
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने हाल ही में चार गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (NBFCs) पर कुल ₹76.60 लाख का मौद्रिक जुर्माना लगाया है। यह कार्रवाई इन कंपनियों द्वारा पीयर-टू-पीयर (P2P) लेंडिंग प्लेटफॉर्म से संबंधित निर्देशों के उल्लंघन के कारण की गई है।
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आरबीआई द्वारा इन चार एनबीएफसी पर लगाया गया जुर्माना वित्तीय संस्थानों के लिए एक महत्वपूर्ण संदेश है कि नियामकीय निर्देशों का पालन सुनिश्चित करना आवश्यक है। यह कदम वित्तीय प्रणाली की स्थिरता और पारदर्शिता को बनाए रखने में सहायक होगा।
रंग दे पी2पी फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड पर ₹10 लाख का जुर्माना
आरबीआई ने रंग दे पी2पी फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड पर ₹10 लाख का जुर्माना लगाया है। कंपनी ने व्यक्तिगत ऋणदाताओं की विशेष स्वीकृति के बिना व्यक्तिगत उधारकर्ताओं को ऋण वितरित किया, जो कि आरबीआई के निर्देशों का उल्लंघन है।
फेयरएसेट्स टेक्नोलॉजीज इंडिया प्राइवेट लिमिटेड पर ₹40 लाख का जुर्माना
फेयरएसेट्स टेक्नोलॉजीज इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, जिसे फेयरसेंट भी कहा जाता है, पर ₹40 लाख का जुर्माना लगाया गया है। कंपनी ने व्यक्तिगत ऋणदाताओं की विशेष स्वीकृति के बिना ऋण वितरित किए, संभावित ऋणदाताओं को उधारकर्ताओं के ऋण मूल्यांकन और जोखिम प्रोफ़ाइल का खुलासा नहीं किया, और आंशिक रूप से या पूरी तरह से प्रबंधन शुल्क का परित्याग करके आंशिक ऋण जोखिम लिया।
विजनरी फाइनेंसपीयर प्राइवेट लिमिटेड पर ₹16.60 लाख का जुर्माना
विजनरी फाइनेंसपीयर प्राइवेट लिमिटेड पर ₹16.60 लाख का जुर्माना लगाया गया है। कंपनी ने व्यक्तिगत ऋणदाताओं की विशेष स्वीकृति के बिना व्यक्तिगत उधारकर्ताओं को ऋण वितरित किया, यह सुनिश्चित नहीं किया कि प्रत्येक व्यक्तिगत ऋणदाता और उधारकर्ता ने ऋण समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं, और ऋणदाताओं को उधारकर्ताओं के आवश्यक विवरण का खुलासा नहीं किया।
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ब्रिज फिनटेक सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड पर ₹10 लाख का जुर्माना
ब्रिज फिनटेक सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड, जिसे फिनजी भी कहा जाता है, पर ₹10 लाख का जुर्माना लगाया गया है। कंपनी ने आरबीआई द्वारा जारी ‘गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी – पीयर टू पीयर लेंडिंग प्लेटफ़ॉर्म (रिज़र्व बैंक) निर्देश, 2017’ के कुछ प्रावधानों का पालन नहीं किया।
आरबीआई का स्पष्टीकरण
आरबीआई ने स्पष्ट किया है कि यह कार्रवाई विनियामक अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य संस्थाओं द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या समझौते की वैधता पर सवाल उठाना नहीं है।