
केंद्र सरकार ने केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों के लिए एक नई पेंशन योजना लागू करने की घोषणा की है। यह योजना 1 अप्रैल 2025 से प्रभावी होगी और इसका लाभ उन कर्मचारियों को मिलेगा जो पहले से नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) में नामांकित हैं। सरकार ने इसे यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) नाम दिया है, जिससे केंद्रीय कर्मचारियों को बेहतर वित्तीय सुरक्षा मिल सकेगी।
नई पेंशन योजना की मुख्य बातें
सरकार ने यह योजना इसलिए लागू की है ताकि एनपीएस (NPS) के तहत पेंशन प्राप्त करने वाले कर्मचारियों को एकीकृत और अधिक लाभकारी प्रणाली मिल सके। UPS उन सरकारी कर्मचारियों के लिए होगा जो पहले से NPS में शामिल हैं और इस नई योजना का विकल्प चुनेंगे।
यह भी देखें: Smart Bijli Meter की ‘महा’ गड़बड़ी! उपभोक्ता परेशान, अचानक हजारों-लाखों का बिल, जानें पूरा मामला
इस योजना का मुख्य उद्देश्य कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति के बाद वित्तीय स्थिरता को बढ़ाना और उन्हें एक सुव्यवस्थित पेंशन प्रणाली उपलब्ध कराना है।
क्या है यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS)?
- स्वैच्छिक चयन: UPS का लाभ केवल उन्हीं कर्मचारियों को मिलेगा जो NPS में नामांकित हैं और इसे चुनते हैं।
- बेहतर पेंशन प्रबंधन: यह योजना NPS की तुलना में अधिक संगठित और एकीकृत होगी ताकि कर्मचारियों को अधिक सुविधाएं मिल सकें।
- नए वित्तीय वर्ष से लागू: सरकार इसे 1 अप्रैल 2025 से लागू कर रही है, जिससे कर्मचारी अपनी वित्तीय योजना को बेहतर तरीके से प्रबंधित कर सकें।
- नए लाभ: सरकार द्वारा UPS में नए लाभ जोड़े जाने की संभावना है, जिससे कर्मचारियों को सुरक्षित और दीर्घकालिक पेंशन मिल सके।
क्यों लाई गई यह योजना?
सरकार का उद्देश्य केंद्रीय कर्मचारियों की सामाजिक और आर्थिक सुरक्षा को मजबूत बनाना है। मौजूदा समय में NPS के तहत पेंशन राशि बाजार आधारित होती है, जिससे भविष्य में होने वाले वित्तीय उतार-चढ़ाव का प्रभाव पड़ सकता है। लेकिन UPS एक संगठित योजना होगी जो कर्मचारियों को अधिक स्थिरता और सुरक्षा देगी।
यह भी देखें: China Declining Population Fertility Rate: ‘9 महीने में बच्चा पैदा करो वरना नौकरी गई’ – सरकार का तुगलकी फरमान लागू
कर्मचारियों को कैसे मिलेगा लाभ?
- UPS में शामिल कर्मचारी अपनी सेवानिवृत्ति के बाद एक निश्चित राशि प्राप्त करेंगे।
- इस योजना से कर्मचारियों को पेंशन राशि की सुरक्षा मिलेगी, जिससे वे वित्तीय रूप से अधिक स्वतंत्र हो सकेंगे।
- यह पुरानी पेंशन योजना (OPS) और NPS के बीच का एक संतुलित विकल्प हो सकता है।
1 अप्रैल से प्रभावी होगी योजना
सरकार ने घोषणा की है कि यह योजना नए वित्तीय वर्ष (2025-26) की शुरुआत से ही लागू होगी। इससे सरकारी कर्मचारियों को जल्दी ही पेंशन योजना में बदलाव करने का विकल्प मिल जाएगा।
अनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस कम्युनिकेशंस का शेयर 800 से घटकर ₹1 पर पहुंचा
रिलायंस ग्रुप के चेयरमैन अनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस कम्युनिकेशंस (Reliance Communications) के निवेशकों को भारी नुकसान झेलना पड़ा है। एक समय ₹800 प्रति शेयर की ऊंचाई पर पहुंचने वाला यह शेयर अब ₹1.71 पर आ गया है।
यह भी देखें: दिल्ली की लाखों महिलाओं को होली का बड़ा तोहफा! सरकार ने महिला समृद्धि योजना के लिए ₹5100 करोड़ मंजूर किए
क्या है मामला?
रिलायंस कम्युनिकेशंस का शेयर लगातार गिरता रहा और 3 मार्च 2025 को इसमें 5% का लोअर सर्किट लग गया। इसके बाद ट्रेडिंग बंद हो गई। यह खबर उन निवेशकों के लिए बड़ा झटका साबित हुई, जिन्होंने इसमें लंबी अवधि के लिए निवेश किया था।
निवेशकों को भारी नुकसान
- जिन निवेशकों ने ₹800 के भाव पर 1 लाख रुपये निवेश किए थे, उनकी रकम घटकर मात्र ₹213 रह गई।
- इस भारी गिरावट के बाद, कंपनी के शेयरों में कोई ट्रेडिंग नहीं हो रही है।
- शेयर बाजार के जानकारों के अनुसार, निवेशकों को इस शेयर से फिलहाल दूर रहना चाहिए क्योंकि इसमें किसी तरह का सुधार नजर नहीं आ रहा है।
रिलायंस कम्युनिकेशंस के गिरने के पीछे के कारण
- भारी कर्ज का दबाव: कंपनी पर करोड़ों रुपये का कर्ज है, जिसे वह समय पर चुकाने में असमर्थ रही है।
- कमजोर वित्तीय प्रदर्शन: कंपनी का वित्तीय प्रदर्शन लगातार गिरता जा रहा है, जिससे निवेशकों का भरोसा कम हो गया है।
- कानूनी समस्याएं: रिलायंस कम्युनिकेशंस कई कानूनी मुकदमों का सामना कर रही है, जिससे इसका संचालन प्रभावित हुआ है।
- बाजार में प्रतिस्पर्धा: Jio और Airtel जैसी कंपनियों के मुकाबले यह काफी पीछे रह गई, जिससे इसके ग्राहक लगातार घटते जा रहे हैं।
यह भी देखें: हरियाणा के किसानों के लिए खुशखबरी! ऐसे पाएं किसान पेंशन योजना का पूरा लाभ
अब आगे क्या?
विशेषज्ञों का मानना है कि अगर कंपनी कोई ठोस पुनर्गठन योजना नहीं लाती है, तो इसके शेयर और गिर सकते हैं। निवेशकों को इस समय इस शेयर से दूर रहने की सलाह दी जा रही है।