Property Rights for Son-in-Law: क्या दामाद को मिल सकती है ससुर की संपत्ति? जानिए वो कानूनी सच जिसे सबको जानना चाहिए

भारतीय कानून में दामाद को वारिस नहीं माना जाता, लेकिन कुछ कानूनी तरीकों से वह ससुर की संपत्ति का हकदार बन सकता है। जानिए वो खास रास्ते जो बना सकते हैं दामाद को करोड़पति!

Photo of author

Written byRohit Kumar

verified_75

Published on

Property Rights for Son-in-Law: क्या दामाद को मिल सकती है ससुर की संपत्ति? जानिए वो कानूनी सच जिसे सबको जानना चाहिए
Property Rights for Son-in-Law: क्या दामाद को मिल सकती है ससुर की संपत्ति? जानिए वो कानूनी सच जिसे सबको जानना चाहिए

भारत में Inheritance Laws of India यानी उत्तराधिकार कानूनों को लेकर समय-समय पर कई बदलाव और कानूनी व्याख्याएं सामने आती रही हैं। भारतीय समाज में प्रॉपर्टी का मामला सिर्फ संपत्ति तक सीमित नहीं रहता, यह भावनाओं, रिश्तों और कानूनी दावेदारियों का भी विषय बन जाता है। खासकर जब बात किसी की मृत्यु के बाद संपत्ति के बंटवारे की आती है, तो यह जानना बेहद जरूरी हो जाता है कि कानून किसे वारिस मानता है और किसे नहीं।

खून के रिश्तों पर आधारित होते हैं उत्तराधिकार कानून

भारत में सबसे प्रमुख उत्तराधिकार कानूनों में से एक है हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम। यह कानून खास तौर पर उन लोगों पर लागू होता है जो हिंदू, बौद्ध, जैन और सिख धर्म को मानते हैं। इस कानून में संपत्ति के वारिसों की प्राथमिकता खून के रिश्तों पर आधारित होती है। यानी आमतौर पर प्रॉपर्टी का हकदार मृतक की पत्नी, बेटे-बेटी, माता-पिता और भाई-बहन होते हैं। इस दायरे से बाहर के लोगों को तब तक संपत्ति का अधिकार नहीं मिल सकता, जब तक कि वसीयत के जरिए उन्हें वारिस घोषित न किया गया हो।

ससुर और दामाद के बीच प्रॉपर्टी विवाद की हकीकत

Earthnewj से अब व्हाट्सप्प पर जुड़ें, क्लिक करें

अक्सर भारतीय समाज में ससुर और दामाद के बीच प्रॉपर्टी को लेकर विवाद सामने आते हैं। लेकिन यह समझना जरूरी है कि भारतीय कानून में दामाद को खून का रिश्ता नहीं माना गया है। इसलिए ससुर की संपत्ति में दामाद को स्वतः कोई अधिकार प्राप्त नहीं होता। जब तक कि ससुर वसीयत या गिफ्ट डीड के जरिए दामाद को संपत्ति न सौंपें, वह कानूनी रूप से दावेदार नहीं बन सकता।

वसीयत के जरिए कोई भी बन सकता है वारिस

अगर ससुर ने संपत्ति खुद अर्जित की है, यानी वह उनकी स्व-अर्जित संपत्ति है, तो कानून उन्हें यह अधिकार देता है कि वह अपनी मर्जी से किसी को भी उसका वारिस बना सकते हैं। चाहे वह बेटा हो, बेटी हो, दामाद हो या फिर कोई बाहर का व्यक्ति। इसके लिए जरूरी है कि एक वैध वसीयत बनाई गई हो, जिसमें संपत्ति के बंटवारे का स्पष्ट उल्लेख हो। वसीयत के जरिए दामाद को वारिस बनाना पूरी तरह से कानूनी होता है।

गिफ्ट डीड: बिना वसीयत भी मिल सकती है संपत्ति

संपत्ति हस्तांतरण का एक और कानूनी तरीका है गिफ्ट डीड। यदि ससुर अपने जीवनकाल में अपनी संपत्ति का कुछ हिस्सा या पूरी संपत्ति दामाद को देना चाहते हैं, तो वह इसे गिफ्ट डीड के जरिए ट्रांसफर कर सकते हैं। इस प्रक्रिया में संपत्ति देने और लेने वाले दोनों की सहमति होती है और इसे रजिस्टर्ड कराना जरूरी होता है। गिफ्ट डीड के जरिए संपत्ति का ट्रांसफर पूरी तरह से वैध माना जाता है।

Also ReadEPFO में बड़ा बदलाव! अब PF का पैसा होगा और भी सेफ – बन रहा अलग से रिजर्व फंड! अब ज्यादा सुरक्षित होगा PF का पैसा

EPFO में बड़ा बदलाव! अब PF का पैसा होगा और भी सेफ – बन रहा अलग से रिजर्व फंड! अब ज्यादा सुरक्षित होगा PF का पैसा

संपत्ति में योगदान देने पर बनता है दावा

कई बार ऐसा होता है कि दामाद ने ससुर को संपत्ति खरीदने में आर्थिक मदद दी होती है या किसी अन्य रूप में योगदान दिया होता है। अगर यह योगदान दस्तावेज़ी रूप में सिद्ध किया जा सकता है, तो दामाद कानूनी तौर पर दावा कर सकता है कि उसने संपत्ति में योगदान दिया है। हालांकि, इस तरह का दावा मजबूत तभी बनता है जब इसके पर्याप्त प्रमाण मौजूद हों। अदालत ऐसे मामलों में तथ्य और दस्तावेजों के आधार पर ही निर्णय देती है।

बेटी की मौत के बाद संपत्ति पर दामाद का हक

यदि ससुर की मृत्यु के बाद उनकी बेटी को संपत्ति विरासत में मिलती है और उसके कुछ समय बाद बेटी की मृत्यु हो जाती है, तो उस स्थिति में मामला और भी संवेदनशील हो जाता है। यदि बेटी ने कोई वसीयत नहीं बनाई है, तो उसकी संपत्ति उसके कानूनी वारिसों में बांटी जाती है। ऐसी स्थिति में दामाद को अपनी पत्नी की संपत्ति में हिस्सा मिल सकता है, खासकर तब जब उनके बच्चे न हों। हालांकि, इसका निर्धारण भी उत्तराधिकार कानून और विशेष परिस्थितियों पर निर्भर करता है।

कानून को समझना जरूरी है

Inheritance Laws of India के अंतर्गत संपत्ति के अधिकार, वारिसों की प्राथमिकता, और विवादों के समाधान को लेकर स्पष्ट प्रावधान बनाए गए हैं। लेकिन फिर भी आम लोगों में इन कानूनों की जानकारी कम होती है, जिससे कई बार प्रॉपर्टी विवाद अदालतों तक पहुंच जाते हैं। इसलिए अगर आपके परिवार या रिश्तों में संपत्ति से जुड़ा कोई मामला है, तो संबंधित कानूनों की पूरी जानकारी लेना और जरूरत पड़ने पर कानूनी सलाह लेना बेहद जरूरी हो जाता है।

Also ReadIPL से ठीक पहले बदला गया शेड्यूल! KKR vs LSG मैच को लेकर आई बड़ी अपडेट, जानें क्या है इसकी वजह

IPL से ठीक पहले बदला गया शेड्यूल! KKR vs LSG मैच को लेकर आई बड़ी अपडेट, जानें क्या है इसकी वजह

You might also like

Leave a Comment

हमारे Whatsaap ग्रुप से जुड़ें