1 अप्रैल से बदल जाएंगे बैंक के नियम! ज़रा सी लापरवाही पर लग सकता है चार्ज – जानिए पूरी डिटेल

अगर आपका खाता किसी भी बैंक में है, तो यह खबर आपके लिए बेहद जरूरी है! 1 अप्रैल 2025 से सेविंग्स अकाउंट, एटीएम ट्रांजैक्शन और डिजिटल बैंकिंग से जुड़े कई नियमों में बड़ा बदलाव होने जा रहा है। जानिए कैसे ये बदलाव आपके पैसों और बैंकिंग अनुभव को सीधे प्रभावित करेंगे — पढ़ें पूरी डिटेल्स

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Written byRohit Kumar

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1 अप्रैल से बदल जाएंगे बैंक के नियम! ज़रा सी लापरवाही पर लग सकता है चार्ज – जानिए पूरी डिटेल
1 अप्रैल से बदल जाएंगे बैंक के नियम! ज़रा सी लापरवाही पर लग सकता है चार्ज – जानिए पूरी डिटेल

1 अप्रैल 2025 से देशभर में बैंकिंग नियमों में बड़ा बदलाव होने जा रहा है, जिसका असर सीधे आम ग्राहकों पर पड़ेगा। अगर आपका खाता किसी भी सरकारी या निजी बैंक में है, तो यह खबर आपके लिए बेहद अहम है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा अनुमोदित नए बदलावों के तहत एटीएम (ATM) ट्रांजैक्शन से लेकर मिनिमम बैलेंस और सेविंग्स अकाउंट की ब्याज दरों तक कई अहम नियम बदलने जा रहे हैं। इस लेख में हम आपको इन सभी बदलावों की विस्तार से जानकारी देंगे, ताकि आप समय रहते खुद को इन बदलावों के लिए तैयार कर सकें।

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एटीएम ट्रांजैक्शन होगा महंगा, इंटरचेंज फीस में बढ़ोतरी

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भारतीय रिजर्व बैंक ने एटीएम इंटरचेंज फीस (ATM Interchange Fee) में वृद्धि की मंजूरी दे दी है। अब अगर कोई ग्राहक अपने होम बैंक नेटवर्क के बाहर जाकर किसी अन्य बैंक के एटीएम से कैश निकालता है या बैलेंस चेक करता है, तो उसे पहले की तुलना में ज्यादा शुल्क देना होगा।

अब तक ग्राहकों को एटीएम से नकद निकालने पर 17 रुपए शुल्क देना पड़ता था, लेकिन 1 अप्रैल 2025 से यह बढ़कर 19 रुपए हो जाएगा। वहीं, बैलेंस चेक करने के लिए पहले 6 रुपए शुल्क लगता था, जिसे अब बढ़ाकर 7 रुपए कर दिया गया है।

इस बदलाव का उद्देश्य डिजिटल पेमेंट्स को बढ़ावा देना और नकदी पर निर्भरता को कम करना है। हालांकि, इससे उन ग्राहकों पर असर पड़ेगा जो नियमित रूप से एटीएम का उपयोग करते हैं।

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डिजिटल बैंकिंग में आएंगे नए फीचर्स, होगी ज्यादा सुरक्षा

बैंकिंग को और अधिक सुरक्षित और यूज़र फ्रेंडली बनाने के लिए बैंकों ने डिजिटल बैंकिंग (Digital Banking) सेवाओं में बड़ा सुधार करने का फैसला लिया है।

अब ग्राहक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) से संचालित चैटबॉट की सहायता से कई सेवाओं का लाभ ले सकेंगे। ये चैटबॉट 24×7 उपलब्ध होंगे और सरल भाषा में बैंकिंग समाधान प्रदान करेंगे।

साथ ही, डिजिटल ट्रांजैक्शंस को सुरक्षित बनाने के लिए टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन (2FA) और बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन जैसे उपाय लागू किए जाएंगे। इसका मुख्य उद्देश्य फर्जीवाड़ा और साइबर फ्रॉड को रोकना है।

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मिनिमम बैलेंस रखने के नियमों में बदलाव

1 अप्रैल 2025 से स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI), पंजाब नेशनल बैंक (PNB), केनरा बैंक जैसे प्रमुख बैंकों ने अपने मिनिमम बैलेंस (Minimum Balance) नियमों में संशोधन किया है।

अब यह मिनिमम बैलेंस ग्राहक के खाते की भौगोलिक स्थिति—शहरी, अर्ध-शहरी या ग्रामीण क्षेत्र—के आधार पर तय किया जाएगा। अगर कोई ग्राहक अपने खाते में तय राशि से कम बैलेंस रखता है, तो उसे पेनल्टी (Penalty) चुकानी पड़ सकती है।

ग्राहकों को सलाह दी जाती है कि वे अपने खाते की स्थिति की जानकारी लेकर तय न्यूनतम बैलेंस बनाए रखें, ताकि अतिरिक्त शुल्क से बचा जा सके।

सेविंग्स अकाउंट और FD की ब्याज दरों में बदलाव

बैंकों द्वारा सेविंग्स अकाउंट (Savings Account) और फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) पर ब्याज दरों (Interest Rates) में भी संशोधन किया जा रहा है।

अब सेविंग्स अकाउंट में मिलने वाला ब्याज खाता बैलेंस के अनुसार तय किया जाएगा। यानी जिन ग्राहकों का अकाउंट बैलेंस ज्यादा होगा, उन्हें बेहतर रिटर्न (Better Returns) मिलेगा। इससे बैंकिंग व्यवस्था में पारदर्शिता आएगी और ग्राहक ज्यादा बचत के लिए प्रेरित होंगे।

वहीं, फिक्स्ड डिपॉजिट की ब्याज दरों में भी बैंक प्रतिस्पर्धा के आधार पर मामूली बदलाव कर सकते हैं।

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बैंकिंग सेक्टर में बढ़ेगा डिजिटल ट्रांजैक्शन का दबदबा

इन सभी बदलावों के पीछे मुख्य उद्देश्य है कि देश में डिजिटल ट्रांजैक्शन (Digital Transaction) को अधिक से अधिक बढ़ावा दिया जाए। नकदी रहित अर्थव्यवस्था की दिशा में यह कदम काफी अहम माना जा रहा है।

सरकार और बैंक दोनों मिलकर डिजिटल बैंकिंग की सुरक्षा, स्पीड और सुविधा को बेहतर बना रहे हैं। आने वाले समय में बायोमेट्रिक एटीएम, AI आधारित फाइनेंशियल एडवाइज़र और वर्चुअल कस्टमर सर्विस जैसे कई अत्याधुनिक फीचर्स ग्राहकों के लिए उपलब्ध होंगे।

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