
भारत सरकार ने एक बड़ा कदम उठाते हुए गूगल प्ले स्टोर से 119 विदेशी ऐप्स (Apps) को ब्लॉक करने का आदेश जारी किया है। इनमें से ज्यादातर ऐप्स चीन और हांगकांग से संबंधित हैं। मिनिस्ट्री ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इंफोर्मेशन टेक्नोलॉजी ने यह आदेश IT एक्ट के सेक्शन 69A के तहत जारी किया है, जो सरकार को उन ऐप्स या कंटेंट को प्रतिबंधित करने का अधिकार देता है, जो राष्ट्रीय सुरक्षा और सार्वजनिक व्यवस्था के लिए खतरा पैदा कर सकते हैं।
ब्लॉक किए गए ऐप्स की सूची और उनका प्रभाव
ब्लॉक की गई 119 ऐप्स में से अधिकतर वीडियो और वॉइस चैट ऐप्स हैं। इनमें ChangApp, HoneyCam और ChillChat जैसी लोकप्रिय ऐप्स शामिल हैं। सरकार के इस कदम का मुख्य उद्देश्य साइबर सुरक्षा को मजबूत करना और डेटा प्राइवेसी सुनिश्चित करना है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, इनमें से कुछ ऐप्स सिंगापुर, अमेरिका, यूनाइटेड किंगडम और ऑस्ट्रेलिया से भी जुड़े हुए हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, मनीकंट्रोल ने खुलासा किया है कि सरकार के आदेश के बावजूद अभी तक केवल 15 ऐप्स को प्ले स्टोर से हटाया गया है, जबकि बाकी अभी भी डाउनलोड के लिए उपलब्ध हैं। कुछ ऐप डेवलपर्स का कहना है कि उन्हें गूगल की ओर से इस संबंध में सूचना मिल गई है और वे भारत सरकार के साथ बातचीत के लिए तैयार हैं।
डेवलपर्स का रुख और स्पष्टीकरण की मांग
कई ऐप डेवलपर्स इस आदेश से असहमत हैं और उन्होंने सरकार से अधिक जानकारी और स्पष्टीकरण की मांग की है। डेवलपर्स का कहना है कि इस प्रतिबंध से उनके बिजनेस और यूजर्स दोनों पर प्रभाव पड़ेगा। कुछ डेवलपर्स इस मुद्दे को सुलझाने के लिए भारत सरकार के साथ बातचीत करने के लिए तैयार हैं, ताकि वे अपने ऐप्स को भारतीय बाजार में वापस ला सकें।
भारत सरकार पहले भी कर चुकी है कार्रवाई
यह पहली बार नहीं है जब भारत सरकार ने विदेशी ऐप्स पर कार्रवाई की है। 2020 में चीन के साथ बढ़ते तनाव के दौरान भी सरकार ने कई चाइनीज ऐप्स पर प्रतिबंध लगाया था। उस समय टिकटॉक (TikTok), यूसी ब्राउजर (UC Browser) और पबजी (PUBG) जैसी लोकप्रिय ऐप्स पर भी प्रतिबंध लगाया गया था। हालांकि, इनमें से कुछ ऐप्स अब अलग कंपनियों या रीब्रांडेड वर्जन के रूप में वापसी कर चुकी हैं।
प्रतिबंध के पीछे सरकार का मकसद
सरकार का कहना है कि यह प्रतिबंध राष्ट्रीय सुरक्षा और डेटा प्राइवेसी को ध्यान में रखते हुए लगाया गया है। हाल के वर्षों में यह देखा गया है कि कई विदेशी ऐप्स भारतीय यूजर्स का डेटा एकत्र कर अनधिकृत रूप से विदेशों में ट्रांसफर कर रहे थे। इससे साइबर हमलों और डेटा लीक की संभावनाएं बढ़ गई थीं।
क्या यह प्रतिबंध स्थायी रहेगा?
सरकार ने स्पष्ट किया है कि प्रतिबंधित ऐप्स के डेवलपर्स अगर डेटा प्राइवेसी नियमों और राष्ट्रीय सुरक्षा मापदंडों का पालन करते हैं, तो उनके मामलों की दोबारा समीक्षा की जा सकती है। हालांकि, फिलहाल इस पर कोई निश्चित फैसला नहीं लिया गया है।