
प्रदेश में Smart Meter योजना को लागू करने को लेकर नई रणनीति अपनाई गई है। संसदीय कार्य मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने सदन में स्पष्ट किया कि पर्वतीय और ग्रामीण क्षेत्रों, जहां इंटरनेट कनेक्शन की समस्या है, वहां Smart Meter नहीं लगाए जाएंगे। सरकार ने इन क्षेत्रों में तकनीकी दिक्कतों के कारण इस योजना को रोकने का फैसला किया है। हालांकि, अन्य इलाकों में यह योजना जारी रहेगी और रियल टाइम बिजली खपत की जानकारी देने का माध्यम बनेगी।
विपक्ष का विरोध और सरकार पर आरोप
सरकार के इस निर्णय से असंतुष्ट विपक्ष ने सदन से बहिर्गमन कर दिया। विपक्षी दलों ने सरकार पर जबरन Smart Meter लगाने का आरोप लगाया और सदन के बाहर धरना दिया। नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने सरकार की मंशा पर सवाल उठाते हुए कहा कि यह योजना आम जनता पर थोपी जा रही है और इसमें भ्रष्टाचार की संभावना भी है। उन्होंने कहा कि Smart Meter से उपभोक्ताओं पर अनावश्यक दबाव बनाया जा सकता है, जिससे बिजली उपभोक्ताओं को परेशानी होगी।
स्मार्ट मीटर लगाने की योजना
प्रदेश में Smart Meter लगाने की जिम्मेदारी Adani ग्रुप को दी गई है। सरकार की इस योजना के तहत प्री-पेड मीटर लगाए जा रहे हैं, जिससे उपभोक्ता को पहले रिचार्ज करना होगा, अन्यथा बिजली की आपूर्ति अपने आप कट जाएगी। हालांकि, इस योजना के तहत पहले से लगाए गए Smart Meter में कई खामियां उजागर हो चुकी हैं, जिससे जनता में चिंता बनी हुई है।
विधायकों की चर्चा और सरकार का जवाब
विधायक तिलकराज बेहड़ और उप नेता प्रतिपक्ष भुवन कापड़ी ने सरकार की इस योजना की आलोचना करते हुए कहा कि यह प्रक्रिया पारदर्शी नहीं है और इसमें निजी कंपनियों को मनमाने ढंग से ठेके दिए गए हैं, जिससे भ्रष्टाचार की आशंका बढ़ जाती है। इस पर संसदीय कार्य मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा कि Smart Meter लगाने का उद्देश्य बिजली चोरी रोकना और बिलिंग प्रक्रिया को पारदर्शी बनाना है। उन्होंने जोर देकर कहा कि यह योजना आम जनता के हित में है और इससे बिजली उपभोक्ताओं को दीर्घकालिक लाभ होगा।