
महाराष्ट्र में औरंगजेब की मजार को हटाने की मांग के बाद राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। यह मुद्दा समाजवादी पार्टी के विधायक अबू आसिम आजमी के हालिया बयान के बाद उठा, जिसमें उन्होंने मुगल बादशाह औरंगजेब की तारीफ की थी। उनके इस बयान पर विवाद खड़ा हो गया, जिसके चलते उन्हें 26 मार्च तक महाराष्ट्र विधानसभा से निलंबित कर दिया गया है।
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महाराष्ट्र में औरंगजेब की मजार को हटाने की मांग से राजनीतिक माहौल गरम हो गया है। अबू आसिम आजमी के बयान ने इस विवाद को और हवा दी है। बीजेपी नेता इस मुद्दे पर सख्त रुख अपनाए हुए हैं, जबकि महाराष्ट्र सरकार अब तक कोई स्पष्ट निर्णय नहीं ले पाई है। अब देखना यह होगा कि क्या सरकार इस पर कोई कार्रवाई करती है या नहीं।
अबू आसिम आजमी के बयान से बढ़ा विवाद
अबू आसिम आजमी ने दावा किया था कि औरंगजेब ने मंदिर बनवाए थे और वह एक क्रूर शासक नहीं था। उनके इस बयान के बाद बीजेपी और अन्य हिंदू संगठनों ने कड़ी प्रतिक्रिया दी। बीजेपी के नेताओं का कहना है कि औरंगजेब ने कई हिंदू मंदिरों को ध्वस्त किया था और हिंदुओं पर जजिया कर लगाया था। ऐसे में उनकी मजार को महाराष्ट्र में बनाए रखना उचित नहीं है।
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बीजेपी सांसद ने उठाई मजार हटाने की मांग
बीजेपी सांसद ने छत्रपति संभाजीनगर (पूर्व में औरंगाबाद) स्थित औरंगजेब की मजार को हटाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में हिंदू संस्कृति का अपमान बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इस मुद्दे पर महाराष्ट्र सरकार से जल्द कार्रवाई करने की मांग की गई है।
फडणवीस का बड़ा बयान
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस विवाद पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि राज्य सरकार इस मामले पर विचार कर रही है। उन्होंने कहा कि यह मुद्दा संवेदनशील है और सरकार जनता की भावनाओं का सम्मान करेगी। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि किसी भी प्रकार की अस्थिरता को बढ़ावा नहीं दिया जाएगा और कानून के दायरे में रहते हुए इस मामले का समाधान निकाला जाएगा।
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औरंगजेब की मजार का इतिहास
औरंगजेब की मजार महाराष्ट्र के छत्रपति संभाजीनगर जिले के खुलदाबाद में स्थित है। इसे एक साधारण मकबरे के रूप में जाना जाता है, क्योंकि औरंगजेब ने अपने जीवनकाल में सादा जीवन जीने की इच्छा व्यक्त की थी। हालांकि, भारतीय इतिहास में उनकी भूमिका को लेकर अलग-अलग मत हैं। कुछ लोग उन्हें धर्मनिरपेक्ष शासक मानते हैं, जबकि अन्य उन्हें हिंदू विरोधी नीतियों के लिए याद करते हैं।
क्या चलेगा बुलडोजर?
महाराष्ट्र में बीजेपी के कई नेताओं द्वारा औरंगजेब की मजार पर बुलडोजर चलाने की मांग की जा रही है। हालांकि, सरकार ने अब तक इस संबंध में कोई ठोस निर्णय नहीं लिया है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह मामला सिर्फ धार्मिक ही नहीं, बल्कि राजनीतिक भी बन चुका है। अगर सरकार इस दिशा में कोई कदम उठाती है, तो यह बड़े विवाद का रूप ले सकता है।
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महाराष्ट्र में राजनीतिक समीकरण पर असर
इस विवाद के कारण महाराष्ट्र की राजनीति में हलचल बढ़ गई है। समाजवादी पार्टी और कांग्रेस इस मामले में बीजेपी पर ध्रुवीकरण का आरोप लगा रही हैं। वहीं, शिवसेना (शिंदे गुट) और एनसीपी भी इस मुद्दे पर अपनी राय देने से बच रही हैं।