
देशभर में 1 करोड़ से अधिक केंद्र सरकार के कर्मचारी और पेंशनभोगी बेसब्री से 8th Central Pay Commission (8वें वेतन आयोग) को लेकर अपडेट का इंतजार कर रहे हैं। केंद्र सरकार ने जनवरी 2025 में इसकी घोषणा कर दी थी, लेकिन अब तक आयोग के चेयरमैन और दो सदस्यों की नियुक्ति नहीं हुई है।
सरकार द्वारा जल्द ही कमेटी के सदस्यों की घोषणा किए जाने की उम्मीद है। लेकिन बड़ा सवाल यह है कि 8th Pay Commission किन Terms of Reference (ToR) पर काम करेगा? कर्मचारियों की सैलरी, भत्तों और प्रमोशन से जुड़े क्या अहम बदलाव हो सकते हैं?
8वें वेतन आयोग के Terms of Reference (ToR) पर क्या अपडेट?
अभी तक ToR को अंतिम रूप नहीं दिया गया है, लेकिन रिपोर्ट्स के मुताबिक, इसे अप्रैल 2025 तक तैयार किया जा सकता है। कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग (Department of Personnel and Training – DoPT) ने इस संबंध में एक पत्र जारी किया था, जिसका जवाब राष्ट्रीय परिषद – Joint Consultative Mechanism (NC-JCM) के कर्मचारी पक्ष ने दिया है।
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NC-JCM सचिव शिव गोपाल मिश्रा ने इस पर औपचारिक चर्चा के लिए स्थायी समिति की बैठक बुलाने की मांग की है, ताकि कर्मचारियों की चिंताओं को ध्यान में रखते हुए एक अंतिम ToR तैयार किया जा सके।
8th Pay Commission से क्या हैं कर्मचारियों की मुख्य मांगें?
वेतन एवं भत्तों का पुनर्गठन
- आठवां वेतन आयोग सभी केंद्रीय कर्मचारियों के वेतन ढांचे की व्यापक समीक्षा करेगा। इसमें अखिल भारतीय सेवाएं, रक्षा बल, अर्धसैनिक बल, डाक विभाग (Gramin Dak Sevak) और केंद्र शासित प्रदेशों के कर्मचारी शामिल होंगे।
गैर-पेशेवर वेतनमानों (Non-Professional Pay Scales) का विलय
- कर्मचारियों की करियर ग्रोथ को बेहतर बनाने के लिए गैर-पेशेवर वेतनमानों के विलय की सिफारिश की गई है। इससे उन्हें बेहतर प्रमोशन के अवसर मिल सकते हैं।
Modified Assured Career Progression (MACP) योजना में सुधार
- कर्मचारियों की प्रमोशन प्रक्रिया में सुधार लाने के लिए MACP स्कीम को और बेहतर बनाने की मांग की गई है। मौजूदा व्यवस्था में कर्मचारी को 3 प्रमोशन (10, 20 और 30 साल की सेवा के बाद) मिलते हैं, जिसे 5 प्रमोशन तक बढ़ाने की मांग की जा रही है।
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न्यूनतम वेतन और राष्ट्रीय वेतन नीति
- 8वें वेतन आयोग को Aykroyd Formula और 15वें भारतीय श्रम सम्मेलन (Indian Labour Conference) की सिफारिशों के आधार पर न्यूनतम वेतन तय करने की जिम्मेदारी दी गई है। इससे सभी कर्मचारियों को जीवनयापन के लिए पर्याप्त वेतन सुनिश्चित करने की दिशा में काम किया जाएगा।
वेतन में कितनी वृद्धि हो सकती है?
अभी तक 8th Pay Commission Salary Hike को लेकर कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है, लेकिन सूत्रों के मुताबिक मौजूदा वेतन में 20% से 30% तक की वृद्धि संभव है। हालांकि, सटीक आंकड़े आयोग की रिपोर्ट आने के बाद ही पता चलेंगे।
अगर पिछली वेतन आयोगों को देखा जाए, तो 7वें वेतन आयोग में न्यूनतम वेतन को 7000 रुपये से बढ़ाकर 18000 रुपये किया गया था। ऐसे में इस बार कर्मचारियों को बड़ी वेतन वृद्धि की उम्मीद है।
EPFO Minimum Pension Hike: क्या न्यूनतम पेंशन ₹7500 हो सकती है?
केंद्र सरकार EPFO के पेंशनधारकों के लिए न्यूनतम पेंशन में बढ़ोतरी की योजना बना रही है। फिलहाल न्यूनतम पेंशन ₹1000 प्रति माह है, जिसे बढ़ाकर ₹7500 प्रति माह करने की मांग की जा रही है। हालांकि, इस पर अंतिम निर्णय सरकार द्वारा लिया जाना बाकी है।
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8वें वेतन आयोग पर क्या कह रहे हैं विशेषज्ञ?
वेतन आयोग के विशेषज्ञों और सरकारी कर्मचारियों के यूनियन का मानना है कि 8th Pay Commission में निम्नलिखित सुधार होने चाहिए:
- महंगाई भत्ता (DA) को हर छह महीने में वेतन में जोड़ा जाए।
- न्यूनतम वेतन तय करने का नया मानक लागू किया जाए।
- सेवानिवृत्ति के बाद कर्मचारियों को अधिक लाभ मिले।
- नई पेंशन योजना (NPS) की जगह पुरानी पेंशन योजना (OPS) को फिर से लागू किया जाए।
क्या 8वें वेतन आयोग के बाद नई वेतन प्रणाली लागू होगी?
कुछ रिपोर्ट्स के मुताबिक, केंद्र सरकार नए वेतन आयोग की जगह एक ऑटोमैटिक वेतन संशोधन प्रणाली लागू कर सकती है। इस प्रणाली के तहत महंगाई भत्ते (DA) के आधार पर वेतन वृद्धि अपने आप हो जाएगी, और हर 10 साल में नए वेतन आयोग की जरूरत नहीं होगी। हालांकि, इस पर अभी कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।