सोलर पैनलों के काम करने का तरीका जाने
सोलर पैनलों में फोटोवोल्टिक इफेक्ट के प्रोसेस से सनलाइट बिजली पैदा होती है। यह सोलर पैनल फोटोवोल्टिक सेल से निर्मित होते है जोकि सिलिकॉन जैसे अर्धचालक मैटीरियल से बनते है। सनलाइट के सेलो पर पड़ते ही फोटॉन अर्धचालक मैटीरियल में अवशोषित होते है। ये फोटोन अपनी एनर्जी को अर्धचालक मेटेरियल में इलेक्टोनो में ट्रांसफर करने लगते है जोकि उनको इरेक्ट कर देता है और वे अपने एटम से फ्री होने लगते है। आज के लेख में आपको सोलर पैनलों के कार्य करने के प्रोसेस और इनके प्रयोग की जानकारी देंगे।
सोलर पैनल ऐसे सोलर एनर्जी को इलेक्ट्रिसिटी में कन्वर्ट करेगा
सनलाइट से बिजली बनाने में किसी विशेष डिवाइस की जरूरत नहीं पड़ती है। बिजली को सिर्फ सनलाइट की गर्मी से पैदा करते है। सूरज की रोशनी किसी भी सर्फेस को गर्म करती है और ऐसे ही सनलाइट के सोलर पैनल पर पड़ते पर वो गर्म होकर बिजली बनाते है। अगर सोलर पैनल के बगैर सनलाइट से बिजली बनानी हो तो यह काम टावरों से हो पाएगा। टावरों में लगे बहुत से शीशे सनलाइट को रिफ्लेक्ट करके बिजली पैदा करने एवं टरबाइन को चलाते है।
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सोलर एनर्जी का इस्तेमाल जाने
सूरज से मिली एनर्जी को सोलर एनर्जी कहते है और हमारे देश में साल के करीबन 300 दिनों तक सूरज रहता है। सनलाइट से प्रचुर एनर्जी मिलती है और ये एनर्जी सिलिकॉन सेल से निर्मित डिवाइस की मदद से बिजली में बदलती है। ये ही सोलर पैनल कहे जाते है। सनलाइट को बिजली बनाने के सोलर पैनलों, पानी गर्म करने के सोलर वाटर हीटर में एवं भोजन पकाने के सोलर कुकर में करते है।
सोलर पैनल एक टाइप के डिवाइस है जोकि सोलर सिस्टम के भाग होते है। ये सनलाइट से इलेक्ट्रिसिटी पैदा कर देते है और सोलर सिस्टम में पेट्रोल-डीजल जैसे फ्यूल पर निर्भर नही होना पड़ता। टोटल सनलाइट पर काम करने वाले सोलर सिस्टम से लोगो को अपने घरों एवं कार्यस्थल में बिजली की सुविधा मिल जाती है और उनको परंपरागत सोर्स पर डिपेंड भी नही होना पड़ता।