
सीतापुर जिले में Ration Card धारकों के लिए सरकार ने एक अहम फैसला लिया है। जिले में 7.72 लाख राशन कार्डों पर कुल 31.44 लाख यूनिट दर्ज हैं, जिनका ई-केवाईसी (e-KYC) कराया जाना अनिवार्य है। यह प्रक्रिया पिछले वर्ष से चल रही है, लेकिन अब तक लगभग 24.33 लाख यूनिट का ही सत्यापन हो सका है। सरकार ने अब अंतिम मौका देते हुए ई-केवाईसी की आखिरी तारीख 30 अप्रैल 2025 निर्धारित की है।
जिन यूनिटों का इस तिथि तक ई-केवाईसी पूरा नहीं होगा, उन नामों को राशन कार्ड से स्वत: हटा दिया जाएगा। इसका मतलब है कि राशन कार्ड पर दर्ज उन व्यक्तियों को सरकारी राशन योजना का लाभ नहीं मिल सकेगा।
सरकार क्यों करा रही है ई-केवाईसी? पारदर्शिता और सही हकदार तक पहुंचाने का प्रयास
ई-केवाईसी (e-KYC) का मुख्य उद्देश्य राशन प्रणाली में पारदर्शिता लाना और यह सुनिश्चित करना है कि योजना का लाभ केवल योग्य लाभार्थियों को ही मिले। सरकार को इस प्रक्रिया में कई अनियमितताओं की जानकारी मिली थी, जैसे कि मृतक व्यक्तियों के नाम पर राशन जारी हो रहा था, या जिन लड़कियों की शादी हो चुकी है वे अब भी अपने मायके के राशन कार्ड में दर्ज हैं।
इतना ही नहीं, सरकारी नौकरी करने वाले लोगों के परिवार के सदस्य भी निशुल्क राशन योजना का लाभ ले रहे थे, जो योजना की भावना के विरुद्ध है। इन सब कारणों को ध्यान में रखते हुए सरकार ने राशन कार्ड की यूनिटों का डिजिटल सत्यापन कराने का निर्णय लिया है।
अब तक कितने यूनिटों का हुआ सत्यापन?
सीतापुर जिले में कुल 31.44 लाख यूनिट हैं। इनमें से अब तक 24.33 लाख यूनिट का ई-केवाईसी सफलतापूर्वक पूरा किया जा चुका है। इसका मतलब है कि लगभग 77% यूनिटों की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है।
लेकिन अभी भी करीब 7.10 लाख यूनिट ऐसे हैं जिनका सत्यापन नहीं हुआ है। यह आंकड़ा सरकार के लिए चिंता का विषय बना हुआ है, क्योंकि ई-केवाईसी न होने से इन यूनिटों के नाम स्वतः राशन कार्ड से हट जाएंगे।
कौन से लोग हो सकते हैं प्रभावित?
जो लोग अब तक ई-केवाईसी नहीं करवा सके हैं, उनमें बड़े हिस्से में ग्रामीण क्षेत्र के लोग शामिल हैं, जिन्हें शायद जानकारी की कमी है या तकनीकी कारणों से समस्या आ रही है।
इसके अलावा कुछ लोग जानबूझकर ई-केवाईसी नहीं करवा रहे क्योंकि वे जानते हैं कि वे पात्र नहीं हैं — जैसे मृतक व्यक्तियों के नाम, शादीशुदा महिलाएं जो अब अन्य परिवार में रह रही हैं, या जिनके पास अब निजी आय के पर्याप्त स्रोत हैं।
क्या होगा अगर यूनिट कट गई तो?
अगर 30 अप्रैल तक e-KYC नहीं कराया गया तो संबंधित यूनिट अपने आप राशन कार्ड से कट जाएगी। इसका असर यह होगा कि उस व्यक्ति को अब सरकारी राशन नहीं मिलेगा।
सरकार की योजना के अंतर्गत राशन कार्ड में दर्ज किसी भी व्यक्ति के अंगूठे का बायोमेट्रिक सत्यापन होने पर राशन मिल जाता है, इसलिए कई बार पूरे परिवार का सत्यापन जरूरी नहीं समझा गया। लेकिन अब सरकार हर यूनिट का सत्यापन कराना अनिवार्य कर चुकी है।
कहां करवा सकते हैं ई-केवाईसी?
ई-केवाईसी प्रक्रिया को पूरा करने के लिए राशन कार्ड धारक नजदीकी सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) केंद्र, जनसेवा केंद्र (CSC) या राशन डीलर के पास जाकर आधार कार्ड के साथ बायोमेट्रिक सत्यापन करवा सकते हैं।
यह प्रक्रिया पूरी तरह निशुल्क है और किसी भी अतिरिक्त दस्तावेज की जरूरत नहीं होती जब तक आधार कार्ड में सही जानकारी दर्ज हो।
आखिरी मौका: 30 अप्रैल की डेडलाइन
सरकार पहले भी इस प्रक्रिया की समय-सीमा कई बार बढ़ा चुकी है, लेकिन अब कहा गया है कि 30 अप्रैल के बाद कोई और मौका नहीं दिया जाएगा। इस वजह से जिन लोगों ने अभी तक ई-केवाईसी नहीं कराया है, उनके लिए यह अंतिम अवसर है।
यदि आप या आपके परिवार का कोई सदस्य राशन कार्ड पर दर्ज है, तो सुनिश्चित करें कि उसका e-KYC समय रहते हो जाए, वरना बाद में नाम कटने के बाद दोबारा जुड़वाना लंबी और जटिल प्रक्रिया हो सकती है।
राशन कार्ड से नाम कटने की नौबत न आए — अभी कराएं ई-केवाईसी
सरकार की ओर से यह स्पष्ट कर दिया गया है कि कोई माफी या अपील की गुंजाइश नहीं होगी। जिन यूनिटों का e-KYC नहीं होगा, वे कार्ड से स्वत: हट जाएंगी। यह कदम उन लोगों के खिलाफ है जो सिस्टम का दुरुपयोग कर रहे थे, लेकिन अगर लापरवाही से कोई पात्र व्यक्ति भी इससे प्रभावित होता है, तो उसका नुकसान बहुत बड़ा हो सकता है।