार की सभी आवासीय योजनाओं में दिव्यांगजनों को अब 4 प्रतिशत आरक्षण मिलेगा।
सामाजिक समावेशन की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास
मंत्रालय द्वारा जारी आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया है कि यह कदम सामाजिक समावेशन (Social Inclusion) को बढ़ावा देगा और दिव्यांगजनों को समाज की मुख्यधारा से जोड़ने में सहायक होगा। सरकारी आवासीय परिसरों में दिव्यांगजनों की विशिष्ट आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए बुनियादी ढांचे को भी उनके अनुकूल बनाया जाएगा। इससे यह सुनिश्चित होगा कि दिव्यांगजन बिना किसी रुकावट के अपने घरों में रह सकें।
पारदर्शिता और दक्षता के साथ होगी आरक्षण नीति की क्रियान्वयन प्रक्रिया
इस नई नीति को प्रभावी बनाने के लिए सरकार एक पारदर्शी और दक्ष तंत्र (Transparent and Efficient Mechanism) विकसित कर रही है। इससे आवंटन प्रक्रिया में किसी प्रकार की अनियमितता या पक्षपात की संभावना नहीं रहेगी। संबंधित विभागों को स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि यह लाभ समयबद्ध और प्रभावी रूप से पात्र व्यक्तियों तक पहुंचे।
दिव्यांगजनों के जीवन स्तर में आएगा सुधार
सरकारी आवास योजनाओं में यह 4 प्रतिशत आरक्षण केवल छत उपलब्ध कराने तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि इसका उद्देश्य दिव्यांगजनों के जीवन स्तर को बेहतर बनाना है। बेहतर आवास न केवल उनके लिए सुरक्षा और स्थायित्व प्रदान करेगा, बल्कि उन्हें शारीरिक और मानसिक रूप से भी मजबूत बनाएगा।
भविष्य की योजनाओं में भी होगा ध्यान
सरकार का यह भी कहना है कि आगे चलकर सभी हाउसिंग स्कीम्स में दिव्यांगजनों के लिए अनुकूल सुविधाएं सुनिश्चित की जाएंगी, जैसे रैम्प, चौड़ी दरवाजे, लिफ्ट की सुविधा, और विशेष पार्किंग स्पेस। इसके साथ ही डिजिटल पोर्टल्स और आवंटन प्रक्रिया को दिव्यांगजनों के लिए अधिक सुलभ और उपयोगकर्ता-अनुकूल बनाया जाएगा।
नीति के दीर्घकालिक प्रभाव
इस नीति के दूरगामी प्रभाव होंगे। यह केवल दिव्यांगजनों को घर तक सीमित नहीं रखेगी, बल्कि उन्हें आत्मनिर्भर बनने की दिशा में प्रेरित करेगी। सरकारी हाउसिंग स्कीम में उनका स्थान सुनिश्चित होने से समाज में उनकी भागीदारी और आत्मविश्वास बढ़ेगा।
दिव्यांगजनों के लिए बना उम्मीद की किरण
केंद्र सरकार की यह घोषणा लाखों दिव्यांगजनों के लिए उम्मीद की एक नई किरण बनकर आई है। यह न केवल उनके लिए राहत भरी खबर है, बल्कि यह पूरे देश के लिए एक सामाजिक चेतना का प्रतीक भी है, जिसमें सबको बराबरी का हक मिलता है।