1kW सोलर सिस्टम
गर्मी के सीजन में बिजली की डिमांड एवं खर्च में वृद्धि होती है और बिजली के बिल में भी बड़ोत्तरी देखने को मिलती है। साथ ही बिजली जाने के कारण लोगो को काफी दिक्कतों को भी झेलना पड़ता है। ऐसी बातो के हल के लिए और बिजली बिल में कमी लाने को सोलर पैनल इंस्टाल करना ही सही हल है। अब जिन भी लोगो के घरों बिजली का लोड कम हो तो वो 1 kW कैपेसिटी के सोलर सिस्टम को इंस्टाल कर सकते है।
आज के इस आर्टिकल में आपको 1 kW के सोलर सिस्टम ओके इंस्टाल करने के खर्च की जानकारी देंगे। 1 kW के सोलर पैनल सिस्टम से घर के सामान्य उपकरण जैसे – टेलीविजन, 1 पंखा एवं 4 से 5 LED बल्ब को इस्तेमाल कर पाएंगे। ये सिस्टम कैपेसिटी वैसी जगहों के लिए काफी है जोकि हर दिन 5 यूनिट के पावर लोड को इस्तेमाल कर रहे हो। 1 kW के सोलर पैनल से हर दिन इतनी बिजली पैदा हो सकेगी।
सोलर सिस्टम के उपकरण
एक सोलर सिस्टम में काफी पार्ट्स होते है जैसे सोलर पैनल, सोलर इन्वर्टर एवं सोलर बैटरी। सोलर पैनल पॉलीक्रिस्टलाइन, मोनोक्रिस्टलाइन एवं बाइफेशियल टाइप में आते है। सोलर पैनलों के अतिरिक्त सोलर सिस्टम में PWM अथवा MPPT तकनीक के सोलर इन्वर्टर को इस्तेमाल करते है जोकि पैनलों से पैदा हो रहे DC करंट को AC करंट में बदलने का काम करते है। फिर बैटरी इस बिजली को स्टोर कर लेती है।
सोलर सिस्टम के टाइप
1 किलोवाट ऑन ग्रिड सोलर सिस्टम को इलेक्ट्रिक ग्रिड से जोड़ते है ताकि सिस्टम एवं ग्रिड में बिजली का लेनदेन हो पाए। ये सिस्टम आपको प्रदेश एवं केंद्र की सब्सिडी का लाभ देता है और सरलता से लोन भी मिल जाता है। यह सिस्टम कम पावर कट वाले इलाको में उपर्युक्त रहते है और ये बैटरी को प्रयोग में नही लाते है।
वही ऑफ ग्रिड सोलर सिस्टम के मामले में सोलर पैनल से पैदा हुई बिजली को बैटरी में स्टोर करते है जिसको बाद में इस्तेमाल करते है। ये सिस्टम इंडिपेंडेंट होकर अपना कार्य करता है एवं पावर कट वाले क्षेत्रों में काफी अच्छा रहता है। इसमें स्टोर होने वाली बिजली को बिजली जाने पर इस्तेमाल कर सकते है।
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1kW ऑफ़-ग्रिड सोलर सिस्टम का मूल्य
सोलर पैनल | 30 हजार रुपए |
सोलर इन्वर्टर | 15 हजार रुपए |
सोलर बैटरी | 20 हजार रुपए |
टोटल कॉस्ट | 70 हजार रुपए |